सरगुजा: गिरते जल स्तर को लेकर लगातार चिंतन हो रहा है, लेकिन अंबिकापुर नगर निगम के जल संरक्षण को लेकर चलाए जा रहे वाटर हार्वेस्टिंग प्लान को देखकर ऐसा लग रहा है कि जिम्मेदार सिर्फ चिंतन ही कर रहे हैं.
अंबिकापुर नगर निगम का काम देख ऐसा बिल्कुल नहीं लग रहा है कि निगम जल संरक्षण को लेकर जरा सा भी चिंतित है. निगम की लापरवाही का आलम ये है कि जल संरक्षण के लिए खाते में 2 करोड़ रुपये जमा होने के बावजूद आज तक वाटर हार्वेस्टिंग के तहत होने वाले निर्माण के लिए टेंडर जारी नहीं किया गया है.
22 हजार से ज्यादा घर
शहर में 22 हजार से ज्यादा घर हैं और इसके लिए अंबिकापुर नगर निगम में अब तक महज दो हजार के करीब ही वाटर हार्वेस्टिंग प्लांट बनाए गए हैं. आयुक्त भी इससे संतुष्ट नहीं हैं और इसे लेकर तेजी से काम करने की बात कह रहे हैं, लेकिन कमीं कहां है इसका शायद उन्हें भी पता नहीं है.
कई वार्डों में जल समस्या
अंबिकापुर नगर निगम में कई वार्ड ऐसे हैं, जहां कई सालों से पानी की समस्या बनी हुई है. आलम यह है कि इन इलाकों में ग्राउंड वाटर लेबल लगातार नीचे जा रहा है और इसे बचाने के लिए वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम एक ऐसा तरीका है, जिससे जल स्तर बढ़ाया जा सकता है. यहीं कारण है कि शासकीय भवनों के साथ निजी भवनों में भी वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम बनाना अनिवार्य कर दिया गया है, लेकिन अंबिकापुर नगर निगम अमला इस महत्वपूर्ण काम को लेकर उदासीन बना हुआ है.
चिंतित नहीं हैं अधिकारी
बहारहाल, जल को संरक्षित किया जा सकता है, मगर इस महत्वपूर्ण योजना को लेकर अंबिकापुर नगर निगम जिस तरह लापरवाह बना हुआ है, उससे साफ है कि अधिकारी इस मामले को लेकर गंभीरता नहीं दिखा रहे हैं. यहीं कारण है कि करोड़ों रुपये खाते में होने के बाद भी नगर निगम वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम का निर्माण नहीं करा पा रहा. ऐसे में देखना होगा कि अब नगर निगम इस मामले को कितनी गंभीरता से लेता है और गिरते जल संकट को लेकर अधिकारी कब तक गंभीर हो पाते हैं.