रायपुर: पौष कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी को शुक्र प्रदोष व्रत मनाया जा रहा है. इस दिन अनुराधा नक्षत्र, शूल और राक्षस योग बन रहा है. वृश्चिक राशि में चंद्रमा सर्वार्थ सिद्धि योग का प्रभाव पड़ रहा है. अंग्रेजी वर्ष के अनुसार ये साल का अंतिम प्रदोष व्रत (Last Pradosh Vrat of year 2021) होगा. इस दिन शुभ दिन संकल्प लेकर प्रदोष का व्रत करना चाहिए. शिव भक्तों के लिए यह अमूल्य वरदान है. 31 दिसंबर की सुबह 10:39 से प्रदोष तिथि शुरू हो रही है.
प्रदोष व्रत पर भगवान शिव की पूजा विधि (Worship of Lord Shiva on Pradosh Vrat)
ज्योतिष एवं वास्तु शास्त्री पंडित विनीत शर्मा ने बताया कि 'प्रदोष व्रत के दिन परम ब्रह्म मुहूर्त में उठकर स्नान, ध्यान और योग से निवृत्त होकर भगवान शिव की शरण में आना चाहिए. भगवान शिव को नर्मदा, कावेरी, गंगा जल से अभिषेक करना चाहिए. दूध, गन्ना के रस आदि से भी अभिषेक किया जा सकता है. पंचामृत से भी भोलेनाथ का अभिषेक (Abhishek of Bholenath with Panchamrit)किया जाता है. अक्षत, चावल, शमी पत्र, बेलपत्र, आक का फूल, धतूरा शिव को बहुत ही प्रिय है. दूब के माला से भी शिवजी को प्रसन्न किया जाता है. इसी तरह मधु से रुद्राभिषेक किया जा सकता है. अबीर, गुलाल, परिमल, सिंदूर, अष्ट चंदन, गोपी चंदन, श्वेत चंदन से भी भगवान शिव भोलेनाथ की पूजा की जानी चाहिए. प्रदोष काल का विशेष महत्व है. शाम को 4:17 से लेकर सायंकाल 6:41 के बीच प्रदोष काल रहेगा. इस प्रदोष काल में शिवजी की पूजा करने पर मृत्युंजय भगवान शीघ्र प्रसन्न होते हैं'.
Horoscope Today 31 December 2021 राशिफल : सिंह, कन्या, तुला और वृश्चिक राशि के जातक रखें स्वास्थ्य का ध्यान
विनीत शर्मा ने बताया कि 'प्रदोष व्रत के शुभ दिन महामृत्युंजय मंत्र, रुद्राष्टकम, दरिद्र नाश मंत्र, लिंगाष्टकम नमस्कार मंत्र से शिव जी की पूजा करनी चाहिए. पूजा की थाली में कपूर का विशेष रूप से पूजन किया जाता है. धूप, दीप, नैवेद्य और ऋतु फल चढ़ाकर भगवान शिव की विधान पूर्वक पूजन करना चाहिए. इस दिन अनावश्यक विवाद से दूर रहने का प्रयास करें. तामसिक प्रवृत्ति के लोगों से बचने का प्रयास करना चाहिए. 31 दिसंबर की सुबह 10:39 से प्रदोष तिथि शुरू हो रही है'.