सरगुजा: स्वच्छता सर्वेक्षण 2020 को लेकर केंद्र की गाइडलाइन जारी हो चुकी है. इस बार यह प्रतियोगिता 6000 अंकों की होगी. जिसमें QCI चार चरणों में नगर निगम के दस्तावेजों की जांच करेगी. इस बार सर्वेक्षण को लेकर बनाए गए नियमों में काफी बदलाव किए गए हैं. जिस के फायदे काफी हद तक नगर निगम अंबिकापुर को होंगे. वहीं सिटीजन फीडबैक के रूप में एक बड़ी चुनौती का भी सामना नगर निगम को करना पड़ेगा. स्वच्छता सर्वेक्षण की तैयारियों को लेकर महापौर अजय तिर्की और नगर निगम आयुक्त हरीश मंडावी ने प्रेस वार्ता का आयोजन कर स्वच्छता के प्रति लोगों को जागरूक करने के उद्देश्य से एक बार फिर अपील की गई है.
स्वच्छता सर्वेक्षण 2020 को लेकर नगर निगम ने तैयारियां शुरू कर दी हैं. इस बार भी प्रतियोगिता जनवरी के पहले हफ्ते से शुरू होगी. स्वच्छता सर्वेक्षण में इस बार देश के 4 हजार 226 शहर हिस्सा ले रहे हैं. इन शहरों को तीन कैटेगरी में बांटा गया है. स्वच्छता सर्वेक्षण में एक लाख की जनसंख्या वाले शहरों को अलग, एक से 10 लाख की जनसंख्या वालों को अलग और 10 लाख से ऊपर की आबादी वाले शहरों को शामिल किया जाएगा. मतलब इस बार तीन अलग-अलग कैटेगरी में प्रतिस्पर्धा होगी.
लीग पर आधारित होगी प्रतियोगिता
सर्वेक्षण में खास बात ये है कि प्रतियोगिता लीग आधारित होगी. स्वच्छता सर्वेक्षण लीग में अप्रैल से जून, जुलाई से सितंबर और अक्टूबर से दिसंबर के बीच तीन चरणों में दस्तावेजों की जांच की जाएगी. उसके आधार पर ही 1500 अंक दिए जाएंगे.
प्लास्टिक यूनिट फार्म की स्थापना
स्वच्छता अभियान के तहत शहर में 36 शौचालयों का निर्माण कराया गया है. इसके साथ ही 17 SLRM सेंटर, टर्सरी सेंटर का संचालन किया जा रहा है. वहीं प्लास्टिक को खपाने के लिए एक प्लास्टिक यूनिट फॉर्म, कार्टून को खपाने के लिए सीमेंट प्लांट की स्थापना की गई है. इसके साथ ही नगर निगम के सभी शौचालय गूगल मैप में दर्ज किए गए हैं.
अंबिकापुर को मिलेगा फायदा
स्वच्छता सर्वेक्षण 2020 के लिए बनाए गए नियमों का अंबिकापुर नगर निगम को काफी हद तक फायदा होने वाला है इस बार सर्वेक्षण के लिए दीदी बर्तन बैंक, नेकी की दीवार, FSTP को शामिल किया गया है. निश्चित तौर पर नगर निगम को मिलने वाले अंकों में इसका फायदा होगा.
हानिकारक कचरे के लिए भी अलग डस्टबिन
स्वच्छता सर्वेक्षण के तहत इस बार गीला और सूखा कचरा के अलावा हानिकारक कचरा भी अलग से देना होगा. हानिकारक कचरे में डायपर, टूटा कांच, केमिकल सिरिंज, दवाइयां, ब्लड जैसे कचरे को शामिल किया गया है. जो समानता सभी घरों से निकलता है. अभी तक 2 तरह के कचरे को ही अलग रखने की व्यवस्था थी. लेकिन अब लोगों को तीन तरह के कचरों को अलग-अलग रखना होगा.