सरगुजा: ETV भारत की खबर का एक बार फिर असर हुआ है. ETV भारत पर खबर देखने के बाद अंबिकापुर कलेक्टर कुंदन कुमार ने कार्यालय के पास खुले हुये बोरवेल को बंद करा दिया गया है. अधिकारियों ने बोरवेल में पत्थर डालने के बाद उस पर सीमेंट से ढलाई कर उसे बंद कर दिया है.
12 जुलाई को हुई थी खबर प्रकाशित: बड़ी बात यह है कि यह खुला हुआ बोरवेल अंबिकापुर कलेक्टर कार्यालय के सभागार के बगल में स्थित था. तमाम अधिकारियों की गाड़ियां यहीं पर पार्क होती हैं. लेकिन इतने दिनों तक किसी ने इसे बन्द कराने की जहमत नहीं उठाई. 12 जुलाई को ETV भारत ने इस खबर को दिखाया. जिसके बाद कलेक्टर ने मामले में संज्ञान लिया और अधिकारियों को बोरवेल का गड्ढा बंद करने के निर्देश दिये. 19 जुलाई को खुले हुए बोरवेल को बंद कराया गया.
जनदर्शन में आने वाले बच्चों के लिए था खतरा: कलेक्टर कार्यालय परिसर में एनआईसी विभाग के ठीक सामने ही बोर कराया गया था लेकिन बोर सफल नहीं हुआ. बाद में विभाग के अधिकारियों और ठेकेदार की लापरवाही से गड्ढे को खुला ही छोड़ दिया गया था. खुला हुआ बोर हादसे को न्यौता दे रहा था. एनआईसी के बगल में ही कलेक्टर सभाकक्ष है, जहां हर मंगलवार को जनदर्शन लगता है. इस जनदर्शन में ग्रामीणों की भीड़ लगती है. ग्रामीण अपने बच्चों के साथ आते है. ऐसे में खुला हुआ बोर किसी हादसे का कारण बन सकता था.
जांजगीर हादसे के बाद जारी हुये थे निर्देश: बीते साल प्रदेश के जांजगीर चांपा जिले में राहुल नामक बच्चा बोरवेल में गिर गया था. बच्चे को निकालने के लिए 105 घंटे तक रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया गया था. खुद सीएम इस मामले में सीधा अपडेट ले रहे थे. इस घटना के बाद मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने सभी जिलों के कलेक्टर को निर्देश जारी कर खुले बोरवेल या बेकार बड़े कुंआ को बंद करने के निर्देश दिए थे. लेकिन संभाग मुख्यालय के अंबिकापुर कलेक्टर कार्यालय में ही विभागीय अधिकारियों की लापरवाही से बोरवेल खुआ पड़ा था.