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हिम्मत ना हारें: 2 साल की बच्ची समेत परिवार के 15 लोगों ने जीती कोरोना से जंग

कोरोना के इस कठिन दौर में सकारात्मता बनाये रखना किसी चुनौती से कम नहीं है. ETV भारत की टीम आपको अंबिकापुर के एक ऐसे परिवार से मिलवाने जा रही है, जिनकी कहानी सुन आपको भी हिम्मत मिलेगी. कोरोना के खिलाफ लड़ाई में मुश्किल से मुश्किल हालातों पर विजय पाने का हौसला मिलेगा.

15 people of family recovered from corona
हिम्मत ना हारें
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Published : Apr 24, 2021, 5:20 PM IST

Updated : Jul 25, 2023, 8:01 AM IST

सरगुजा: कोरोना महामारी को लेकर रोज नई खबरें सुनने को मिल रही है. वायरस के बदलते स्वरूप के कारण यह रोज एक नए शोध का विषय बन जाता है. लिहाजा अफवाहों और दहशत का माहौल बना हुआ है, लेकिन इस बीच ETV भारत आपको एक ऐसे परिवार से मिलवाने जा रहा है, जिनकी कहानी सुन आपको भी हिम्मत मिलेगी. कोरोना के दौर में मुश्किल हालातों से लड़ने की प्रेरणा मिलेगी.

2 साल की बच्ची समेत परिवार के 15 लोगों ने जीती कोरोना से जंग

अंबिकापुर में एक परिवार के 15 लोग एक साथ कोरोना संक्रमित हुए. परिवार की 79 साल की बजुर्ग महिला और 2 साल की छोटी बच्ची भी कोरोना संक्रमित पाई गई. पूरे परिवार में सिर्फ एक महिला की रिपोर्ट निगेटिव आई, लेकिन उन्हें भी बुखार बना हुआ था. इस परिवार में इससे बड़ी विपदा कभी नहीं आई. छोटे-छोटे मासूम बच्चों सहित घर के 15 लोग अस्पताल में कोरोना से जंग लड़ रहे थे और घर में एक अकेली महिला सभी को स्वस्थ करने की जद्दोजहद अकेले कर रही थी.

हिम्मत न छोड़ें: इन बुजुर्गों ने कोरोना को हराया, एक ने तो दो बार जंग जीती

कोरोना की गिरफ्त में थे परिवार के 15 लोग

मामला शुरू हुआ 8 अगस्त 2020 को जब घर में काम करने वाली महिला कोरोना संक्रमित हुई. जिसके बाद इस परिवार के लोगों की कोरोना जांच की गई और फिर लगातार 2-3 दिन में एक-एक करके 15 लोग कोरोना पॉजिटिव पाए गए. सभी को अंबिकापुर मेडिकल कॉलेज अस्पताल में एडमिट कर दिया गया. इस दौरान परिवार की एक मात्र महिला सदस्य मीना सिन्हा सुरक्षित रहीं. वे घर पर रही जबकि मीना के बच्चे मां से दूर अस्पताल में थे. जब बच्चा बीमार हो और मां को उससे दूर होना पड़े, शायद इससे ज्यादा दुखदाई एक मां के लिए कुछ नहीं हो सकता. लेकिन इस परिवार ने हिम्मत नहीं हारी और एक समय ऐसा आया की सभी स्वस्थ होकर सुरक्षित घर आ गए.

मुश्किल समय में हिम्मत ना हारें

बड़ी बात यह रही की 79 वर्ष की बुजुर्ग महिला, 2 साल की बच्चियां और 10 साल का बेटा भी कोरोना से जंग लड़कर सुरक्षित है. अगस्त से अब तक लंबा समय भी बीत चुका है. पोस्ट कोविड जैसे कोई लक्षण भी नहीं हैं, यह परिवार आज के परिवेश में उदाहरण है. इनको देखकर सभी को सीखना चाहिए की हिम्मत ना हारने से बड़ी से बड़ी समस्या से निजात मिल सकता है. जरूरत है सिर्फ सावधानी की, समय पर जांच और समय पर उचित इलाज की.

सरगुजा: कोरोना महामारी को लेकर रोज नई खबरें सुनने को मिल रही है. वायरस के बदलते स्वरूप के कारण यह रोज एक नए शोध का विषय बन जाता है. लिहाजा अफवाहों और दहशत का माहौल बना हुआ है, लेकिन इस बीच ETV भारत आपको एक ऐसे परिवार से मिलवाने जा रहा है, जिनकी कहानी सुन आपको भी हिम्मत मिलेगी. कोरोना के दौर में मुश्किल हालातों से लड़ने की प्रेरणा मिलेगी.

2 साल की बच्ची समेत परिवार के 15 लोगों ने जीती कोरोना से जंग

अंबिकापुर में एक परिवार के 15 लोग एक साथ कोरोना संक्रमित हुए. परिवार की 79 साल की बजुर्ग महिला और 2 साल की छोटी बच्ची भी कोरोना संक्रमित पाई गई. पूरे परिवार में सिर्फ एक महिला की रिपोर्ट निगेटिव आई, लेकिन उन्हें भी बुखार बना हुआ था. इस परिवार में इससे बड़ी विपदा कभी नहीं आई. छोटे-छोटे मासूम बच्चों सहित घर के 15 लोग अस्पताल में कोरोना से जंग लड़ रहे थे और घर में एक अकेली महिला सभी को स्वस्थ करने की जद्दोजहद अकेले कर रही थी.

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कोरोना की गिरफ्त में थे परिवार के 15 लोग

मामला शुरू हुआ 8 अगस्त 2020 को जब घर में काम करने वाली महिला कोरोना संक्रमित हुई. जिसके बाद इस परिवार के लोगों की कोरोना जांच की गई और फिर लगातार 2-3 दिन में एक-एक करके 15 लोग कोरोना पॉजिटिव पाए गए. सभी को अंबिकापुर मेडिकल कॉलेज अस्पताल में एडमिट कर दिया गया. इस दौरान परिवार की एक मात्र महिला सदस्य मीना सिन्हा सुरक्षित रहीं. वे घर पर रही जबकि मीना के बच्चे मां से दूर अस्पताल में थे. जब बच्चा बीमार हो और मां को उससे दूर होना पड़े, शायद इससे ज्यादा दुखदाई एक मां के लिए कुछ नहीं हो सकता. लेकिन इस परिवार ने हिम्मत नहीं हारी और एक समय ऐसा आया की सभी स्वस्थ होकर सुरक्षित घर आ गए.

मुश्किल समय में हिम्मत ना हारें

बड़ी बात यह रही की 79 वर्ष की बुजुर्ग महिला, 2 साल की बच्चियां और 10 साल का बेटा भी कोरोना से जंग लड़कर सुरक्षित है. अगस्त से अब तक लंबा समय भी बीत चुका है. पोस्ट कोविड जैसे कोई लक्षण भी नहीं हैं, यह परिवार आज के परिवेश में उदाहरण है. इनको देखकर सभी को सीखना चाहिए की हिम्मत ना हारने से बड़ी से बड़ी समस्या से निजात मिल सकता है. जरूरत है सिर्फ सावधानी की, समय पर जांच और समय पर उचित इलाज की.

Last Updated : Jul 25, 2023, 8:01 AM IST
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