सरगुजा: लॉकडाउन के दौरान सबसे ज्यादा मजदूर प्रभावित हुए हैं. रोजी रोटी के लिए दूसरे राज्यों में गए मजदूरों का अब कमाई का जरिया बंद चुका है, जिससे मजदूर अपने घर की ओर रुख करने को मजबूर है. इस बीच ट्रेन और बस की सुविधा बंद होने की वजह से श्रमिक हजारों किलोमीटर पैदल चलकर ही अपने गांव पहुंच रहे हैं. मजदूरों की इस परेशानी को देखते हुए सरकार ने इनकी सुध ली और रेलगाड़ियों का परिचालन शुरू किया है.
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सरकार 26 मजदूरों को ट्रेन के जरिए सरगुजा जिला पहुंचा रही है. इसके बाद इन मजदूरों को 14 दिनों के लिए क्वॉरेंटाइन किया जाएगा और फिर जांच में फिट पाए जाने के बाद इन्हें वापस घर भेज दिया जाएगा.
खाद्य मंत्री ने श्रमिकों की व्यवस्थाओं का जायजा लिया
इस संबंध में खाद्य मंत्री ने बिशुनपुर में प्रवासी श्रमिकों की व्यवस्थाओं का जायजा लिया और आने वाले श्रमिकों के मेडिकल टेस्ट, सुरक्षा व्यवस्था, कूलर व्यवस्था और बैरिकेडिंग की व्यवस्थाओं के लिए अधिकारियों को निर्देशित किया. खाद्य मंत्री ने निरीक्षण के दौरान अधिकारियों को ट्रेन से आने वाले श्रमिकों को विश्रामपुर रेलवे स्टेशन से बिशुनपुर लाने के लिए वाहन और सुरक्षा की पुख्ता व्यवस्था रखने के निर्देश दिए हैं. उन्होंने कहा कि जिले के जितने भी श्रमिक आ रहे हैं उनमें से कोई रेलवे स्टेशन पर छूटना नहीं चाहिए. बस में बैठाने, पिक-अप प्वाइंट तक लाने और मेडिकल टेस्ट के दौरान उन्हें फिजिकल डिस्टेंस का पालन कराने की बात कही है .
प्रवासी श्रमिकों की मेडिकल जांच के लिए 12 टीमें तैनात
सोमवार यानि आज ट्रेन से सरगुजा जिले के करीब 26 प्रवासी श्रमिक विश्रामपुर स्टेशन पहुंचेगे. इन श्रमिकों को पिक-अप प्वॉइंट तक लाने के लिए वाहन और सुरक्षा व्यवस्था के लिए नोडल अधिकारी और सहायक कर्मचारियों की ड्यूटी लगा दी गई है. बिशुनपुर पिक-अप प्वॉइंट में प्रवासी श्रमिकों के मेडिकल जांच के लिए 12 टीमें तैनात कर दी गई है.