सरगुजा: शहरी गरीबों के निःशुल्क और बेहतर इलाज के लिए छत्तीसगढ़ में बीते वर्षों में बेहतर प्रयास किए गए हैं. स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव ने दिल्ली की तर्ज पर मोहल्ला क्लीनिक (mohalla clinic) की परिकल्पना की थी, जिसे अंबिकापुर में साकार किया जा रहा है. अंबिकपुर जिले की बात करें तो यहां मेडिकल कालेज संबंद्ध जिला अस्पताल समेत 3 प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र (Primary Health Centre) और 14 हेल्थ सेंटर (health center) बनाए गए हैं. जहां बड़ी ही आसानी से लोग अपना इलाज करा रहे हैं.
शहरी स्वास्थ्य केंद्र में तमाम सुविधाएं
शहरी गरीबों को बेहतर और निःशुल्क इलाज देने की कड़ी में नवापारा शहरी स्वास्थ्य केंद्र (urban health center) ने तो कल्पना से परे काम किया है. यहां आने के बाद आप खुद विश्वास नहीं करेंगे कि क्या कोई सरकारी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र primary health center इतनी सारी सुविधाएं भी दे सकता है.? लेकिन ये सच है. यहां मौसमी बीमारियों के नियमित इलाज के साथ कीमोथेरेपी जैसे महंगे इलाज की सुविधा भी नि:शुल्क मिल रही है. इसके साथ ही हाल ही में दर्द निवारक केंद्र भी इसी अस्पताल में खोला गया है.
जांच के लिए यहां अत्याधुनिक मशीने
लोगों की बीमारियों की जांच के लिए यहां अत्याधुनिक मशीनें लगाई गईं हैं. जो विभिन्न प्रकार के जांच की रिपोर्ट तुरंत देती है. यह सुविधा भी लोगों के लिए निःशुल्क है. साथ ही अस्पताल ने कोविड जांच में लगातार कीर्तिमान बनाया है. जिले में सबसे अधिक जांच इसी केंद्र में की गई है. अब कोरोना टीकाकरण में भी यह अस्पताल अव्वल है. इस अस्पताल को कायाकल्प पुरस्कार मिल चुका है. राष्ट्रीय स्तर पर भी देश के सर्वेश्रेष्ठ शहरी स्वास्थ्य केंद्रों की सूची में अंबिकापुर के इस अस्पताल को जगह मिल चुकी है.
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लोगों के इलाज में डॉक्टर और स्टाफ समर्पित
इतनी सारी विशेषताएं इसलिए हैं, क्योंकी यहां के डॉक्टर सेवाभाव और पूरी ईमानदारी से लोगों का इलाज करते हैं. स्टाफ की कमी है, लेकिन फिर भी सुविधा प्रदान करने में कोई कसर नहीं छोड़ी जाती है. इसके लिए टेलीमेडिसिन पद्धति का उपयोग किया जाता है. यहां के डॉक्टर मेडिकल कालेज अस्पताल के डॉक्टरों से परामर्श लेकर इलाज करते हैं. वहीं शहर के दो अन्य स्वास्थ्य केंद्र भगवानपुर और नवागढ़ के स्टाफ को यहां से टेली मेडिसिन के जरिए परामर्श दिया जाता है.
सरकारी अस्पताल के प्रति लोगों को बढ़ रहा विश्वास
अस्पताल में साफ-सफाई, गार्डन, वेटिंग रूम में एसी, टीवी जैसी सुविधाएं उपलब्ध है. मेडिसिन स्टोर में हर समय दवाइयों का स्टॉक. डॉक्टरों का मरीज से मिलनसार रवैया लोगों को भा रहा है. अब शहर के लोग निजी अस्पतालों से बच रहे हैं. शासकीय अस्पताल में इलाज कराने के प्रति उनका विश्वास बढ़ रहा है. शहरी स्वास्थ्य केंद्रों से हर माह लगभग 5 से 10% यानी करीब 2 सौ मरीज मेडिकल कालेज अस्पताल रेफर किए जाते हैं, जो गंभीर बीमारी से ग्रसित होते हैं और उनका इलाज यहां संभव नहीं हो पाता है.
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ला रही मेहनत रंग
हालांकि इतने छोटे स्वास्थ्य केंद्रों में आमतौर पर इतनी सुविधाएं नहीं होती है, लेकिन नवापारा शहरी स्वास्थ्य केंद्र की पूरी टीम ने जो मेहनत की है और उसके दम पर जो नवाचार किया है. वो एक मिसाल है. कीमोथेरेपी, दर्द निवारक केंद्र, डायग्नोस्टिक की सुविधा इस अस्पताल को बेहद खास बनाता है. यह प्रयास शहर के लोगों के लिए बड़ी राहत की बात है.