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Success Story of Tribal Girl Priya Tirkey: सरगुजा में गरीब महिला की बेटी कैसे बनी नेशनल खिलाड़ी, पढ़िए ट्राइबल गर्ल की सक्सेस स्टोरी !

Success Story of Tribal Girl Priya Tirkey: अंबिकापुर की बेटी प्रिया तिर्की नेटबॉल प्लेयर है. ट्राइबल गर्ल प्रिया का चयन नेशनल नेट बॉल सब जूनियर प्रतियोगिता में हुआ है. ये प्रतियोगिता झारखंड में आयोजित होगा, जहां प्रिया छत्तीसगढ़ का प्रतिनिधित्व करेगी. आइए आपको हम बताते हैं कि कैसे पिता की मौत के बाद इस बेटी ने बिना हिम्मत हारे अपने लक्ष्य को हासिल किया है.

Success Story of Tribal Girl Priya
ट्राइबल गर्ल प्रिया तिर्की की सक्सेस स्टोरी
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By ETV Bharat Chhattisgarh Team

Published : Dec 18, 2023, 10:44 PM IST

ट्राइबल गर्ल की सक्सेस स्टोरी

अंबिकापुर: अंबिकापुर के नवापारा में रहने वाली 12 साल की प्रिया तिर्की का सेलेक्शन नेट बॉल खेल में नेशनल के लिए हुआ है. प्रिया आदिवासी समाज से आती है. वो जब कक्षा 3 में पढ़ती थी, तभी उसके पिता की मौत हो गई थी. इसके बाद प्रिया की मां नीलम तिर्की ने दूसरों के घर में झाड़ू-पोछा लगाकर दोनों बेटियों को पाला. अब दूसरों के घर में बर्तन मांजने वाली की बेटी नेशनल गेम में सेलेक्ट हुई है. प्रिया तिर्की झरखंड में होने वाले नेशनल नेट बॉल सब जूनियर प्रतियोगिता में छत्तीसगढ़ टीम का प्रतिनिधित्व करेगी.

प्रिया का सेलेक्शन सब जूनियर नेशनल नेट बॉल प्रतियोगिता के लिए हुआ: दरअसल, प्रिया को अपने सपनों का पीछा करने का शौक था. उसने अपने जीवन को साहस से भर दिया. उसकी मां नीलम तिर्की ने अपनी बेटियों को पढ़ाई-लिखाई में सहारा दिया और उन्हें सोचने का साहस दिया. जब प्रिया के पिता की मौत हो गई तो उसने खुद को मजबूती से संभाला और अपने सपनों की ओर बढ़ने का निर्णय लिया. नीलम तिर्की ने जीवन को चुनौतियों से भरा बना दिया. इसका परिणाम यह था कि प्रिया ने नेट बॉल खेल में शानदार प्रदर्शन करके सबको चौंका दिया. अब उसका सेलेक्शन सब जूनियर नेशनल नेट बॉल प्रतियोगिता के लिए हुआ है.

जब मैं क्लास 3 में थी, तब मेरे पिता गुजर गए. तब से मेरी मां दूसरों के घरों में बर्तन धोकर घर चला रही है. मैं नेट बॉल खेलती हूं. अभी झारखंड में मैं नेशनल खेलने जा रही हूं. - प्रिया तिर्की, नेट बॉल प्लेयर

प्रिया की मां ने किया उसे प्रेरित: प्रिया ने छोटे से आदिवासी परिवार में अपने संघर्षों को देखकर लोगों को यह सिखाया कि सपनों को पूरा करने के दौरान आने वाली समस्याएं इतनी भी बड़ी नहीं होती कि उसका समाधान न निकल पाए. प्रिया की मां नीलम तिर्की ने बच्चों को न केवल बेहतर शिक्षा दी बल्कि उन्हें जीवन के हर क्षेत्र में बेहतर करने की ओर प्रेरित किया.

बच्ची में लगन थी. उसके पिता का काफी पहले देहांत हो चुका था. हमने शुरुआत में मदद की. बच्ची अच्छा खेलती थी. बड़े गर्व की बात है कि उसका नेशनल में चयन हो गया.- राजेश प्रताप सिंह, कोच

प्रिया के कोच राजेश ने दी बेहतर शिक्षा: प्रिया तिर्की ने अपने जीवन के हर कदम पर अपनी मां की मेहनत और संघर्ष को याद किया और आगे बढ़ती चली गई. इस सफर में प्रिया का साथ उसके कोच राजेश प्रताप सिंह ने दिया. राजेश प्रिया के मार्गदर्शक हैं. उन्होंने प्रिया को सही दिशा में खेल की ट्रेनिंग दी और खेलने के लिए प्रेरित किया. प्रिया को राजेश ने खेल में तकनीकी बारीकियों को मजबूती से सिखाने का प्रयास किया और प्रिया को एक उच्च स्तरीय खिलाड़ी बनाने के लिए उत्साहित किया.

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ट्राइबल गर्ल की सक्सेस स्टोरी

अंबिकापुर: अंबिकापुर के नवापारा में रहने वाली 12 साल की प्रिया तिर्की का सेलेक्शन नेट बॉल खेल में नेशनल के लिए हुआ है. प्रिया आदिवासी समाज से आती है. वो जब कक्षा 3 में पढ़ती थी, तभी उसके पिता की मौत हो गई थी. इसके बाद प्रिया की मां नीलम तिर्की ने दूसरों के घर में झाड़ू-पोछा लगाकर दोनों बेटियों को पाला. अब दूसरों के घर में बर्तन मांजने वाली की बेटी नेशनल गेम में सेलेक्ट हुई है. प्रिया तिर्की झरखंड में होने वाले नेशनल नेट बॉल सब जूनियर प्रतियोगिता में छत्तीसगढ़ टीम का प्रतिनिधित्व करेगी.

प्रिया का सेलेक्शन सब जूनियर नेशनल नेट बॉल प्रतियोगिता के लिए हुआ: दरअसल, प्रिया को अपने सपनों का पीछा करने का शौक था. उसने अपने जीवन को साहस से भर दिया. उसकी मां नीलम तिर्की ने अपनी बेटियों को पढ़ाई-लिखाई में सहारा दिया और उन्हें सोचने का साहस दिया. जब प्रिया के पिता की मौत हो गई तो उसने खुद को मजबूती से संभाला और अपने सपनों की ओर बढ़ने का निर्णय लिया. नीलम तिर्की ने जीवन को चुनौतियों से भरा बना दिया. इसका परिणाम यह था कि प्रिया ने नेट बॉल खेल में शानदार प्रदर्शन करके सबको चौंका दिया. अब उसका सेलेक्शन सब जूनियर नेशनल नेट बॉल प्रतियोगिता के लिए हुआ है.

जब मैं क्लास 3 में थी, तब मेरे पिता गुजर गए. तब से मेरी मां दूसरों के घरों में बर्तन धोकर घर चला रही है. मैं नेट बॉल खेलती हूं. अभी झारखंड में मैं नेशनल खेलने जा रही हूं. - प्रिया तिर्की, नेट बॉल प्लेयर

प्रिया की मां ने किया उसे प्रेरित: प्रिया ने छोटे से आदिवासी परिवार में अपने संघर्षों को देखकर लोगों को यह सिखाया कि सपनों को पूरा करने के दौरान आने वाली समस्याएं इतनी भी बड़ी नहीं होती कि उसका समाधान न निकल पाए. प्रिया की मां नीलम तिर्की ने बच्चों को न केवल बेहतर शिक्षा दी बल्कि उन्हें जीवन के हर क्षेत्र में बेहतर करने की ओर प्रेरित किया.

बच्ची में लगन थी. उसके पिता का काफी पहले देहांत हो चुका था. हमने शुरुआत में मदद की. बच्ची अच्छा खेलती थी. बड़े गर्व की बात है कि उसका नेशनल में चयन हो गया.- राजेश प्रताप सिंह, कोच

प्रिया के कोच राजेश ने दी बेहतर शिक्षा: प्रिया तिर्की ने अपने जीवन के हर कदम पर अपनी मां की मेहनत और संघर्ष को याद किया और आगे बढ़ती चली गई. इस सफर में प्रिया का साथ उसके कोच राजेश प्रताप सिंह ने दिया. राजेश प्रिया के मार्गदर्शक हैं. उन्होंने प्रिया को सही दिशा में खेल की ट्रेनिंग दी और खेलने के लिए प्रेरित किया. प्रिया को राजेश ने खेल में तकनीकी बारीकियों को मजबूती से सिखाने का प्रयास किया और प्रिया को एक उच्च स्तरीय खिलाड़ी बनाने के लिए उत्साहित किया.

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