सरगुजा: कोरोना संक्रमण के खतरे को देखते हुए लागू किए गए लॉकडाउन में मिली छूट के बाद मजदूरों का आवागमन एक राज्य से दूसरे राज्य पैदल ही जारी है. इसके बाद इन मजदूरों को उनके गृह ग्राम के बार्डर तक बसों के माध्यम से छोड़ा जा रहा है. इन्हीं मजदूरों की स्क्रीनिंग और उन्हें क्वॉरेंटाइन करने के उद्देश्य से बलरामपुर व सरगुजा जिला प्रशासन ने बॉर्डर मीटिंग आयोजित की है.
रेवटी चेक प्वाइंट पर हुई बॉर्डर मीटिंग में बलरामपुर जिले के कलेक्टर संजीव झा, एसपी टीआर कोशिमा, सूरजपुर जिले के कलेक्टर दीपक सोनी, एसपी राजेश कुकरेजा सहित अन्य अधिकारी शामिल हुए. इस बॉर्डर मीटिंग में यह तय किया गया कि जिलों से होकर आने वाले मजदूरों और नागरिकों की जानकारी एक दूसरे से साझा की जाए, ताकि उन्हें समय पर जांच के बाद क्वॉरेंटाइन किया जा सके.
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झारखण्ड, बिहार, उत्तर प्रदेश के साथ ही मध्य प्रदेश गए मजदूर वापस लौट रहे हैं. इसके साथ ही अन्य राज्यों से मजदूर प्रदेश की सीमाओं से होकर अपने घर के लिए जा रहे हैं. ऐसे में इन मजदूरों की स्क्रीनिंग जरूरी है. बाहरी राज्यों से बलरामपुर और सरगुजा होते हुए मजदूर प्रदेश में प्रवेश कर रहे हैं.
चेक प्वॉइंट पर तैनात किए गए अफसर
इन मजदूरों के लिए अलग-अलग चेक प्वाइंट पर अधिकारियों को तैनात किया गया है, जो कि दूसरे राज्यों से बसों और अन्य माध्यम से आने वाले लोगों को रोककर उनकी स्क्रीनिंग करते हैं. इसके बाद संबंधित जिले के लिए रवाना करते हैं. दूसरे राज्यों से आने-जाने वाले मजदूरों की जानकारी आदान-प्रदान करने के लिए बॉर्डर मीटिंग का आयोजन रेवटी बॉर्डर पर किया गया. इसमें दोनों जिलों के कलेक्टर, एसपी और अन्य आला अधिकारी शामिल हुए.
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इस मीटिंग का उद्देश्य था कि दूसरे राज्यों से आए मजदूर जो कि इन जिलों से होते हुए घर वापसी कर रहे हैं, उनकी जानकारी एक दूसरे को दे दी जाए, ताकि उनकी स्क्रीनिंग की जा सके और उन्हें क्वॉरेंटाइन किया जा सके. साथ ही बाहर से आने वाला कोई भी व्यक्ति प्रशासन की नजर से ना छूटे.