सरगुजा : अंबिकापुर स्वच्छता मॉडल सिर्फ भारत ही नहीं बल्कि विदेश में भी अपनी पहचान बना चुका है. नगर निगम की कचरा प्रबंधन नीति के कारण उसे अंतरराष्ट्रीय पुरस्कारों से नवाजा जा चुका है.इंटरनेशनल प्लेटफॉर्म पर बड़ी उपलब्धि पाने वाला अंबिकापुर छत्तीसगढ़ का पहला निगम है. फिर चाहे वो RRR सेंटर हो या फिर प्लास्टिक कचरे के कलेक्शन से लेकर निस्तारण तक का प्रबंधन हर तरफ अंबिकापुर के स्वच्छता मॉडल ने जाना जाने लगा है. यही वजह है कि सिर्फ भारत ही नहीं बल्कि विदेश के रिसर्चर भी अंबिकापुर के इस वेस्ट मैनेजेंट को जानना चाहते हैं.इसी कड़ी में अमेरिका की लोवा यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर डॉक्टर जेरी एंथोनी सात समंदर पार से अंबिकापुर आएं.
अंबिकापुर स्वच्छता मॉडल को देखने आए अमेरिकी प्रोफेसर : लोवा यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर जेरी एंथोनी ने अंबिकापुर पहुंचकर नगर निगम के स्वच्छता मॉडल को करीब से जाना.इस दौरान डॉक्टर एंथोनी ने स्वच्छता मॉडल का गहराई से अवलोकन किया.इसके बाद एसएलआर सेंटर्स में जाकर स्वच्छता दीदीयों से बात की.एंथोनी ने स्वच्छता दीदीयों से जाना कि वो कचरा कलेक्शन का काम किस तरह से करतीं हैं.
ईटीवी भारत से प्रोफेसर ने अनुभव किए साझा : एसआरएल सेंटर्स का दौरा और स्वच्छता दीदीयों से मुलाकात करने के बाद डॉ जेरी एंथोनी काफी प्रभावित हुए.इस दौरान डॉ.जेरी एंथोनी ने ईटीवी भारत से अपने अनुभव साझा किए और अंबिकापुर के स्वच्छता मॉडल की काफी प्रशंसा की. डॉ. एंथोनी भारत के कई शहरों का दौरा कर चुके हैं. लेकिन अम्बिकापुर की वेस्ट मैनेजमेंट और साफ सफाई की तकनीक को वो सबसे अच्छा मानते हैं.
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अंबिकापुर को प्लास्टिक वेस्ट मैनेजमेंट को लेकर मिला है अंतरराष्ट्रीय सम्मान : आपको बता दें कि अम्बिकापुर का स्वच्छता मॉडल पूरे देश मे जाना जाता है, अब तो विदेश में भी इसकी गूंज सुनाई देने लगी है. हालही में यहां की आयुक्त प्रतिष्ठा ममगई ने पेरिस में स्वच्छता प्रबंधन में प्लास्टिक वेस्ट मैनेजमेंट पर व्याख्यान दिया था.जिसमें दुनिया भर के डेलीगेस्ट ने मॉडल की तारीफ की थी.