रायपुर: भूपेश बघेल, छत्तीसगढ़ में विधानसभा चुनाव के बाद छत्तीसगढ़ की जिम्मेदारी कांग्रेस को मिली लेकिन कांग्रेस के हिस्से 15 साल बाद सत्ता का सुख इनकी मेहनत और नेतृत्व की बदौलत आया. प्रदेश में सत्ता का सूखा झेल रही कांग्रेस ने बघेल के नेतृत्व में बड़ी जीत दर्ज की थी.
ईटीवी भारत से भूपेश बघेल ने अपनी 'मन की बात' की. अपने 60 दिन के काम का ब्योरा दिया, तो आगे का रोडमैप भी बताया. सीएम बघेल ने रोजगार, नक्सलवाद पर खुलकर राय रखी तो लोकसभा चुनाव की रणनीति पर भी चर्चा की.
1.सवाल: नरवा, गरुवा घुरवा, बारी को लेकर कार्ययोजना को किस तरह से आगे बढ़ा रहे हैं ?
जवाब: 'हमने विधानसभा चुनाव के दौरान यह नारा दिया था. छत्तीसगढ़ की चार चिन्हारी नरवा, गरवा, घुरवा, बारी. ग्रामीण भारत की अर्थव्यवस्था के लिए जरूरी है कि हम अपने नालों को रीचार्ज करें. जिससे किसानों को पानी मिल सके. दूसरा गरवा मतलब पशुधन है. इसे बचाने के लिए उसके चारे, पानी और रहने के लिए शेड की व्यवस्था करें. तीसरा है घुरवा मतलब कूड़ेदान. गांव में गोबर कहीं भी पड़ा रहता है जिसे एक जगह पर हम एकत्रित करेंगे, जिससे गोबर से खाद और गैस बन सकेगी जिससे लोग खाना पकाने के साथ-साथ खेत की मिट्टी को उपजाऊ बना सकेंगे.'
'फसल कटाई के बाद आजकल लोग उसके अवशेष को खेत पर ही छोड़ देते हैं या फिर आग लगा देते हैं. लेकिन हम इसे इकट्ठा कर चारे के तौर पर इस्तेमाल करेंगे. इस प्रोजेक्ट के तहत हम नाले के बेकार पानी को रीचार्ज कर उसका इस्तेमाल करने के साथ ही गोबर और फसलों के अवशेषों का सही इस्तेमाल से पानी और पशुधन बचाने के साथ-साथ लोगों को रोजगार मिलने के साथ-साथ खेतों की उर्वरक शक्ति बढ़ेगी.'
2. सवाल: क्या ऐसी कोई कार्ययोजना शहरी इलाकों के विकास के लिए भी बनाई गई है ?
जवाब: 'गांधी जी की 150वीं जयंती हम मना रहे हैं, ये वर्ष इन्हीं का है. भारत गांव में बसता है और इसी वजह से हमने उसे पहले लिया. ये यूनिट हम शहर में भी डालेंगे, क्योंकि शहरी क्षेत्र में मवेशियों की वजह से परेशानी है. शहर में भी अर्थव्यवस्था सुधरे इसके लिए हमने धान का समर्थन मूल्य 2500 रुपये क्विंटल किया है, आज छत्तीसगढ़ के बाजार में रौनक है, क्योंकि अगर ग्राहक समृद्ध है तो व्यापार बढ़ रहा है और इससे व्यापारी भी खुश हैं.'
3.सवाल: प्रदेश में अच्छा खासा टैलेंट है, लेकिन काम नहीं मिलने की वजह से वो बाहर जाकर काम करता है, इसके लिए कोई प्लानिंग ?
जवाब: 'एक तरफ हम ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत कर रहे हैं, दूसरी तरफ अब हमारी कोशिश आईटी सेक्टर में काम करने की होगी. हैदराबाद, बेंगलुरू, पुणे में जिस तरह से काम होता है, हमारी कोशिश होगी कि छत्तीसगढ़ में भी ऐसा काम हो. हमारे पास एयर कनेक्टिविटी बहुत है, तो उसका फायदा उठाएं, आईटी सेक्टर में काम होगा तो हमारे यहां के पढ़े, लिखे लड़कों को काम मिलेगा.'
'सरकारी क्षेत्र में भी हम काम करने जा रहे हैं. सरकारी जिनती वेकेंसी है, हम 15 हजार शिक्षकों की भर्ती करने जा रहे हैं, इसके साथ ही करीब 1400 के करीब सहायक प्राध्यापक की भर्ती करने जा रहे हैं. कृषि आधारित जो उद्योग हैं उसको हम बढ़ावा दे रहे हैं ताकि, लोगों को रोजगार मिल सके.'
4. सवाल: नक्सलवाद छत्तीसगढ़ की एक बड़ी समस्या रही है ?
जवाब: गोली का जवाब गोली से देना समाधान नहीं रहा, पिछली सरकार में नक्सलवाद तीन ब्लॉक से बढ़कर 14 जिलों में पहुंच गया है. हम हरक्षेत्र के लोगों से बात करेंगे और फिर उनसे मिले फीडबैक के आधार पर आगे बढ़ेंगे.
5. सवाल: बस्तर से अच्छा सपोर्ट मिला है. उसके विकास को लेकर क्या रणनीति है.
जवाब: 'टाटा की ओर से ली गई जमीन जिसपर उसने उद्योग नहीं लगाया, उसे हमने आदिवासियों को वापस दिलाया. इसकी चर्चा देश के साथ-साथ विदेश में भी है. दूसरा फॉरेस्ट राइट एक्ट पर भी हम फिर से विचार कर रहे हैं और जो वास्विक आदिवासी और पारंपरागत रूप से वहां रहने वाले लोगों को जमीन का पट्टा दे रहे हैं. पहले सात लघुवनोपज खरीदते थे, उसे हमने बढ़ाकर 15 कर दिया है. तेंदूपत्ता का मानदेय 2500 से बढ़ाकर चार हजार रुपये कर दिया है. हम बस्तर के आदिवासियों को आर्थिक रूप से संपन्न बनाने का काम कर रहे हैं. इससे जहां लोगों की आर्थिक स्थिति सुधरेगी वहीं विकास होने के साथ-साथ सरकार के प्रति विश्वास भी बढ़ेगा.'
6. सवाल: शराब बंदी की राह में बड़ी चुनौतियां क्या हैं ?
जवाब: ये सामाजिक बुराई है और इसे महज सरकार के भरोसे हम नहीं लागू कर सकते हैं. इसके लिए समाज को आगे आना होगा. हमें जनजागरण अभियान चलाकर इसे लागू करना होगा.
7. सवाल: विपक्ष का आरोप है कि आपने प्रदेश को तबादलापुर बना दिया.
जवाब: 'तबादले तो पिछली सरकारों में भी होते रहे हैं. पहले तबादले सिर्फ सीएम और सुपर सीएम करते थे, लेकिन अब हम विधायकों से पूछकर जनता की जरूरत के हिसाब से तबादले कर रहे हैं. रमन सिंह जी को काम नहीं कर सके वो काम हम कर रहे तो उन्हें दर्द हो रहा है.'
8. सवाल: रमन सिंह का कहना है कि सरकार ने कर्जमाफी और धान के बोनस के अलावा साठ दिन में कोई बड़ा काम नहीं किया है लेकिन आप अपने काम को कहां आंकते हैं ?
जवाब: 'घोषणा-पत्र में जनता से हमने जो वादा किया था, जो बातें हमने कही थी उसे पूरा किया. कर्ज माफी, धान का समर्थन मूल्य बढ़ाना, आदिवासियों को जमीन वापस की, शिक्षकों की भर्ती कर रहे हैं, रुकी हुई रजिस्ट्री को शुरू किया, आदिवासियों को पट्टा दे रहे हैं. पुलिसवालों का वीकिली ऑफ शुरू किया. पत्रकार सुरक्षा कानून के लिए कमेटी बनाई, नक्सल इलाके में जेल में बंद लोगों की रिहाई के लिए कमेटी बनाई.'
9. सवाल: कई मामलों में एसआईटी का गठन किया गया, लेकिन इसके परिणाम अब तक नहीं आए हैं ?
जवाब: 'कार्रवाई करें तो विपक्ष को दिक्कत और न करें तो भी दिक्कत ये दोनों बाते तो नहीं होंगी. एफआईआर होना अलग बात है और उसकी जांच दूसरी बात है जांच चल रही है, कार्रवाई भी होगी.'
10. सवाल: किस रणनीति के तहत लोकसभा चुनाव में जाएंगे ?
जवाब: हमने दो महीने पहले ही बीजेपी को परास्त किया है, जनता ने हमने तीन चौथाई बहुमत दिया है. निश्चित तौर पर लोकसभा चुनाव में भी ऐसा ही प्रदर्शन रहेगा.
11. सवाल: विधानसभा चुनाव में हुई ऐतिहासिक जीत का मंत्र क्या आपने आलाकमान को भी दिया है ?
जवाब: राहुल जी लगातार छत्तीसगढ़ में ध्यान देते रहे. जब भी हमने बुलाया उन्होंने समय दिया. हमारी लड़ाई कार्यकर्ताओं ने लड़ा इसी वजह से सफलता मिली.