अंबिकापुर: अंबिकापुर शहर का विस्तार करने का काम शुरु हो गया है. शहर की सीमा से लगे 18 से अधिक गांवों को अब अंबिकापुर नगर निगम में शामिल किये जाने की तैयारी है. इस योजना को लेकर निगम की एमआईसी में प्रस्ताव भी रखा जा चुका है. इस प्रक्रिया के पूरा होते ही निगम में शामिल होने वाले गांव के लोगों को फायदा मिलेगा. इस प्रक्रिया के पूरा होने के बाद अंबिकापुर शहर की सीमा काफी बढ़ जाएगी.
ग्रामीणों को होगा फायदा: अंबिकापुर नगर तथा ग्राम निवेश के द्वारा शहर सीमा में विस्तार की योजना बनाई जा रही है. इस योजना के तहत निवेश क्षेत्र का निर्धारण किया जा रहा है. जिसके बाद अंबिकापुर नगर निगम या अन्य व्यावसायिक क्षेत्र, जो अभी शहर की सीमा के बाहर के ग्राम पंचायतों में संचालित है, वो सभी अंबिकापुर नगर निगम में आ जायेंगे. जिसके तहत अब नगर तथा ग्राम निवेश कार्यालय की मास्टर प्लान के अनुसार ही निर्माण कार्य किए जा सकेंगे. इस योजना को लेकर नगर निगम की एमआईसी में प्रस्ताव रखा जा चुका है.
शहर से सटे गांव निगम में होंगे शामिल: अंबिकापुर महापौर डॉ अजय तिर्की ने बताया, सहायक संचालक नगर तथा ग्राम निवेश के द्वारा अंबिकापुर नगर पालिक क्षेत्र में सम्मिलित ऐसे गांव, जो निवेश क्षेत्र में शामिल नहीं हैं. ऐसे गांव जिन्हे भविष्य में अंबिकापुर नगर निगम क्षेत्र में शामिल किया जाना है, उनकी जानकारी मांगी है. जिस तरह शहर का तेजी से विकास हो रहा है, निर्माण कार्य हो रहे हैं. उससे भविष्य में शहर से सटे ग्रामीण क्षेत्रों को भी निगम क्षेत्र में शामिल किया जाएगा."
"वर्तमान में अंबिकापुर नगर निगम द्वारा निकाय क्षेत्र अंतर्गत आने वाले ग्राम फुंदुरडिहारी, सरगवां पैलेस का क्षेत्र, ग्राम चोरकाकछार, निकाय क्षेत्र से लगे ग्राम करजी, दरिमा, हर्रा टिकरा, केशवपुर, सांड़बार, मेंड्राकला, सोनपुर, असोला, सरगवां, सकालो, डिगमा, चठिरमा, कांतिप्रकाशपुर, माणिकप्रकाशपुर, जगदीशपुर, ठाकुरपुर को निवेश क्षेत्र में शामिल करने का विचार किया जा रहा है." - डॉ अजय तिर्की, मेयर, अंबिकापुर
शासन से मंजूरी के बाद होगा विस्तार: यह एमआईसी सदस्यों ने बीच के छूटे हुए ग्राम खाला, कंठी, जोड़ाबहरा, सुंदरपुर, माझापारा, भिट्ठी कला को भी निवेश क्षेत्र में शामिल करने का प्रस्ताव दिया है. अभी एमआईसी और सामान्य सभा से प्रस्ताव पास होने के बाद उन्हें शासन के पास भेजा जाएगा. शासन से मंजूरी के बाद ये ग्राम निवेश क्षेत्र में शामिल हो जाएंगे, जिसके बाद इन क्षेत्रों में निर्माण और विकास कार्यों पर नगर तथा ग्राम निवेश के नियम लागू होंगे.