सरगुजा: स्वच्छता सर्वेक्षण देश भर में 7500 अंकों का था. इसमें 3000 अंक डाक्यूमेंटेशन और डायरेक्ट ऑब्जर्वेशन के लिये था, 2250 अंक सिटीजन फीडबैक के लिए और 2250 अंक सर्टिफिकेशन के लिए मिलना था. लेकिन इस वर्ष अम्बिकापुर को 6365 अंक ही मिले. 400 अंक वाटर प्लस के काट दिये गये और इसी वजह से अम्बिकापुर 7 स्टार से चूक गया और अपनी श्रेणी में दूसरे स्थान पर ही रहा. Swachh Survekshan 2022
सीवरेज बना रोड़ा: अम्बिकापुर में सीवरेज सिस्टम नही होने के कारण यहाँ एसटीपी और एफएसटीपी के माध्यम से सेप्टिक के मलबे का ट्रीटमेंट किया जाता है. अम्बिकापुर ने सर्वेक्षण टीम से इस दिशा में निवेदन भी किया था लेकिन सर्वेक्षण में कोई रियायत नही दी गई. अब सवाल यह है की जब कभी सीवरेज नेटवर्क बनाने के लिये गवर्मेंट ने कोई बजट ही नही दिया तो फिर अम्बिकापुर में सीवरेज नेटवर्क कैसे बनेगा. इतना बड़ा काम नगर निगम अपने बजट से तो करा नही सकता है. और ऐसे में सीवरेज के नंबर कम करना समझ से परे है.
इस वर्ष मिले ये पुरस्कार: नगर निगम को किए गए कार्यों व फीडबैक के आधार पर भारत सरकार द्वारा 5 स्टार शहर, बेस्ट सेल्फ सस्टेनेबल स्मॉल सिटी, प्रेरक दौड़ प्रतियोगिता में गोल्ड अनुपम नगर एवं 1 से 3 लाख की आबादी वाली श्रेणी में देश में द्वितीय स्थान से पुरस्कृत किया गया. इसके साथ ही 17 सितम्बर को आयोजित इंडियन स्वच्छता लीग में नगर निगम ने मैरीन ड्राइव से कंपनी बाजार तक स्वच्छता रैली निकाल, बाजार में सफाई अभियान चलाया था. इस अभियान में मंत्री, जनप्रतिनिधि, नागरिक, अधिकारी व स्कूली बच्चों के साथ स्वच्छता दीदियां शामिल हुई थी. इस वृहद् व सफल कार्यक्रम के लिए नगर निगम को भारत सरकार ने इंडियन स्वछता लीग में 1 से 3 लाख वाले शहरों की श्रेणी में देश में प्रथम पुरस्कार प्रदान किया है. वहीं नगर निगम अपने कार्यों की बदौलत टॉप 100 नगरों की श्रेणी में 10वें स्थान पर है.
इसलिये कट गये स्वच्छता सर्वेक्षण 2022 में अम्बिकापुर के नंबर
Swachh Survekshan 2022 स्वच्छता सर्वेक्षण 2022 में अंबिकापुर नगर निगम को भले ही राष्ट्रीय अवार्ड मिले हैं. काम मे सराहना अब भी हुई है लेकिन इन सबके बीच एक अहम बात यह है की अब अम्बिकापुर के नंबर कट रहे हैं. बीते वर्ष भी यह नंबर काटे गये और इस वर्ष भी अम्बिकापुर नगर निगम को मिलने वाले वाटर प्लस के 400 अंक कम हुये और यह सब शहर में सीवरेज सिस्टम के ना होने की वजह से हुआ है.
सरगुजा: स्वच्छता सर्वेक्षण देश भर में 7500 अंकों का था. इसमें 3000 अंक डाक्यूमेंटेशन और डायरेक्ट ऑब्जर्वेशन के लिये था, 2250 अंक सिटीजन फीडबैक के लिए और 2250 अंक सर्टिफिकेशन के लिए मिलना था. लेकिन इस वर्ष अम्बिकापुर को 6365 अंक ही मिले. 400 अंक वाटर प्लस के काट दिये गये और इसी वजह से अम्बिकापुर 7 स्टार से चूक गया और अपनी श्रेणी में दूसरे स्थान पर ही रहा. Swachh Survekshan 2022
सीवरेज बना रोड़ा: अम्बिकापुर में सीवरेज सिस्टम नही होने के कारण यहाँ एसटीपी और एफएसटीपी के माध्यम से सेप्टिक के मलबे का ट्रीटमेंट किया जाता है. अम्बिकापुर ने सर्वेक्षण टीम से इस दिशा में निवेदन भी किया था लेकिन सर्वेक्षण में कोई रियायत नही दी गई. अब सवाल यह है की जब कभी सीवरेज नेटवर्क बनाने के लिये गवर्मेंट ने कोई बजट ही नही दिया तो फिर अम्बिकापुर में सीवरेज नेटवर्क कैसे बनेगा. इतना बड़ा काम नगर निगम अपने बजट से तो करा नही सकता है. और ऐसे में सीवरेज के नंबर कम करना समझ से परे है.
इस वर्ष मिले ये पुरस्कार: नगर निगम को किए गए कार्यों व फीडबैक के आधार पर भारत सरकार द्वारा 5 स्टार शहर, बेस्ट सेल्फ सस्टेनेबल स्मॉल सिटी, प्रेरक दौड़ प्रतियोगिता में गोल्ड अनुपम नगर एवं 1 से 3 लाख की आबादी वाली श्रेणी में देश में द्वितीय स्थान से पुरस्कृत किया गया. इसके साथ ही 17 सितम्बर को आयोजित इंडियन स्वच्छता लीग में नगर निगम ने मैरीन ड्राइव से कंपनी बाजार तक स्वच्छता रैली निकाल, बाजार में सफाई अभियान चलाया था. इस अभियान में मंत्री, जनप्रतिनिधि, नागरिक, अधिकारी व स्कूली बच्चों के साथ स्वच्छता दीदियां शामिल हुई थी. इस वृहद् व सफल कार्यक्रम के लिए नगर निगम को भारत सरकार ने इंडियन स्वछता लीग में 1 से 3 लाख वाले शहरों की श्रेणी में देश में प्रथम पुरस्कार प्रदान किया है. वहीं नगर निगम अपने कार्यों की बदौलत टॉप 100 नगरों की श्रेणी में 10वें स्थान पर है.