ETV Bharat / city

वर्ल्ड ऑर्गन डोनेशन डे पर लीजिए अंगदान का संकल्प

author img

By

Published : Aug 13, 2022, 9:30 AM IST

Updated : Aug 13, 2022, 9:59 AM IST

जिंदगी बहुत ही अनमोल है. किसी की जिंदगी उस समय और खास हो जाती है जब वो जिंदगी के बाद भी कई नई जिंदगियां दे जाता है. ये मुमकिन है अंगदान करके. आप ऑर्गन डोनेट पर एक साथ 8 लोगों और उनके परिवारों को नई जीवन दे सकते हैं. तो आइए इस विश्व अंगदान दिवस पर दूसरों को जिंदा रखने का संकल्प लें

world organ donation day
अंगदान दिवस

क्या आप जानते हैं अंगदान को महादान की संज्ञा दी जाती है. एक दानकर्ता की वजह से 8 लोगों की जान बच सकती है. आपके इस दुनिया से चले जाने के बाद भी आपका अंग दूसरों के जीने की वजह बन सकता है. अंग दान के जरिए आप कई लोगों को जिंदगी दे सकते हैं. लेकिन कई बार लोगों की भ्रांतियों, गलत सोच और पुरानी मान्यताओं के चलते लोग अंगदान यानि ऑर्गन डोनेशन से घबराते हैं. लोगों में अंग दान को लेकर जागरूकता पैदा करने के उद्देश्य से हर साल 13 अगस्त को पूरे विश्व में अंगदान दिवस मनाया जाता है. world organ donation day

अंगदान दिवस 2022

जनहित में अंगदान की अहमियत समझने और अंगदान प्रक्रिया के प्रति लोगों को जागरूक करने के लिए अंगदान दिवस मनाया जा रहा है. आंकड़ों की माने तो हर साल लगभग 5 लाख लोग विभिन्न अंग विकारों के कारण काल के ग्रास में समा जाते हैं. जिनमें से 2 लाख लोग लिवर संबंधी बीमारियों के चलते जान गवा देते हैं. लगभग 50 हजार लोग दिल की बीमारी और डेढ़ लाख लोग किड्नी ट्रांसप्लांट के इंतजार में जान गवा बैठते हैं. इनमें बहुत कम लोग इतने भाग्यशाली होते हैं कि उन्हें सही समय पर अंग दानकर्ता मिल जाता है. इन्हीं सब परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए हर साल 13 अगस्त को बड़े स्तर पर अंगदान को लेकर जागरूकता अभियान चलाया जाता है.

National Sister Day: छत्तीसगढ़ की लोक गायिका जोशी सिस्टर्स

क्या है अंगदान

अंगदान वह प्रक्रिया है जिसमें एक मृत या जीवित व्यक्ति के शरीर से अंग या जैविक उत्तकों को निकाल कर जरूरतमंद व्यक्ति के शरीर में ट्रांसप्लांट किया जाता है. अंगदान दो प्रकार का होता है. पहला शरीर के अंदरूनी अंगों का दान और दूसरा टिशू यानी उत्तकों का दान. वर्तमान समय में चिकित्सा तकनीक इतनी विकसित हो गई है कि हमारे शरीर के अधिकांश अंग और उनसे जुड़े उत्तकों को दूसरे के शरीर में प्रत्यारोपित किया जा सकता है. अंगों में लिवर, किड्नी, दिल, पैनक्रिया, इंटेस्टाइन, अग्नाशय, छोटी आंत, नसें, कार्टिलेज दान किए जा सकते हैं. टिशू में आंख, हड्डी, कॉर्निया और त्वचा का दान किया जा सकता हैं.

कैसे होती है अंगदान की प्रक्रिया

अंगदान की प्रक्रिया को एक निश्चित समय में पूरा करना होता है. क्योंकि शरीर से अलग हो चुके अंगों को यदि ज्यादा देर तर बाहर रखा जाए, तो वह खराब हो जाते हैं. अंगदान दो तरह से किया जा सकता है.

जीवित दानकर्ता द्वारा

जीवित रहते हुए व्यक्ति अपनी किडनी, लिवर का कुछ हिस्सा और अस्थिमज्जा यानि बोन मैरो कॉर्ड ब्लड स्टेम सेल दान कर सकता है.

दिमागी तौर पर मृत घोषित व्यक्ति का अंग दान

दिमागी तौर पर मृत घोषित जिसे ब्रेन डैड कहा जाता है. ऐसे व्यक्ति की किड्नी, लिवर, फेफड़े, पैनक्रिया, ओवरी, आंखें, हड्डी, त्वचा और शरीर के अन्य अंगों को उसकी इच्छा या उसके परिजनों की इच्छा के अनुसार दान किया जा सकता है.

किसी भी अंग को डोनर यानि दान कर्ता के शरीर से निकालने के बाद 6 से 8 घंटे के अंदर ट्रांसप्लांट कर देना चाहिए. कोई भी अंग जितनी जल्दी प्रत्यारोपित होगा उसके दूसरे शरीर में जल्दी काम शुरू करने की संभावना ज्यादा होती है. अन्य अंगों में लिवर 6 घंटे के अंदर, किड्नी 12 घंटे के अंदर और आंखें 3 दिन के अंदर प्रत्यारोपित हो जानी चाहिए.

Cat Day: इंटरनेशनल कैट डे पर आपने अपनी बिल्ली को क्या गिफ्ट दिया ?

कौन कर सकता है अंगदान

किसी भी जाति, धर्म, या उम्र के महिला या पुरुष अपनी इच्छा अनुसार अंगदान कर सकते हैं. नवजात से लेकर 90 साल तक के व्यक्ति के अंगदान किए जा सकते हैं. बशर्ते उनका शरीर स्वस्थ हो और वह एचआईवी, कैंसर, मधुमेह, किड्नी और दिल की बीमार सहित अन्य बीमारियों से पीड़ित न हो. इनमें 18 से कम उम्र के लोग अपने परिजनों की स्वीकृति से ही अंगदान कर सकते हैं.

कहां करें अंगदान

आल इंडिया इंस्टिट्यूट ऑफ मेडिकल साइंस (एम्स) द्वारा दिए गए दिशा निर्देशों के अनुसार अंगदान दो तरीकों से किया जा सकता है.

जीवित रहते हुए अंगदान की शपथ लेकर

मृत्यु के उपरांत परिजनों की सहमति से

वर्तमान में कई मान्यता प्राप्त संस्थाएं, एनजीओ और अस्पताल हैं, जो अंगदान से जुड़ा काम करते है. ये संस्थाएं वैधानिक तौर पर अंगदान के लिए फॉर्म भरवाती हैं. इसके अलावा अंगदान से जुड़ी सरकारी वेबसाईट से भी इच्छुक व्यक्ति ऑर्गन बॉडी डोनेशन फॉर्म डाउनलोड कर भर सकते हैं. इस फॉर्म पर डॉक्टर के हस्ताक्षर गवाह के तौर पर लगते हैं. इनमें से एक व्यक्ति का दानकर्ता का निकट संबंधी होना जरूरी है. सभी जरूरी प्रक्रियाएं पूरी होने के बाद दानकर्ता को एक डोनर कार्ड मिल जाता है. पहले से अंगदान की कागजी प्रक्रिया पूरी न होने की स्थिति में भी दिमागी तौर पर मृत घोषित हो चुके व्यक्ति के निकट संबधी उसका अंगदान कर सकते हैं.

भारत में अंगदान की स्थिति

हमारे देश में अंगदान को लेकर स्थिति बहुत अच्छी नहीं है. हालांकि अब लोग जागरूक हो रहे हैं. धीरे धीरे लोग इस ओर कदम आगे बढ़ा रहे हैं लेकिन फिर भी डोनर का काफी अभाव है. इसके कारण हर साल हजारों लोग असमय भी मौत के मुंह में चले जाते हैं. इसलिए विशेष तौर पर हमारे देश में अंगदान को लेकर लोगों को जागरूक करना बहुत जरूरी है.

क्या आप जानते हैं अंगदान को महादान की संज्ञा दी जाती है. एक दानकर्ता की वजह से 8 लोगों की जान बच सकती है. आपके इस दुनिया से चले जाने के बाद भी आपका अंग दूसरों के जीने की वजह बन सकता है. अंग दान के जरिए आप कई लोगों को जिंदगी दे सकते हैं. लेकिन कई बार लोगों की भ्रांतियों, गलत सोच और पुरानी मान्यताओं के चलते लोग अंगदान यानि ऑर्गन डोनेशन से घबराते हैं. लोगों में अंग दान को लेकर जागरूकता पैदा करने के उद्देश्य से हर साल 13 अगस्त को पूरे विश्व में अंगदान दिवस मनाया जाता है. world organ donation day

अंगदान दिवस 2022

जनहित में अंगदान की अहमियत समझने और अंगदान प्रक्रिया के प्रति लोगों को जागरूक करने के लिए अंगदान दिवस मनाया जा रहा है. आंकड़ों की माने तो हर साल लगभग 5 लाख लोग विभिन्न अंग विकारों के कारण काल के ग्रास में समा जाते हैं. जिनमें से 2 लाख लोग लिवर संबंधी बीमारियों के चलते जान गवा देते हैं. लगभग 50 हजार लोग दिल की बीमारी और डेढ़ लाख लोग किड्नी ट्रांसप्लांट के इंतजार में जान गवा बैठते हैं. इनमें बहुत कम लोग इतने भाग्यशाली होते हैं कि उन्हें सही समय पर अंग दानकर्ता मिल जाता है. इन्हीं सब परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए हर साल 13 अगस्त को बड़े स्तर पर अंगदान को लेकर जागरूकता अभियान चलाया जाता है.

National Sister Day: छत्तीसगढ़ की लोक गायिका जोशी सिस्टर्स

क्या है अंगदान

अंगदान वह प्रक्रिया है जिसमें एक मृत या जीवित व्यक्ति के शरीर से अंग या जैविक उत्तकों को निकाल कर जरूरतमंद व्यक्ति के शरीर में ट्रांसप्लांट किया जाता है. अंगदान दो प्रकार का होता है. पहला शरीर के अंदरूनी अंगों का दान और दूसरा टिशू यानी उत्तकों का दान. वर्तमान समय में चिकित्सा तकनीक इतनी विकसित हो गई है कि हमारे शरीर के अधिकांश अंग और उनसे जुड़े उत्तकों को दूसरे के शरीर में प्रत्यारोपित किया जा सकता है. अंगों में लिवर, किड्नी, दिल, पैनक्रिया, इंटेस्टाइन, अग्नाशय, छोटी आंत, नसें, कार्टिलेज दान किए जा सकते हैं. टिशू में आंख, हड्डी, कॉर्निया और त्वचा का दान किया जा सकता हैं.

कैसे होती है अंगदान की प्रक्रिया

अंगदान की प्रक्रिया को एक निश्चित समय में पूरा करना होता है. क्योंकि शरीर से अलग हो चुके अंगों को यदि ज्यादा देर तर बाहर रखा जाए, तो वह खराब हो जाते हैं. अंगदान दो तरह से किया जा सकता है.

जीवित दानकर्ता द्वारा

जीवित रहते हुए व्यक्ति अपनी किडनी, लिवर का कुछ हिस्सा और अस्थिमज्जा यानि बोन मैरो कॉर्ड ब्लड स्टेम सेल दान कर सकता है.

दिमागी तौर पर मृत घोषित व्यक्ति का अंग दान

दिमागी तौर पर मृत घोषित जिसे ब्रेन डैड कहा जाता है. ऐसे व्यक्ति की किड्नी, लिवर, फेफड़े, पैनक्रिया, ओवरी, आंखें, हड्डी, त्वचा और शरीर के अन्य अंगों को उसकी इच्छा या उसके परिजनों की इच्छा के अनुसार दान किया जा सकता है.

किसी भी अंग को डोनर यानि दान कर्ता के शरीर से निकालने के बाद 6 से 8 घंटे के अंदर ट्रांसप्लांट कर देना चाहिए. कोई भी अंग जितनी जल्दी प्रत्यारोपित होगा उसके दूसरे शरीर में जल्दी काम शुरू करने की संभावना ज्यादा होती है. अन्य अंगों में लिवर 6 घंटे के अंदर, किड्नी 12 घंटे के अंदर और आंखें 3 दिन के अंदर प्रत्यारोपित हो जानी चाहिए.

Cat Day: इंटरनेशनल कैट डे पर आपने अपनी बिल्ली को क्या गिफ्ट दिया ?

कौन कर सकता है अंगदान

किसी भी जाति, धर्म, या उम्र के महिला या पुरुष अपनी इच्छा अनुसार अंगदान कर सकते हैं. नवजात से लेकर 90 साल तक के व्यक्ति के अंगदान किए जा सकते हैं. बशर्ते उनका शरीर स्वस्थ हो और वह एचआईवी, कैंसर, मधुमेह, किड्नी और दिल की बीमार सहित अन्य बीमारियों से पीड़ित न हो. इनमें 18 से कम उम्र के लोग अपने परिजनों की स्वीकृति से ही अंगदान कर सकते हैं.

कहां करें अंगदान

आल इंडिया इंस्टिट्यूट ऑफ मेडिकल साइंस (एम्स) द्वारा दिए गए दिशा निर्देशों के अनुसार अंगदान दो तरीकों से किया जा सकता है.

जीवित रहते हुए अंगदान की शपथ लेकर

मृत्यु के उपरांत परिजनों की सहमति से

वर्तमान में कई मान्यता प्राप्त संस्थाएं, एनजीओ और अस्पताल हैं, जो अंगदान से जुड़ा काम करते है. ये संस्थाएं वैधानिक तौर पर अंगदान के लिए फॉर्म भरवाती हैं. इसके अलावा अंगदान से जुड़ी सरकारी वेबसाईट से भी इच्छुक व्यक्ति ऑर्गन बॉडी डोनेशन फॉर्म डाउनलोड कर भर सकते हैं. इस फॉर्म पर डॉक्टर के हस्ताक्षर गवाह के तौर पर लगते हैं. इनमें से एक व्यक्ति का दानकर्ता का निकट संबंधी होना जरूरी है. सभी जरूरी प्रक्रियाएं पूरी होने के बाद दानकर्ता को एक डोनर कार्ड मिल जाता है. पहले से अंगदान की कागजी प्रक्रिया पूरी न होने की स्थिति में भी दिमागी तौर पर मृत घोषित हो चुके व्यक्ति के निकट संबधी उसका अंगदान कर सकते हैं.

भारत में अंगदान की स्थिति

हमारे देश में अंगदान को लेकर स्थिति बहुत अच्छी नहीं है. हालांकि अब लोग जागरूक हो रहे हैं. धीरे धीरे लोग इस ओर कदम आगे बढ़ा रहे हैं लेकिन फिर भी डोनर का काफी अभाव है. इसके कारण हर साल हजारों लोग असमय भी मौत के मुंह में चले जाते हैं. इसलिए विशेष तौर पर हमारे देश में अंगदान को लेकर लोगों को जागरूक करना बहुत जरूरी है.

Last Updated : Aug 13, 2022, 9:59 AM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.