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स्वच्छता सर्वेक्षण 2020ः नियमों में हुए कई बदलाव, पढ़ें डिटेल - नगर निगम

स्वच्छता सर्वेक्षण 2020 को लेकर नगर निगम ने तैयारियां शुरू कर दी हैं. इस बार भी प्रतियोगिता जनवरी के पहले हफ्ते से शुरू होगी. इस बार सर्वेक्षण में खास बात ये है कि प्रतियोगिता लीग आधारित होगी.

स्वच्छता सर्वेक्षण 2020 की तैयारी
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Published : Nov 15, 2019, 12:03 PM IST

Updated : Jul 25, 2023, 8:00 AM IST

सरगुजा: स्वच्छता सर्वेक्षण 2020 को लेकर केंद्र की गाइडलाइन जारी हो चुकी है. इस बार यह प्रतियोगिता 6000 अंकों की होगी. जिसमें QCI चार चरणों में नगर निगम के दस्तावेजों की जांच करेगी. इस बार सर्वेक्षण को लेकर बनाए गए नियमों में काफी बदलाव किए गए हैं. जिस के फायदे काफी हद तक नगर निगम अंबिकापुर को होंगे. वहीं सिटीजन फीडबैक के रूप में एक बड़ी चुनौती का भी सामना नगर निगम को करना पड़ेगा. स्वच्छता सर्वेक्षण की तैयारियों को लेकर महापौर अजय तिर्की और नगर निगम आयुक्त हरीश मंडावी ने प्रेस वार्ता का आयोजन कर स्वच्छता के प्रति लोगों को जागरूक करने के उद्देश्य से एक बार फिर अपील की गई है.

स्वच्छता सर्वेक्षण 2020ः नियमों में हुए कई बदलाव

स्वच्छता सर्वेक्षण 2020 को लेकर नगर निगम ने तैयारियां शुरू कर दी हैं. इस बार भी प्रतियोगिता जनवरी के पहले हफ्ते से शुरू होगी. स्वच्छता सर्वेक्षण में इस बार देश के 4 हजार 226 शहर हिस्सा ले रहे हैं. इन शहरों को तीन कैटेगरी में बांटा गया है. स्वच्छता सर्वेक्षण में एक लाख की जनसंख्या वाले शहरों को अलग, एक से 10 लाख की जनसंख्या वालों को अलग और 10 लाख से ऊपर की आबादी वाले शहरों को शामिल किया जाएगा. मतलब इस बार तीन अलग-अलग कैटेगरी में प्रतिस्पर्धा होगी.

लीग पर आधारित होगी प्रतियोगिता
सर्वेक्षण में खास बात ये है कि प्रतियोगिता लीग आधारित होगी. स्वच्छता सर्वेक्षण लीग में अप्रैल से जून, जुलाई से सितंबर और अक्टूबर से दिसंबर के बीच तीन चरणों में दस्तावेजों की जांच की जाएगी. उसके आधार पर ही 1500 अंक दिए जाएंगे.

प्लास्टिक यूनिट फार्म की स्थापना
स्वच्छता अभियान के तहत शहर में 36 शौचालयों का निर्माण कराया गया है. इसके साथ ही 17 SLRM सेंटर, टर्सरी सेंटर का संचालन किया जा रहा है. वहीं प्लास्टिक को खपाने के लिए एक प्लास्टिक यूनिट फॉर्म, कार्टून को खपाने के लिए सीमेंट प्लांट की स्थापना की गई है. इसके साथ ही नगर निगम के सभी शौचालय गूगल मैप में दर्ज किए गए हैं.

अंबिकापुर को मिलेगा फायदा
स्वच्छता सर्वेक्षण 2020 के लिए बनाए गए नियमों का अंबिकापुर नगर निगम को काफी हद तक फायदा होने वाला है इस बार सर्वेक्षण के लिए दीदी बर्तन बैंक, नेकी की दीवार, FSTP को शामिल किया गया है. निश्चित तौर पर नगर निगम को मिलने वाले अंकों में इसका फायदा होगा.

हानिकारक कचरे के लिए भी अलग डस्टबिन
स्वच्छता सर्वेक्षण के तहत इस बार गीला और सूखा कचरा के अलावा हानिकारक कचरा भी अलग से देना होगा. हानिकारक कचरे में डायपर, टूटा कांच, केमिकल सिरिंज, दवाइयां, ब्लड जैसे कचरे को शामिल किया गया है. जो समानता सभी घरों से निकलता है. अभी तक 2 तरह के कचरे को ही अलग रखने की व्यवस्था थी. लेकिन अब लोगों को तीन तरह के कचरों को अलग-अलग रखना होगा.

सरगुजा: स्वच्छता सर्वेक्षण 2020 को लेकर केंद्र की गाइडलाइन जारी हो चुकी है. इस बार यह प्रतियोगिता 6000 अंकों की होगी. जिसमें QCI चार चरणों में नगर निगम के दस्तावेजों की जांच करेगी. इस बार सर्वेक्षण को लेकर बनाए गए नियमों में काफी बदलाव किए गए हैं. जिस के फायदे काफी हद तक नगर निगम अंबिकापुर को होंगे. वहीं सिटीजन फीडबैक के रूप में एक बड़ी चुनौती का भी सामना नगर निगम को करना पड़ेगा. स्वच्छता सर्वेक्षण की तैयारियों को लेकर महापौर अजय तिर्की और नगर निगम आयुक्त हरीश मंडावी ने प्रेस वार्ता का आयोजन कर स्वच्छता के प्रति लोगों को जागरूक करने के उद्देश्य से एक बार फिर अपील की गई है.

स्वच्छता सर्वेक्षण 2020ः नियमों में हुए कई बदलाव

स्वच्छता सर्वेक्षण 2020 को लेकर नगर निगम ने तैयारियां शुरू कर दी हैं. इस बार भी प्रतियोगिता जनवरी के पहले हफ्ते से शुरू होगी. स्वच्छता सर्वेक्षण में इस बार देश के 4 हजार 226 शहर हिस्सा ले रहे हैं. इन शहरों को तीन कैटेगरी में बांटा गया है. स्वच्छता सर्वेक्षण में एक लाख की जनसंख्या वाले शहरों को अलग, एक से 10 लाख की जनसंख्या वालों को अलग और 10 लाख से ऊपर की आबादी वाले शहरों को शामिल किया जाएगा. मतलब इस बार तीन अलग-अलग कैटेगरी में प्रतिस्पर्धा होगी.

लीग पर आधारित होगी प्रतियोगिता
सर्वेक्षण में खास बात ये है कि प्रतियोगिता लीग आधारित होगी. स्वच्छता सर्वेक्षण लीग में अप्रैल से जून, जुलाई से सितंबर और अक्टूबर से दिसंबर के बीच तीन चरणों में दस्तावेजों की जांच की जाएगी. उसके आधार पर ही 1500 अंक दिए जाएंगे.

प्लास्टिक यूनिट फार्म की स्थापना
स्वच्छता अभियान के तहत शहर में 36 शौचालयों का निर्माण कराया गया है. इसके साथ ही 17 SLRM सेंटर, टर्सरी सेंटर का संचालन किया जा रहा है. वहीं प्लास्टिक को खपाने के लिए एक प्लास्टिक यूनिट फॉर्म, कार्टून को खपाने के लिए सीमेंट प्लांट की स्थापना की गई है. इसके साथ ही नगर निगम के सभी शौचालय गूगल मैप में दर्ज किए गए हैं.

अंबिकापुर को मिलेगा फायदा
स्वच्छता सर्वेक्षण 2020 के लिए बनाए गए नियमों का अंबिकापुर नगर निगम को काफी हद तक फायदा होने वाला है इस बार सर्वेक्षण के लिए दीदी बर्तन बैंक, नेकी की दीवार, FSTP को शामिल किया गया है. निश्चित तौर पर नगर निगम को मिलने वाले अंकों में इसका फायदा होगा.

हानिकारक कचरे के लिए भी अलग डस्टबिन
स्वच्छता सर्वेक्षण के तहत इस बार गीला और सूखा कचरा के अलावा हानिकारक कचरा भी अलग से देना होगा. हानिकारक कचरे में डायपर, टूटा कांच, केमिकल सिरिंज, दवाइयां, ब्लड जैसे कचरे को शामिल किया गया है. जो समानता सभी घरों से निकलता है. अभी तक 2 तरह के कचरे को ही अलग रखने की व्यवस्था थी. लेकिन अब लोगों को तीन तरह के कचरों को अलग-अलग रखना होगा.

Intro:सरगुजा : स्वच्छता सर्वेक्षण 2020 को लेकर सेंट्रल की गाइडलाइन जारी हो चुकी है इस बार यह प्रतियोगिता 6000 अंकों की होगी इसके साथ ही प्रतियोगिता लिंग पर आधारित होगी जिसमें क्यूसीआई चार चरणों में नगर निगम के दस्तावेजों की जांच करेगी इस बार सर्वेक्षण को लेकर बनाए गए नियमों में काफी बदलाव किए गए हैं जिस के फायदे काफी हद तक नगर निगम अंबिकापुर को होंगे तो वहीं सिटीजन फीडबैक के रूप में एक बड़ी चुनौती का भी सामना नगर निगम को करना पड़ेगा स्वच्छता सर्वेक्षण की तैयारियों को लेकर महापौर डॉ अजय तिर्की और नगर निगम आयुक्त हरीश मंडावी द्वारा प्रेस वार्ता का आयोजन कर स्वच्छता के प्रति लोगों को जागरूक करने के उद्देश्य से मीडिया के माध्यम से एक बार फिर अपील की गई है दरअसल स्वच्छता सर्वेक्षण 2020 को लेकर नगर निगम द्वारा तैयारियां शुरू कर दी गई हैं इस बार भी है प्रतियोगिता जनवरी के प्रथम सप्ताह से शुरू होगी स्वच्छता सर्वेक्षण में इस बार देश के 4226 शहर हिस्सा ले रहे हैं जिन्हें तीन कैटेगरी में बांटा गया है स्वच्छता सर्वेक्षण में एक लाख की जनसंख्या वाले शहरों को अलग एक से 10 लाख की जनसंख्या वालों को अलग और 10 लाख से ऊपर की आबादी वाले शहरों को शामिल किया जाएगा मतलब इस बार तीन अलग-अलग कैटेगरी में प्रतिस्पर्धा होगी अंबिकापुर नगर निगम एक लाख से अधिक जनसंख्या वाले शहरों की सूची में शामिल होगा जिसमें 426 शहर शामिल हैं इसके साथ ही इस बार यह प्रतियोगिता 6000 अंकों की होगी जिसमें 1500 अंक डॉक्यूमेंटेशन, 1500 डायरेक्ट ऑब्जर्वेशन, 1500 सर्टिफिकेशन व 1500 अंक सिटीजन फीडबैक पर मिलेंगे सर्वेक्षण में खास बात यह है कि प्रतियोगिता लीग आधारित होगी स्वच्छता सर्वेक्षण लीग में अप्रैल से जून जुलाई से सितंबर वह अक्टूबर से दिसंबर के बीच तीन चरणों में दस्तावेजों की जांच की जाएगी और उसके आधार पर ही 1500 अंक दिए जाएंगे.

स्वच्छता अभियान के तहत शहर में 36 शौचालयों का निर्माण कराया गया है इसके साथ ही 17 एसएलआरएम सेंटर टर्सरी सेंटर का संचालन किया जा रहा है वही प्लास्टिक को खपाने के लिए एक प्लास्टिक यूनिट फॉर्म, कार्टून को खपाने के लिए सीमेंट प्लांट सेप्टिक टैंक के स्लज के लिए एसटीपी की स्थापना की गई है, इसके साथ ही नगर निगम के सभी शौचालय गूगल मैप में दर्ज किए गए हैं इस बार रिंग रोड की सफाई के लिए दो स्वीपिंग मशीन व 15 से की खरीदी की जा रही है जबकि 20 नए रिक्शा वितरित किए गए हैं नगर निगम को अब तक स्वच्छता सर्वेक्षण में वर्ष 2017 में देश में 15 एक लाख की आबादी में प्रथम स्थान वर्ष 2018 में देश में 11 एवं बेस्ट प्रैक्टिस में पहला स्थान वर्ष 2019 में देश में दूसरा इनोवेशन के लिए प्रथम स्थान मिल चुका है.


Body:स्वच्छता सर्वेक्षण 2020 के लिए बनाए गए नियमों का अंबिकापुर नगर निगम को काफी हद तक फायदा होने वाला है इस बार सर्वेक्षण के लिए दीदी बर्तन बैंक नेकी की दीवार एफएसटीपी को शामिल किया गया है जो पहले से ही अंबिकापुर नगर निगम में संचालित किए जा रहे हैं निश्चित तौर पर नगर निगम को मिलने वाले अंकों में इसका फायदा होगा वही स्वच्छता सर्वेक्षण में सेवन स्टार रेटिंग में वहीं शहर शामिल होंगे जिन्हें वाटर प्लस का दर्जा दिया जाएगा वाटर प्लस के अंतर्गत वे शहर आएंगे जो सेप्टिक टैंक के फिगर साइज का ट्रीटमेंट 20 के एल डी की मशीन से कर रहे हैं और उसके पानी का प्रयोग सिंचाई के लिए कर रहे हैं नगर निगम द्वारा सेफ्टी टैंक के मलबे को वाहन के माध्यम से उठाया जाए और उसे एक ट्रीटमेंट प्लांट में ले जाया जाता है इसके पानी का सिंचाई कार्य में प्रयोग किया जा रहा है इसके लिए नगर निगम को लगभग 280 नंबर तक मिल सकते हैं वहीं नगर निगम वाटर प्लस के लिए आवेदन करने वाला देश का पहला शहर है जल्दी ही टीम वाटर प्लस के लिए निरीक्षण करने सरगुजा आ सकती है.

स्वच्छता सर्वेक्षण के तहत इस बार गीला सूखा कचरा के अलावा हानिकारक कचरा भी अलग से देना होगा हानिकारक कचरे में डायपर पैर टूटा कांच केमिकल सिरिंज दवाइयां ब्लड जैसे कचरे को शामिल किया गया है जो समानता सभी घरों से निकलता है अभी तक 2 तरह के कचरा को ही अलग रखने की व्यवस्था थी लेकिन अब लोगों को तीन तरह के कचरों को अलग-अलग रखना होगा.

बाईट01_डॉ अजय तिर्की (मेयर)

देश दीपक सरगुज़ा


Conclusion:
Last Updated : Jul 25, 2023, 8:00 AM IST
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