सरगुजा : जिले के मैनपाट ब्लॉक (Mainpat Block) के ग्राम कुनिया में जहरीली मशरूम के खाने से एक ही परिवार के 8 लोगों के बीमार (Eight people sick after eating poisonous mushroom) होने का मामला सामने आया है. हालत बिगड़ने पर इन्हें इलाज के लिए मैनपाट के प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र कमलेश्वरपुर (Primary Health Center Kamleshwarpur) में भर्ती कराया गया है, जहां पीड़ितों की स्थिति स्थिर बताई जा रही है.
दंतेवाड़ा एसपी का दावा, कोरोना और फूड प्वॉयजनिंग से 10 से ज्यादा नक्सलियों की मौत
जानकारी के अनुसार, ये लोग सभी लोग जंगल, खेतों के पास उगे मशरूम को तोड़कर घर ले आए थे. इस मशरूम का सेवन करने के कुछ समय बाद परिवार के 8 सदस्यों की हालत बिगड़ने लगी थी. इसकी जानकारी होने पर पड़ोसियों ने इन सभी लोगों को अस्पताल में भर्ती कराया. डॉक्टर ने बताया कि बीमार मरीजों में 50 वर्षीय बलवीर मांझी, 45 वर्षीय बसंती मांझी, 35 वर्षीय मिलासो मांझी, 30 वर्षीय राजू मांझी, 10 वर्षीय ललिता मांझी, 8 वर्षीय राजमनी मांझी, 5 वर्षीय निर्मला मांझी और 3 वर्षीय शांति मांझी शामिल है. इन सभी का इलाज डॉक्टरों की विशेष निगरानी में किया जा रहा है.
जंगली मशरूम खाने से 9 लोगों की बिगड़ी तबीयत, एक की हालत गंभीर
फूड प्वॉयजनिंग से 10 से ज्यादा नक्सलियों की हुई थी मौत
अभी पिछले महीने 11 मई को दंतेवाड़ा एसपी अभिषेक पल्लव ने दावा किया था कि कुछ ही दिनों के अंदर 10 से ज्यादा नक्सलियों की मौत फूड प्वॉयजनिंग और कोरोना संक्रमण से हुई थी.
कोरबा के भी इस गांव में पेयजल की सुविधा नहीं
वहीं कोरबा में भी दूषित पानी पीकर कई लोग पिछले कई सालों से बीमार पड़ते आए हैं. जिले के खुदरी गांव के लोग दशकों बाद भी पेयजल जैसी मूलभूत सुविधाओं से महरूम हैं. ग्रामीणों का कहना है कि चुनाव के पहले जनप्रतिनिधि जब वोट मांगने आये थे, तो कई वादे किये थे, लेकिन चुनाव खत्म होने के बाद गांव में पीने का साफ पानी मुहैया नहीं करा सके. गांव में एक भी नल और कुआं नहीं है. मजबूरी में ग्रामीण नदी से पानी लाकर पीने को मजबूर हैं. यहां के लोग बरसाती नाले का भी पानी पीते हैं. ग्रामीणों का कहना है कि पेयजल के लिए उनका यह संघर्ष बीते कई दशकों से बदस्तूर जारी है, लेकिन प्रशासन आंख मूंदकर बैठा है. गांव में तकरीबन 300 की आबादी है, जो नाले पर आश्रित है.