अंबिकापुर : महामाया मंदिर के भव्य प्रवेश द्वार निर्माण पर मचा सियासी घमासान अब विराम की ओर है. द्वार के लिये निगम सरकार व विपक्ष के बीच सहमति बन गई है. सोमवार को महापौर की अध्यक्षता में आयोजित बैठक के दौरान दोनों पक्षों ने बैठकर मां महामाया मंदिर के प्रवेश द्वार के निर्माण के लिए तैयार किए गए नक्शे पर अपनी सहमति जाहिर कर दी है. महामाया प्रवेश द्वार के बाद इस मार्ग को आकर्षक और स्वच्छ रखने के लिये दूसरे चरण में कॉरिडोर का निर्माण किया जाएगा.
50 लाख से बनेगा द्वार: बैठक में आर्किटेक्ट ने नक्शा बनाकर प्रस्तुत किया था. उस नक्शे पर सहमति बन गई है. नक्शे पर सहमति के बाद अब नगर निगम 49.30 लाख रुपए की लागत से लगभग 50 फीट चौड़े व 25 फीट ऊंचे भव्य प्रवेश द्वार का निर्माण करायेगा. मां महामया के प्रवेश द्वार का निर्माण राजस्थान में बने प्रवेश द्वारों से मिलता जुलता होगा.
सभी ने जताई सहमति: सामान्य सभा में लिए गए निर्णय के बाद सोमवार को महापौर अजय तिर्की की अध्यक्षता में मां महामाया मंदिर प्रवेश द्वार निर्माण को लेकर बैठक आयोजित की गई. बैठक में प्रवेश द्वार के प्रस्तावित नक्शा, मानचित्र पर चर्चा की गई. प्रवेश द्वार निर्माण के साथ निगम द्वारा महामाया मंदिर कॉरिडोर निर्माण की भी योजना है, जिसमें सड़क पर फुटपाथ निर्माण के साथ ही लाइटिंग कराने की योजना है.
शहर की जनता के मंशानुरूप मां महामाया मंदिर के भव्य प्रवेश द्वार का निर्माण कराया जाएगा. सभी सदस्यों ने प्रवेश द्वार के लिए तैयार किए गए नक्शा को अपनी सहमति प्रदान की है. जल्द ही टेंडर जारी कर निर्माण की प्रक्रिया शुरू करा दी जाएगी. इसके साथ ही कॉरिडोर निर्माण के लिए शासन को भी प्रस्ताव तैयार कर भेजा जाएगा - डॉ. अजय तिर्की, महापौर
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ऐसे शुरू हुआ बवाल: मां महामाया मंदिर के प्रवेश द्वार के निर्माण के लिये लम्बे समय से सत्ता पक्ष व विपक्ष के बीच विवाद की स्थिति बनी हुई थी. इस पर जमकर सियासत भी होती रही. अल्पसंख्यक समुदाय के पार्षदों के महामाया प्रवेश द्वार के लिए राशि दिए जाने की घोषणा के बाद मामले ने तूल पकड़ा था. भाजपा इस कार्य में जनता से आस्था अनुरूप दान लेकर निर्माण कराने की बात कह रही थी.
सामान्य सभा का घेराव: 22 मार्च को मेयर इन काउंसिल की बैठक में मां महामाया मंदिर के प्रवेश द्वार के निर्माण के लिये प्रस्ताव तैयार कर शासन को भेजा गया था और उसे प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव की पहल पर सीएम भूपेश बघेल व नगरीय प्रशासन मंत्री शिव कुमार डहरिया ने मंजूरी दे दी थी. शासन से नगर निगम को प्रवेश द्वार निर्माण के 49.30 लाख रुपए की स्वीकृति मिली थी लेकिन इस बीच भाजपा नेता व मां महामाया मंदिर प्रवेश द्वार निर्माण समिति ने इसका विरोध किया.
समिति की आपत्ति: मां महामाया मंदिर प्रवेश द्वार निर्माण समिति ने निगम के सामान्य सभा का घेराव कर दिया था. समिति का कहना था कि आस्था के इस मामले में सभी की राय लेना जरुरी है. सभी की सहमति के बाद ही प्रवेश द्वार के निर्माण के ड्रॉइंग को अंतिम रूप दिया जाए. इसके बाद सामान्य सभा की बैठक में यह निर्णय लिया गया था कि डिजाइन को लेकर अंतिम निर्णय सत्ता पक्ष व विपक्ष के जनप्रतिनिधि बैठक कर करेंगे और उसी के अनुरूप द्वार का निर्माण कराया जाएगा.