सरगुजा: स्वास्थ्य मंत्री टी एस सिंह देव के गृह नगर अंबिकापुर में मौजूद संभाग के सबसे बड़े अस्पताल मेडिकल कालेज में सड़क हादसे में घायल बच्चे की मौत के बाद उसके परिजन को शव ऑटो से ले जाने को मजबूर होना पड़ा.
फोन करने पर नहीं मिली एंबुलेंस
दरअसल पोस्टमार्टम के बाद परिजन को बच्चे का शव तो सौंप दिया गया. इसके बाद उन्होंने निशुक्ल शव वाहन के लिए मुहैया कराए गए नंबर 1099 पर फोन किया, पहले तो कॉल सेंटर कर्मचारी उन्हें कुछ देर में शव वाहन भेजने के दिलासे देता रहा. लेकिन कुछ देर बाद उसने पास में वहन नहीं होने का हवाला देकर एंबुलेंस भेजने से इंकार कर दिया.
टालमटोल करता रहा अस्पताल प्रबंधन
शव वाहन नहीं मिलने के बाद बच्चे के परिजन शव को ऑटो में रखकर घर गए. इस बात की जानकारी लगने के बाद ईटीवी भारत की टीम ने जब मेडिकल कॉलेज प्रबंधन से बात की तो वो टालमटोल करता नजर आया.
जानकारी होने से किया इंकार
बहरहाल मेडिकल कालेज प्रबंधन का कहना है कि, 'उन्हें जानकारी नहीं थी वरना वो वाहन की व्यवस्था जरूर कराते. सवाल यह है की जब पोस्टमार्टम करने वाले स्टाफ को पता था तो बड़े अधिकारी को क्यों नहीं, और वाकई जानकारी नहीं थी तो, ऐसे लापरवाह कर्मचारियों के खिलाफ कार्रवाई क्यों नहीं की गई.