सरगुजा : छत्तीसगढ़ के एक विधायक की हरकत ने प्रदेश की भूपेश बघेल सरकार की मुश्किलें बढ़ा दी हैं. सरगुजा संभाग के समस्त सहकारी बैंक कर्मचारी अवकाश लेकर के हड़ताल कर रहे हैं. इस हड़ताल से किसानों को मिलने वाली कई सुविधाएं बंद हैं. सरगुजा संभाग भर में रोजाना करीब 100 करोड़ से अधिक का लेन देन सहकारी बैंक के माध्यम से होता है. दो दिवसीय हड़ताल से 200 करोड़ के अधिक का ट्रांजैक्शन तो प्रभावित होना तय है. लेकिन अगर हड़ताल के दूसरे दिन भी सरकार ने विधायक के खिलाफ कार्रवाई नहीं की तो मुश्किल और बढ़ जाएगी, क्योंकि हड़ताल के दूसरे दिन से जिले के सभी सहकारी समितियों के कर्मचारी भी हड़ताल को समर्थन देने जा रहे हैं. इससे धान खरीदी केंद्रों में भी ताला लटक जाएगा.
तैश में आकर विधायक ने जड़ दिए थे थप्पड़: पूरा मामला बलरामपुर जिले का है. यहां की रामानुजगंज विधानसभा क्षेत्र के कांग्रेस विधायक बृहस्पति सिंह ने किसानों से शिकायत मिलने पर, तैश में आकर सहकारी बैंक के दो कर्मचारियों को थप्पड़ जड़ दिया था. यह घटना 3 अप्रैल की है. हालांकि किस्मत ने उनका साथ नहीं दिया और यह घटना सीसीटीवी कैमरे में रिकाॅर्ड हो गई. अब कर्मचारियों ने इसकी शिकायत की है.
हड़ताल से 2 दिन में 200 करोड़ से अधिक का ट्रांजैक्शन प्रभवित: सहकारी बैंक के मुख्यालय अंबिकापुर में सभी सीनियर पदाधिकारी अपने कर्मचारियों के समर्थन में लामबंद हैं. कर्मचारियों ने सरकार को दो दिन का समय देते हुए दो दिन की हड़ताल की है. जिले की सभी 30 शाखाओं में काम बंद होने से पहले दिन ही करीब 100 करोड़ से अधिक के ट्रांजैक्शन का नुकसान होने का अनुमान है. दो दिन यह नुकसान 200 करोड़ से पार हो जाएगा. वर्तमान में राज्य सरकार की ज्यादातर महत्वकांक्षी योजनाओं के क्रियान्वयन का लोड इसी बैंक पर है. गोधन न्याय योजना हो या राजीव न्याय योजना सभी का पैसा इसी बैंक के जरिए किसानों को मिलता है.
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कार्रवाई नहीं हुई तो अनिश्चितकालीन हड़ताल: आंदोलन कर रहे पदाधिकारियों ने साफ कहा है कि अगर हमरी सुरक्षा की व्यवस्था और विधायक के खिलाफ कार्रवाई नहीं होती है तो, यह आंदोलन अनिश्चितकालीन हो जाएगा. अभी तो सिर्फ संभाग में हड़ताल है फिर पूरे प्रदेश में हड़ताल होगी. तमाम संगठनों का सहयोग हमको मिल चुका है और प्रदेश भर के सहकारी बैंक कर्मचारी भी आंदोलन में शमिल होना चाह रहे हैं.
धान खरीदी केंद्र भी हो जाएंगे बंद: धान समितियों में कार्यरत सहकारी कर्मचारी संगठन के पदाधिकारी हिदायतुल्ला खान ने भी, अपने संगठन की ओर से हड़ताल का समर्थन कर दिया है. कल से ये लोग भी हड़ताल पर रहेंगे, जिसके बाद ना तो सहकारी समितियां खुलेंगी और ना ही सहकारी बैंक. इससे न सिर्फ बिजनेस का नुकसान होगा बल्कि किसानों को भी समस्याओं का सामना करना पड़ेगा. अब देखना होगा कि न्याय की बात करने वाली सरकार, क्या अपने ही विधायक के खिलाफ अपराध दर्ज करा कर बैंक कर्मचारियों को न्याय दिला सकेगी. या फिर एक बड़े आंदोलन का खामियाजा प्रदेश के किसानों को भुगतना पड़ेगा.