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Chhattisgarh Election 2023: सरगुजा की विधायक फैमिली, इस परिवार में 6 बार लोग रहे हैं विधायक, जानिए - विधानसभा चुनाव

Chhattisgarh Election 2023 सरगुजा के लुंड्रा विधानसभा में एक ऐसा परिवार है, जिसके सदस्य 6 बार विधायक इस सीट से विधायक चुने गए हैं. हम बात कर रहे हैं लुंड्रा सीट से वर्तमान विधायक डॉ प्रीतम राम के परिवार की. इस साल फिर डॉ प्रीतम राम विधानसभा चुनाव लड़ने की तैयारी में हैं. आइये जानते हैं आखिर क्यों क्षेत्र की जनता ने एक ही परिवार के सदस्यों को इतनी बार विधायक चुना है. MLA Family of Lundra

Chhattisgarh Election 2023
सरगुजा की विधायक फैमिली
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By ETV Bharat Chhattisgarh Team

Published : Oct 2, 2023, 12:34 PM IST

Updated : Oct 5, 2023, 3:58 PM IST

लुंड्रा सीट पर इनके परिवार का दबदबा

अंबिकापुर: सरगुजा में एक ऐसा परिवार है, जिसके सदस्य 6 बार विधायक रहे हैं और अब 7वीं बार भी चुनाव लड़ने की तैयारी है. परिवार के 3 सदस्य दो-दो बार विधायक रहे हैं. यह कहानी है जिले के लुंड्रा विधानसभा के वर्तमान विधायक डॉ प्रीतम राम के परिवार की. डॉ प्रीतम राम फिर से विधानसभा चुनाव लड़ने की तैयारी में हैं.

प्रीतम राम के परिवार का इतिहास: लुंड्रा के गांव गगोली में रहने वाले आदिवासी समाज के चमरू राम 1967 में कांग्रेस की टिकट से चुनाव लड़े और विधायक बने. इसके बाद 1972 में चमरू राम दोबारा विधायक बने. इनके बाद इनके बेटे रामदेव राम भी कांग्रेस की टिकट से 1998 में चुनाव लड़े और विधायक बने. रामदेव राम 2008 का विधानसभा चुनाव भी जीते. चमरू राम के बड़े बेटे पेशे से डॉक्टर थे. वो बलरामपुर के राजपुर में बीएमओ के पद पर पदस्थ थे. 2013 में उन्होंने पद से इस्तीफा दिया और कांग्रेस की टिकट से बलरामपुर के सामरी विधानसभा से चुनाव लड़ा और विधायक चुने गए. 2018 में एक बार फिर कांग्रेस ने इन्हें लुंड्रा से टिकट दिया और डॉ प्रीतम राम ने लुंड्रा से विधायक चुने गए. पूर्व विधायक और इनके भाई रामदेव राम वर्तमान में सहकारी बैंक सरगुजा के अध्यक्ष हैं.

MLA Family of Lundra
इस परिवार में 6 बार लोग रहे हैं विधायक

लुंड्रा से इस परिवार के 6 बार रहे विधायक: लुंड्रा विधानसभा में वर्तमान विधायक डॉ प्रीतम राम के परिवार का दबदबा रहा है. 1967 से लेकर अब तक इनके परिवार के 3 सदस्य 6 बार विधायक निर्वाचित हुए हैं. सबसे पहले 1967 में चमरू राम ने कांग्रेस के टिकट पर लुंड्रा से चुनाव लड़ा और विधायक चुने गए. उन्होंने 1972 के विधानसभा चुनाव में भी जीत दर्ज किया और दूसरी बार विधायक चुने गए. 1998 के विधानसभा चुवान में चमरू राम के बेटे रामदेव राम ने कांग्रेस के टिकट पर नमैंदान में उतरे और विधायक चुने गए. 2008 में भी रामदेव राम ने जीत दर्ज की. जिसके बाद 2013 में चमरू राम के बड़े बेटे डॉ प्रीतम राम ने कांग्रेस की टिकट पर सामरी से जीत दर्ज की. वहीं 2018 में डॉ प्रीतम राम को फिर लुंड्रा सीट पर कांग्रेस ने मैदान में उतारा और वे विधायक चुने गए.

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क्षेत्र में परिवार की पकड़ हैं मजबूत: राजनीतिक विश्लेषक मनोज गुप्ता कहते हैं कि "क्षेत्र में जातिगत समीकरण के साथ ही इस परिवार का स्वभाव बहोत सामान्य है. इनके पिता हों या रामदेव राम या फिर प्रीतम राम सभी का स्वभाव बेहद नरम है. कभी भी किसी घोटाले से इनका नाम नहीं जुड़ा है. यही कारण रहा कि क्षेत्र में लोग इनको पसंद करते हैं. दूसरी बात ये भी है कि ये परिवार कांग्रेस और सिंहदेव परिवार के साथ हमेशा ही खड़ा रहा. इसलिए कांग्रेस ने भी इन पर भरोसा दिखाया है."

लुंड्रा के मतदाताओं ने कांग्रेस का दिया है साथ: प्रदेश कांग्रेस के बड़े नेता जेपी श्रीवास्तव कहते हैं, "लुंड्रा कांग्रेस का गढ़ रहा है. वहां के मतदाताओं ने कांग्रेस का साथ दिया है. यही कारण है कि प्रीतम राम उनके भाई और उनके पिता भी विधायक रहे हैं. इन लोगों का क्षेत्र में बर्ताव बहुत अच्छा रहा है. सहजता से सबसे मिलते हैं, जिसका फायदा मिलता है."

छत्तीसगढ़ में विधानसभा चुनाव 2023 इस साल के अंत में होने हैं. कांग्रेस उम्मीदवारों की लिस्ट जारी करने के लिए पार्टी की प्रक्रिया अंतिम दौर में है. इस बार लुंड्रा विधानसभा से फिर डॉ प्रीतम राम को टिकट मिलने की संभावना है.

लुंड्रा सीट पर इनके परिवार का दबदबा

अंबिकापुर: सरगुजा में एक ऐसा परिवार है, जिसके सदस्य 6 बार विधायक रहे हैं और अब 7वीं बार भी चुनाव लड़ने की तैयारी है. परिवार के 3 सदस्य दो-दो बार विधायक रहे हैं. यह कहानी है जिले के लुंड्रा विधानसभा के वर्तमान विधायक डॉ प्रीतम राम के परिवार की. डॉ प्रीतम राम फिर से विधानसभा चुनाव लड़ने की तैयारी में हैं.

प्रीतम राम के परिवार का इतिहास: लुंड्रा के गांव गगोली में रहने वाले आदिवासी समाज के चमरू राम 1967 में कांग्रेस की टिकट से चुनाव लड़े और विधायक बने. इसके बाद 1972 में चमरू राम दोबारा विधायक बने. इनके बाद इनके बेटे रामदेव राम भी कांग्रेस की टिकट से 1998 में चुनाव लड़े और विधायक बने. रामदेव राम 2008 का विधानसभा चुनाव भी जीते. चमरू राम के बड़े बेटे पेशे से डॉक्टर थे. वो बलरामपुर के राजपुर में बीएमओ के पद पर पदस्थ थे. 2013 में उन्होंने पद से इस्तीफा दिया और कांग्रेस की टिकट से बलरामपुर के सामरी विधानसभा से चुनाव लड़ा और विधायक चुने गए. 2018 में एक बार फिर कांग्रेस ने इन्हें लुंड्रा से टिकट दिया और डॉ प्रीतम राम ने लुंड्रा से विधायक चुने गए. पूर्व विधायक और इनके भाई रामदेव राम वर्तमान में सहकारी बैंक सरगुजा के अध्यक्ष हैं.

MLA Family of Lundra
इस परिवार में 6 बार लोग रहे हैं विधायक

लुंड्रा से इस परिवार के 6 बार रहे विधायक: लुंड्रा विधानसभा में वर्तमान विधायक डॉ प्रीतम राम के परिवार का दबदबा रहा है. 1967 से लेकर अब तक इनके परिवार के 3 सदस्य 6 बार विधायक निर्वाचित हुए हैं. सबसे पहले 1967 में चमरू राम ने कांग्रेस के टिकट पर लुंड्रा से चुनाव लड़ा और विधायक चुने गए. उन्होंने 1972 के विधानसभा चुनाव में भी जीत दर्ज किया और दूसरी बार विधायक चुने गए. 1998 के विधानसभा चुवान में चमरू राम के बेटे रामदेव राम ने कांग्रेस के टिकट पर नमैंदान में उतरे और विधायक चुने गए. 2008 में भी रामदेव राम ने जीत दर्ज की. जिसके बाद 2013 में चमरू राम के बड़े बेटे डॉ प्रीतम राम ने कांग्रेस की टिकट पर सामरी से जीत दर्ज की. वहीं 2018 में डॉ प्रीतम राम को फिर लुंड्रा सीट पर कांग्रेस ने मैदान में उतारा और वे विधायक चुने गए.

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क्षेत्र में परिवार की पकड़ हैं मजबूत: राजनीतिक विश्लेषक मनोज गुप्ता कहते हैं कि "क्षेत्र में जातिगत समीकरण के साथ ही इस परिवार का स्वभाव बहोत सामान्य है. इनके पिता हों या रामदेव राम या फिर प्रीतम राम सभी का स्वभाव बेहद नरम है. कभी भी किसी घोटाले से इनका नाम नहीं जुड़ा है. यही कारण रहा कि क्षेत्र में लोग इनको पसंद करते हैं. दूसरी बात ये भी है कि ये परिवार कांग्रेस और सिंहदेव परिवार के साथ हमेशा ही खड़ा रहा. इसलिए कांग्रेस ने भी इन पर भरोसा दिखाया है."

लुंड्रा के मतदाताओं ने कांग्रेस का दिया है साथ: प्रदेश कांग्रेस के बड़े नेता जेपी श्रीवास्तव कहते हैं, "लुंड्रा कांग्रेस का गढ़ रहा है. वहां के मतदाताओं ने कांग्रेस का साथ दिया है. यही कारण है कि प्रीतम राम उनके भाई और उनके पिता भी विधायक रहे हैं. इन लोगों का क्षेत्र में बर्ताव बहुत अच्छा रहा है. सहजता से सबसे मिलते हैं, जिसका फायदा मिलता है."

छत्तीसगढ़ में विधानसभा चुनाव 2023 इस साल के अंत में होने हैं. कांग्रेस उम्मीदवारों की लिस्ट जारी करने के लिए पार्टी की प्रक्रिया अंतिम दौर में है. इस बार लुंड्रा विधानसभा से फिर डॉ प्रीतम राम को टिकट मिलने की संभावना है.

Last Updated : Oct 5, 2023, 3:58 PM IST
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