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विस्तार के साथ-साथ शहर में प्रदूषण भी बढ़ा फिर भी अंबिकापुर छत्तीसगढ़ का सबसे स्वस्थ शहर, जानिये वजह

Ambikapur is healthiest city of Chhattisgarh : अंबिकापुर छत्तीसगढ़ का सबसे स्वच्छ और स्वस्थ शहर है. इसका मुख्य कारण शहर के चारों ओर जल और वन क्षेत्र का होना है.

Ambikapur is healthiest city of Chhattisgarh
विस्तार के साथ-साथ शहर में प्रदूषण भी बढ़ा फिर भी अंबिकापुर छत्तीसगढ़ का सबसे स्वस्थ शहर
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Published : Feb 6, 2022, 8:28 PM IST

Updated : Jul 25, 2023, 8:01 AM IST

सरगुजा : छत्तीसगढ़ के अम्बिकापुर शहर के स्वच्छता मॉडल के चर्चे तो आपने खूब सुने होंगे, लेकिन यह शहर स्वच्छ होने के साथ-साथ बेहद (Ambikapur is healthiest city of Chhattisgarh) स्वस्थ भी है. स्वस्थ कैसे है, आज हम आपको यह बताने जा रहे हैं. अम्बिकापुर शहर के स्वस्थ होने के पीछे सबसे बड़ी वजह है इस शहर का भूगोल. कुदरत ने ही इसे ऐसा बनाया है कि मानो प्रकृति के बेशकीमती उपहारों से इसे नवाजा गया हो.
प्राकृतिक रूप से काफी समृद्ध है अंबिकापुर
दरअसल अम्बिकापुर प्राकृतिक रूप से बेहद समृद्ध है. शहर जहां तेजी से बढ़ा है, वहीं वाहनों के धुएं और शोर-शराबे ने प्रदूषण भी पैदा किया. लेकिन इस प्रदूषण को खत्म करने के लिए शहर में उपलब्ध संसाधन शहर की सुरक्षा कर रहे हैं. इस शहर में 150 एकड़ से अधिक (150 acres of water area in Ambikapur) जल क्षेत्र है. साथ ही शहर की सीमा के अंदर करीब 200 एकड़ वन क्षेत्र है. इसके अलावा शहर के चारों ओर पहाड़ ही पहाड़ हैं, जिनमें विशाल वन क्षेत्र मौजूद हैं. इन पहाड़ों के नीचे नदियां और झील हैं.
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शहर के चारों ओर हैं जल और वन क्षेत्र
अंबिकापुर शहर में 30 छोटे-बड़े तालाब हैं, जो 150 एकड़ भूभाग में फैले हैं. संजय पार्क और बांसबाड़ी मिलाकर बड़ा वन क्षेत्र है. वहीं 50 एकड़ से अधिक एरिया में वृक्ष मित्र स्व. ओपी अग्रवाल का निजी फार्म हाउस है. शहर के दो वार्ड में 30 एकड़ में वन क्षेत्र हैं. जबकि नगर निगम ने भी दो बड़े व कई छोटे गार्डन विकसित किये हैं, जिससे शहर की ग्रीनरी बढ़ रही है. शहर के एक हिस्से में महामाया पहाड़ विशाल वन क्षेत्र के साथ खड़ा है. इस पहाड़ को जिला प्रशासन ऑक्सीजन पार्क बनाकर ऑक्सीजोन के रूप में विकसित कर रहा है. वहीं इस पहाड़ के नीचे नगर निगम सीमा से बढ़िया चुआ, खैरबार जैसे गांव लगे हैं. यहां पर्याप्त जंगल हैं.

विस्तार के साथ-साथ शहर में प्रदूषण भी बढ़ा फिर भी अंबिकापुर छत्तीसगढ़ का सबसे स्वस्थ शहर
एक दिशा में बांकी नदी बहती है, जिसमें बांध बनाकर पानी स्टोर किया जाता है. दूसरी दिशा में शहर की सीमा से पिलखा पहाड़ लगा हुआ है. इस पहाड़ में न सिर्फ घनघोर वन क्षेत्र है, बल्कि जंगली जानवर भी इसमें रहते हैं. पिलखा पहाड़ के नीचे एक झील है, जो बड़े जल क्षेत्र का साधन बना हुआ है. इसके अलावा तीसरी दिशा में लुचकी का पहाड़ और वन क्षेत्र है. अंबिकापुर में ऑक्सीजन का स्तर अधिकबहरहाल शहर के अंदर इतना बड़ा वन क्षेत्र और इतना अधिक जल क्षेत्र इस शहर को अपने आप में खास बनाता है. यही वजह है कि अम्बिकापुर बेहद स्वस्थ शहर है. यहां प्रदूषण तो है, लेकिन इसका असर नहीं है. लोग स्वस्थ रहते हैं. शहर में ऑक्सीजन का स्तर अधिक है और आक्सीजन बेहद स्वच्छ है. शहर में इसी वजह से महामारी का प्रकोप नहीं दिखता. डायरिया, आंत्रशोध, मलेरिया जैसी बीमारियों का प्रकोप भी शहर में कभी नहीं देखा जाता है.

swakchhata Survey 2021: 1 से 10 लाख की आबादी वाली कैटेगरी में अंबिकापुर का दूसरा स्थान

प्रति व्यक्ति ऑक्सीजन की उपलब्थता बरकरार रखने में काम कर रहा नगर निगम
हालांकि केंद्र सरकार के स्वच्छ भारत मिशन, अमृत मिशन, अमृत मिशन 2.0 के तहत अब देश के हर शहर में इन संसाधनों की मॉनिटरिंग की जा रही है. जहां प्राकृतिक संसाधन नहीं हैं या कम हैं, वहां उसे विकसित किया जा रहा है. अम्बिकापुर नगर निगम भी प्रति व्यक्ति ऑक्सीजन की उपलब्धता को बरकरार रखने की दिशा में काम कर रहा है. लेकिन तेजी से कटते जंगल वाले देश में अम्बिकापुर के आम लोगों को आने वाली पीढ़ियों के लिए अभी से सतर्क रहने की जरूरत है. अम्बिकापुर को कुदरत से मिले इस नायाब तोहफे को बचाकर रखने की जरूरत है, नहीं तो भविष्य में अगर पेड़ काटे गये और जल श्रोतों को नष्ट किया गया तो शहर स्वस्थ नहीं रह जाएगा.

सरगुजा : छत्तीसगढ़ के अम्बिकापुर शहर के स्वच्छता मॉडल के चर्चे तो आपने खूब सुने होंगे, लेकिन यह शहर स्वच्छ होने के साथ-साथ बेहद (Ambikapur is healthiest city of Chhattisgarh) स्वस्थ भी है. स्वस्थ कैसे है, आज हम आपको यह बताने जा रहे हैं. अम्बिकापुर शहर के स्वस्थ होने के पीछे सबसे बड़ी वजह है इस शहर का भूगोल. कुदरत ने ही इसे ऐसा बनाया है कि मानो प्रकृति के बेशकीमती उपहारों से इसे नवाजा गया हो.
प्राकृतिक रूप से काफी समृद्ध है अंबिकापुर
दरअसल अम्बिकापुर प्राकृतिक रूप से बेहद समृद्ध है. शहर जहां तेजी से बढ़ा है, वहीं वाहनों के धुएं और शोर-शराबे ने प्रदूषण भी पैदा किया. लेकिन इस प्रदूषण को खत्म करने के लिए शहर में उपलब्ध संसाधन शहर की सुरक्षा कर रहे हैं. इस शहर में 150 एकड़ से अधिक (150 acres of water area in Ambikapur) जल क्षेत्र है. साथ ही शहर की सीमा के अंदर करीब 200 एकड़ वन क्षेत्र है. इसके अलावा शहर के चारों ओर पहाड़ ही पहाड़ हैं, जिनमें विशाल वन क्षेत्र मौजूद हैं. इन पहाड़ों के नीचे नदियां और झील हैं.
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शहर के चारों ओर हैं जल और वन क्षेत्र
अंबिकापुर शहर में 30 छोटे-बड़े तालाब हैं, जो 150 एकड़ भूभाग में फैले हैं. संजय पार्क और बांसबाड़ी मिलाकर बड़ा वन क्षेत्र है. वहीं 50 एकड़ से अधिक एरिया में वृक्ष मित्र स्व. ओपी अग्रवाल का निजी फार्म हाउस है. शहर के दो वार्ड में 30 एकड़ में वन क्षेत्र हैं. जबकि नगर निगम ने भी दो बड़े व कई छोटे गार्डन विकसित किये हैं, जिससे शहर की ग्रीनरी बढ़ रही है. शहर के एक हिस्से में महामाया पहाड़ विशाल वन क्षेत्र के साथ खड़ा है. इस पहाड़ को जिला प्रशासन ऑक्सीजन पार्क बनाकर ऑक्सीजोन के रूप में विकसित कर रहा है. वहीं इस पहाड़ के नीचे नगर निगम सीमा से बढ़िया चुआ, खैरबार जैसे गांव लगे हैं. यहां पर्याप्त जंगल हैं.

विस्तार के साथ-साथ शहर में प्रदूषण भी बढ़ा फिर भी अंबिकापुर छत्तीसगढ़ का सबसे स्वस्थ शहर
एक दिशा में बांकी नदी बहती है, जिसमें बांध बनाकर पानी स्टोर किया जाता है. दूसरी दिशा में शहर की सीमा से पिलखा पहाड़ लगा हुआ है. इस पहाड़ में न सिर्फ घनघोर वन क्षेत्र है, बल्कि जंगली जानवर भी इसमें रहते हैं. पिलखा पहाड़ के नीचे एक झील है, जो बड़े जल क्षेत्र का साधन बना हुआ है. इसके अलावा तीसरी दिशा में लुचकी का पहाड़ और वन क्षेत्र है. अंबिकापुर में ऑक्सीजन का स्तर अधिकबहरहाल शहर के अंदर इतना बड़ा वन क्षेत्र और इतना अधिक जल क्षेत्र इस शहर को अपने आप में खास बनाता है. यही वजह है कि अम्बिकापुर बेहद स्वस्थ शहर है. यहां प्रदूषण तो है, लेकिन इसका असर नहीं है. लोग स्वस्थ रहते हैं. शहर में ऑक्सीजन का स्तर अधिक है और आक्सीजन बेहद स्वच्छ है. शहर में इसी वजह से महामारी का प्रकोप नहीं दिखता. डायरिया, आंत्रशोध, मलेरिया जैसी बीमारियों का प्रकोप भी शहर में कभी नहीं देखा जाता है.

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हालांकि केंद्र सरकार के स्वच्छ भारत मिशन, अमृत मिशन, अमृत मिशन 2.0 के तहत अब देश के हर शहर में इन संसाधनों की मॉनिटरिंग की जा रही है. जहां प्राकृतिक संसाधन नहीं हैं या कम हैं, वहां उसे विकसित किया जा रहा है. अम्बिकापुर नगर निगम भी प्रति व्यक्ति ऑक्सीजन की उपलब्धता को बरकरार रखने की दिशा में काम कर रहा है. लेकिन तेजी से कटते जंगल वाले देश में अम्बिकापुर के आम लोगों को आने वाली पीढ़ियों के लिए अभी से सतर्क रहने की जरूरत है. अम्बिकापुर को कुदरत से मिले इस नायाब तोहफे को बचाकर रखने की जरूरत है, नहीं तो भविष्य में अगर पेड़ काटे गये और जल श्रोतों को नष्ट किया गया तो शहर स्वस्थ नहीं रह जाएगा.

Last Updated : Jul 25, 2023, 8:01 AM IST
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