सरगुजा: कोरोना संक्रमण भयावह रूप ले चुका है और स्थिति नियंत्रण से बाहर जाती नजर आ रही है. यही कारण है कि अब तक जिले में कोरोना से मरने वालों की संख्या बढ़कर 24 हो गई है. हाल ही में कोरोना संक्रमण की चपेट में आए प्रतापपुर के पूर्व बीएमओ समेत तीन लोगों ने इलाज के दौरान दम तोड़ दिया. सबसे बड़ी बात यह है कि इस बार कोरोना से एक डॉक्टर की भी मौत हो गई है. इसके साथ ही जिले में कोरोना संक्रमितों का आंकड़ा भी 2 हजार 411 पर पहुंच गया है.
सरगुजा जिले के अलावा पूरे संभाग में कोरोना ने विकराल रूप ले लिया है. अंबिकापुर मेडिकल कॉलेज में वर्तमान में हुई तीन मौतों के बाद कोरोना से मरने वालों की संख्या 24 हो गई है.
- मेडिकल कॉलेज अस्पताल में सोमवार की देर शाम 7 बजे शहर के मोमिनपुरा निवासी 45 वर्षीय युवक की मौत हो गई. कोरोना संक्रमित पाए जाने के बाद 20 सितम्बर को युवक को उपचार के लिए मेडिकल कॉलेज अस्पताल के कोविड-19 आईसीयू में भर्ती कराया गया था. उन्हें सांस लेने में तकलीफ हो रही थी.
- मंगलवार की सुबह 6 बजे एक 60 वर्षीय वृद्धा की कोरोना संक्रमण से मौत हो गई. केदारपुर निवासी इस वृद्ध महिला को 27 सितम्बर को उपचार के लिए मेडिकल कॉलेज अस्पताल में भर्ती कराया गया था और उन्हें भी सांस लेने में तकलीफ थी.
कोरोना संक्रमितों की मौत के बढ़ते मामलों ने सभी को चौंका दिया है. जिले में सर्वाधिक मौत सिर्फ एक महीने के अंदर हुई है. ऐसे में यह स्पष्ट नहीं हो पा रहा है कि अब आखिर ऐसी क्या परिस्थिति बन रही है कि मौत के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं. हालांकि डॉक्टरों का कहना है कि अब तक जितने भी कोरोना संक्रमितों की मौत हुई है, उनमें से ज्यादातर की उम्र 60 वर्ष या उससे अधिक है. इसके साथ ही उन्हें हार्ट, शुगर, किडनी, बीपी संबंधी बीमारियां थी. इन बीमारियों के साथ कोरोना संक्रमित मरीज को को-मॉर्बिड कहा जाता है और संक्रमण का सबसे ज्यादा असर इन मरीजों पर ही पड़ रहा है. डॉक्टरों की मानें तो मरने वाले जितने भी मरीज हैं, उनमें से कई मरीजों को अस्पताल गंभीर स्थिति में लाया गया था और इसके पहले उनका घर पर ही उपचार किया जा रहा था.
नौकरी छोड़कर राजनीति में आए थे डॉक्टर
मंगलवार को मेडिकल कॉलेज अस्पताल में कोरोना से शाम पांच बजे एक डॉक्टर की भी मौत हुई है. प्रतापपुर निवासी डॉक्टर नरेंद्र सिंह पूर्व में बीएमओ के पद पर कार्य कर चुके हैं और बाद में नौकरी छोड़कर उन्होंने राजनीतिक जीवन में कदम रखा था. उन्होंने विधानसभा चुनाव में JCCJ से प्रतापपुर विधानसभा से चुनाव भी लड़ा था. हालांकि इस चुनाव में उन्हें हार का सामना करना पड़ा था.
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डॉ. सिंह ने बाद में भाजपा की सदस्यता ग्रहण कर ली थी. वर्तमान में उन्हें सांसद प्रतिनिधि भी बनाया गया था. डॉ. सिंह अपना निजी नर्सिंग होम भी चला रहे थे और युवा डॉक्टर होने के नाते क्षेत्र में काफी लोकप्रिय थे. कुछ दिनों पहले ही उनकी रिपोर्ट कोरोना पॉजिटिव आई थी, जिसके बाद वे आइसोलेशन में थे. लेकिन सोमवार को तबियत बिगड़ने पर उन्हें देर शाम मेडिकल कॉलेज अस्पताल में भर्ती कराया गया था. डॉ. नरेंद्र सिंह को स्वांस लेने में तकलीफ हो रही थी. स्थित गंभीर होने के कारण उन्हें रायपुर रिफर करने की तैयारी चल रही थी, लेकिन इससे पहले शाम 5 बजे उनकी मौत हो गई.
आंकड़ों पर नजर
- जिले में कुल संक्रमित - 2497
- शहर में कुल संक्रमित-2079
- कोरोना से जीती जंग - 1736
- अब भी संक्रमित - 731
- कोरोना से मरने वाले -24