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अंबिकापुर-सूरजपुर मार्ग की हालत खस्ता, कई जगह धंसी सड़क

सरगुजा में सड़कों की हालत बेहद खराब है, जिसका खामियाजा इसपर से गुजरने वाले राहगीरों को भुगतना पड़ रहा है.

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Published : Jun 25, 2019, 8:18 AM IST

Updated : Jul 25, 2023, 8:00 AM IST

जर्जर सड़क

सरगुजा : अंबिकापुर से सूरजपुर के प्रतापपुर तक जाने वाली सड़क की हालत खस्ता है. बता दें कि साल 2016 में सरकार ने सड़क निर्माण की स्वीकृति दी थी.

कई जगह से धंसी सड़क

नगर निगम के ठेकेदार की ओर से 63 लाख रुपए की लागत से सड़क का निर्माण कराया गया, लेकिन निर्माण पूरा होने से पहले हुई बारिश ने ठेकेदार की पोल खोलकर रख दी.

कई जगह से धंसने लगी सड़क
सड़क कई जगह से धंसने लगी है और उसमें दरारे भी पड़ चुकी हैं. ठेकेदार की लापरवाही का खामियाजा सड़क पर चलने वाले लोगों को उठाना पड़ रहा है. सड़क की हालत देखकर ही अंदाजा लगाया जा सकता है कि सड़क ज्यादा दिन नहीं टिक पाएगी.

बिना बेस के चढ़ा दिया गया डामर
ETV भारत की टीम ने सड़क का जायजा लिया. इस दौरान हमनें पाया कि सड़क पर बिना बेस को मजबूत किए ही डामर डाल दिया गया, जिसकी वजह से डामर की परत का कुछ हिस्सा बेस के साथ ही नीचे चला गया है.

सड़क में पड़ी दरार
कुछ जगहों पर तो डैमेज इतना अधिक था कि, डामर की परत में बड़ी दरार पड़ गई है और तो और ठेकेदार ने सड़क की चौड़ाई का भी ध्यान नहीं रखा. कहीं 8 मीटर तो कहीं 9 मीटर चौड़ी सड़क बना दी गई है. सड़क पर बने गड्ढे आए दिन हादसों को दावत दे रहे हैं

एक्सटेंशन के बाद भी काम पूरा नहीं
काम इतनी धीमी गति से चल रहा है कि ठेकेदार ने विभाग से 2 एक्सटेंशन लिए हैं, जिसमें अंतिम एक्टेंशन का वक्त भी 10 जून तक का ही था, लेकिन एक्सटेंशन के बाद भी तय सीमा में निर्माण पूरा नहीं हुआ है.

ठेकेदार पर क्यों नहीं हो रही कार्रवाई
सरगुजा कलेक्टर सड़कों की व्यवस्था को लेकर हमेशा से संजीदा देखे गए हैं. अपने छोटे कार्यकाल में उन्होंने शहर की निर्माणाधीन सड़कों का 42 बार निरिक्षण किया है और बार-बार समझाइश भी दी है, लेकिन ठेकेदार पर इसका कोई असर दिखाई नहीं देता है. ऐसे में सवाल ये उठता है कि, ठेकेदार पर कार्रवाई क्यों नहीं हो रही है.

अफसरों ने नहीं दिया जवाब
वहीं लापरवाही के लिए जिम्मेदार विभाग सड़क विकास निगम के अधिकारी से जब हमने बात करनी चाही तो उन्होंने खुद को व्यस्त बताकर बाद में बात करने की सलाह देते हुए मामले को टाल दिया.

सरगुजा : अंबिकापुर से सूरजपुर के प्रतापपुर तक जाने वाली सड़क की हालत खस्ता है. बता दें कि साल 2016 में सरकार ने सड़क निर्माण की स्वीकृति दी थी.

कई जगह से धंसी सड़क

नगर निगम के ठेकेदार की ओर से 63 लाख रुपए की लागत से सड़क का निर्माण कराया गया, लेकिन निर्माण पूरा होने से पहले हुई बारिश ने ठेकेदार की पोल खोलकर रख दी.

कई जगह से धंसने लगी सड़क
सड़क कई जगह से धंसने लगी है और उसमें दरारे भी पड़ चुकी हैं. ठेकेदार की लापरवाही का खामियाजा सड़क पर चलने वाले लोगों को उठाना पड़ रहा है. सड़क की हालत देखकर ही अंदाजा लगाया जा सकता है कि सड़क ज्यादा दिन नहीं टिक पाएगी.

बिना बेस के चढ़ा दिया गया डामर
ETV भारत की टीम ने सड़क का जायजा लिया. इस दौरान हमनें पाया कि सड़क पर बिना बेस को मजबूत किए ही डामर डाल दिया गया, जिसकी वजह से डामर की परत का कुछ हिस्सा बेस के साथ ही नीचे चला गया है.

सड़क में पड़ी दरार
कुछ जगहों पर तो डैमेज इतना अधिक था कि, डामर की परत में बड़ी दरार पड़ गई है और तो और ठेकेदार ने सड़क की चौड़ाई का भी ध्यान नहीं रखा. कहीं 8 मीटर तो कहीं 9 मीटर चौड़ी सड़क बना दी गई है. सड़क पर बने गड्ढे आए दिन हादसों को दावत दे रहे हैं

एक्सटेंशन के बाद भी काम पूरा नहीं
काम इतनी धीमी गति से चल रहा है कि ठेकेदार ने विभाग से 2 एक्सटेंशन लिए हैं, जिसमें अंतिम एक्टेंशन का वक्त भी 10 जून तक का ही था, लेकिन एक्सटेंशन के बाद भी तय सीमा में निर्माण पूरा नहीं हुआ है.

ठेकेदार पर क्यों नहीं हो रही कार्रवाई
सरगुजा कलेक्टर सड़कों की व्यवस्था को लेकर हमेशा से संजीदा देखे गए हैं. अपने छोटे कार्यकाल में उन्होंने शहर की निर्माणाधीन सड़कों का 42 बार निरिक्षण किया है और बार-बार समझाइश भी दी है, लेकिन ठेकेदार पर इसका कोई असर दिखाई नहीं देता है. ऐसे में सवाल ये उठता है कि, ठेकेदार पर कार्रवाई क्यों नहीं हो रही है.

अफसरों ने नहीं दिया जवाब
वहीं लापरवाही के लिए जिम्मेदार विभाग सड़क विकास निगम के अधिकारी से जब हमने बात करनी चाही तो उन्होंने खुद को व्यस्त बताकर बाद में बात करने की सलाह देते हुए मामले को टाल दिया.

Intro:सरगुज़ा : अम्बिकापुर से सूरजपुर जिले के प्रतापपुर तक जर्जर हो चुकी सड़क से लोग बेहाल थी, लंबे समय तक इसके निर्माण की मांग उठती रही, अंततः वर्ष 2016 में शासन ने इस सड़क के निर्माण की स्वीकृति दी और 63 लाख रुपये की लागत से इस सड़क का निर्माण सड़क विकास निगम द्वारा ठेकेदार के माध्यम से कराया गया, लेकिन इस सड़क के निर्माण की पूर्णता के ठीक पहले हुई बारिश ने ठेकेदार के मंसूबो को उजागर कर दिया है। सड़क कई जगह से धसकने लगी है और इस वजह से उसमे दरारे भी पड़ चुकी हैं, जाहिर है खबर प्रकाशन के बाद ठेकेदार के द्वारा इसे छिपाने का प्रयास करते हुऐ सड़क में की स्थिति सुधारी जाएगी, लेकिन लापरवाही का खामियाजा इस पूरी सड़क को और इससे आवागमन करने वाले राहगीरों को भुगतना पड़ेगा। सड़क की हालत देख कर लगता नही की यह ज्यादा दिन तक टिक पाएगी।


Body:सड़क की हालत का जायजा लेने ईटीव्ही भारत की टीम इस सड़क पर निकली और जगह जगह रुककर देखा, की किस तरह के सड़क के ऊपर डामर चढ़ा दिया गया है लेकिन वह डामर की परत का कुछ हिस्सा अपने बेस के साथ ही नीचे चला गया है, कुछ जगहों पर तो डैमेज इतना अधिक है की डामर की परत में बड़ी दरार पड़ गई है, लिहाजा सड़क दुर्घटना से लोगो को बचाने के उद्देश्य से बनाई जाने वाली सड़क बनने के बाद भी दुर्घटना का कारक बनी हुई है। इस सड़क में ठेकेदार के कारनामे ऐसे भी है की सड़क की चौड़ाई का भी ध्यान नहीं रखा गया है, कही 8 मीटर तो कहीं 9 मीटर चौड़ी ही सड़क बना दी गई है, काम इतनी धीमी गति से चल रहा है की ठेकेदार ने विभाग से 2 एक्सटेंशन लिए है, जिसमे अंतिम एक्टेंशन का वक्त भी 10 जून तक का ही था, लेकिन एक्टेंशन के बाद भी तय सीमा में निर्माण पूर्ण नही किया जा सका है।


Conclusion:जबकी सरगुज़ा कलेक्टर सड़को की व्यवस्था को लेकर हमेशा संजीदा देखे गए हैं उन्होंने अपने अल्प कार्यकाल में ही शहर की निर्माणाधीन सड़को का 42 बार निरिक्षण किया है और बार बार समझाइस भी दी है, लेकिन ठेकेदार पर इसका कोई असर दिखाई नही देता है, वहीं लापरवाही के लिए जिम्मेदार विभाग सड़क विकास निगम के अधिकारी से जब हमने बात करनी चाही तो उन्होंने खुद को व्यस्त बताकर बाद में बात करने की सलाह देते हुए मामले को टाल दिया।
Last Updated : Jul 25, 2023, 8:00 AM IST
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