सरगुजा: छत्तीसगढ़ में मानसून दस्तक देने वाला है. ऐसे में शहर की साफ-सफाई, नालियों के पानी के निकासी के लिए जिम्मेदार नगरीय निकायों की चिंता बढ़ गई है. अंबिकापुर शहर को देश के दूसरे सबसे साफ शहर का गौरव प्राप्त है. साथ ही कचरे की प्रबंधन के क्षेत्र में नगर निगम को लगातार दो साल से फाइव स्टार रेटिंग मिल रही है. ऐसे में अंबिकापुर नगर निगम पर बरसात के दिनों में शहर की साफ-सफाई की चुनौती और भी बढ़ जाती है.
शहर को साफ रखना ठंड और गर्मी के दिनों में आसान होता है. जबकी बारिश के दिनों में यह काम काफी चुनौतीपूर्ण हो जाता है. बारिश के मौसम में जहां सफाईकर्मियों को खुद को बारिश से बचकर शहर को साफ रखना होता है. वहीं गलियों और नालों में हुए ब्लॉक की वजह से शहर में अक्सर जल भराव का खतरा बना रहता है.
मानसून में सफाई व्यवस्था की तैयारी
पिछली बरसात में शहरवासी जलभराव की समस्या से इतने परेशान थे कि खुद आयुक्त और मेयर सड़क किनारे बैठकर नालियों में जाम पानी का फ्लो सुधरवाते थे. हालांकि पिछली बारिश में यह समस्या रिंग रोड के अधूरे निर्माण की वजह से खड़ी हुई थी, लेकिन इस साल रिंग रोड का निर्माण पूरा हो चुका है.
नालियों की सफाई पूरी
नगर निगम आयुक्त हरेश मंडावी का कहना है कि अच्छी बात यह है की रिंग रोड का निर्माण पूरा हो चुका है. लिहाजा बीते साल जैसी जलभराव की समस्या नहीं आएगी. साथ ही उन्होंने बताया की लॉकडाउन अवधी में बाजार बन्द होने का फायदा उठाते हुए अधिक भीड़ वाली जगहों की नालियां पहले ही साफ करा ली गई हैं.
स्वच्छता दीदियों के लिए खास इंतजाम
इसके साथ ही मानसून से पहले अभियान चलाकर सभी नालियों की ब्लॉकेज को चेक करने के साथ उसे खोलने का काम किया जाएगा. जिससे बारिश का पानी रिंग रोड के नाले में ही जाए. इसके साथ ही कचरा कलेक्शन करने वाली स्वच्छता दीदियों के लिए रेनकोट, छाता वाली किट सहित प्लास्टिक शेड वाले ई-रिक्शा की व्यवस्था की गई है. जिससे स्वच्छता दीदी भींगने से बचेंगी.
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नगर निगम के अनुसार उसने मानसून से निपटने माकूल इंतजाम कर लिए हैं या करने जा रही है. लेकिन रिंग रोड के कुशल इंजीनियरिंग की पहचान तब होगी जब इस साल शहर का पानी रिंग रोड के नाले में जाएगा, न की नाले से वापस शहर की नालियों और सड़कों में.