सरगुजा : अंबिकापुर से सूरजपुर के प्रतापपुर तक जाने वाली सड़क की हालत खस्ता है. बता दें कि साल 2016 में सरकार ने सड़क निर्माण की स्वीकृति दी थी.
नगर निगम के ठेकेदार की ओर से 63 लाख रुपए की लागत से सड़क का निर्माण कराया गया, लेकिन निर्माण पूरा होने से पहले हुई बारिश ने ठेकेदार की पोल खोलकर रख दी.
कई जगह से धंसने लगी सड़क
सड़क कई जगह से धंसने लगी है और उसमें दरारे भी पड़ चुकी हैं. ठेकेदार की लापरवाही का खामियाजा सड़क पर चलने वाले लोगों को उठाना पड़ रहा है. सड़क की हालत देखकर ही अंदाजा लगाया जा सकता है कि सड़क ज्यादा दिन नहीं टिक पाएगी.
बिना बेस के चढ़ा दिया गया डामर
ETV भारत की टीम ने सड़क का जायजा लिया. इस दौरान हमनें पाया कि सड़क पर बिना बेस को मजबूत किए ही डामर डाल दिया गया, जिसकी वजह से डामर की परत का कुछ हिस्सा बेस के साथ ही नीचे चला गया है.
सड़क में पड़ी दरार
कुछ जगहों पर तो डैमेज इतना अधिक था कि, डामर की परत में बड़ी दरार पड़ गई है और तो और ठेकेदार ने सड़क की चौड़ाई का भी ध्यान नहीं रखा. कहीं 8 मीटर तो कहीं 9 मीटर चौड़ी सड़क बना दी गई है. सड़क पर बने गड्ढे आए दिन हादसों को दावत दे रहे हैं
एक्सटेंशन के बाद भी काम पूरा नहीं
काम इतनी धीमी गति से चल रहा है कि ठेकेदार ने विभाग से 2 एक्सटेंशन लिए हैं, जिसमें अंतिम एक्टेंशन का वक्त भी 10 जून तक का ही था, लेकिन एक्सटेंशन के बाद भी तय सीमा में निर्माण पूरा नहीं हुआ है.
ठेकेदार पर क्यों नहीं हो रही कार्रवाई
सरगुजा कलेक्टर सड़कों की व्यवस्था को लेकर हमेशा से संजीदा देखे गए हैं. अपने छोटे कार्यकाल में उन्होंने शहर की निर्माणाधीन सड़कों का 42 बार निरिक्षण किया है और बार-बार समझाइश भी दी है, लेकिन ठेकेदार पर इसका कोई असर दिखाई नहीं देता है. ऐसे में सवाल ये उठता है कि, ठेकेदार पर कार्रवाई क्यों नहीं हो रही है.
अफसरों ने नहीं दिया जवाब
वहीं लापरवाही के लिए जिम्मेदार विभाग सड़क विकास निगम के अधिकारी से जब हमने बात करनी चाही तो उन्होंने खुद को व्यस्त बताकर बाद में बात करने की सलाह देते हुए मामले को टाल दिया.