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रायपुर में विश्व स्तरीय धर्म समागम का आयोजन, भजन, कीर्तन और धर्म साधना में डूबे भक्त - आचार्य अनिमेषानंद अवधूत

Raipur latest news रायपुर में आनन्द मार्ग द्वारा आयोजित विश्व स्तरीय धर्म समागम के पहले दिन भारत समेत अलग अलग देशों से आए 1500 मार्गियों ने भजन, कीर्तन और धर्म साधना किया. समागम में दोपहर में आनंद मार्ग के पुरोधा आचार्य करुणानन्द अवधूत ने आदर्श जीवन पर प्रवचन दिया. आनन्द मार्ग में दर्शनशास्त्र, धर्मशास्त्र और समाजशास्त्र इन तीनों का समावेश है.

रायपुर में विश्व स्तरीय धर्म समागम का आयोजन
रायपुर में विश्व स्तरीय धर्म समागम का आयोजन
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Published : Oct 14, 2022, 12:34 PM IST

Updated : Oct 14, 2022, 2:19 PM IST

रायपुर : इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ है, कि किसी दर्शन में मानव जीवन से सम्बन्धित इन तीनों दर्शनों का समावेश किया गया है. इसलिए आनन्द मार्ग आदर्श जीवन पद्धति है, उन्होंने सम्यक दर्शन जीवन से सम्बन्धित गौतम बुद्ध के सूत्रों के आधार पर आनन्द मार्गदर्शन की व्याख्या की. गौतम बुद्ध ने सफल जीवन के लिए अपने शिष्यों को आठ सूत्र दिए थे:- सम्यक दर्शन, सम्यक संकल्प, सम्यक वाक्, सम्यका आजीव, सम्यक व्यायाम, सम्यक स्मृति, सम्यक कर्मान्त और सम्यक समाधि.



आचार्य करुणानन्द अवधूत जी ने कहा कि '' दर्शन से सम्बन्धित सर्वाधिक गूढ़ प्रश्न है कि मैं कौन हूं? कहां से आया हूं? और मुझे कहां जाना है? इन प्रश्नों ने धार्मिक लोगों के साथ ही साथ वैज्ञानिकों को भी उलझन में डाल रखा है. आनन्द मार्गदर्शन स्पष्ट कहता है कि हम सभी परमपिता परमात्मा के वंशज हैं और उनके पास लौटने से ही हमें परम शांति मिलेगी, अन्यथा हम जन्म मरण के चक्कर में भटकते ही रहेंग. इसी उद्देश्य की पूर्ति के लिए प्रत्येक मनुष्य को पूरी निष्ठा से आध्यात्मिक साधना करनी ही चाहिए, जिससे कि उसके जीवन का लक्ष्य पूरा हो सके.''



समयक आजीव की व्याख्या करते हुए उन्होंने कहा कि '' जीविका का साधन पवित्र होना चाहिए, अन्यथा व्यक्ति को कभी शान्ति नहीं मिलेगी और वह पारिवारिक कलह से ग्रसित रहेगा. सम्यक वाक् के बारे में उन्होंने कहा कि हमें अपनी इंद्रियों पर पूर्व नियन्त्रण रखना चाहिए. जो मन में आया खा लिया और जब मन में आए खा लिया से काम नहीं चलेगा. हमें शाकाहारी और सात्विक भोजन करना चाहिए. तभी मन की पवित्रता बनी रहेगी, और आध्यात्मिक साधना भी अच्छी तरह होगी. सम्यक स्मृति का अर्थ है अपने अहंकार से दूर रह कर हमेशा सद्गुरु को याद करना होगा. क्योंकि अहंकार ही मनुष्य के पतन का कारण है. उन्होंने स्पष्ट कहा कि जिसको मैं की हवा लगी उसको न दवा लगी और न दुआ लगी.''


धर्म महासम्मेलन में द्वितीय सत्र में वर्तमान समय में धर्म और सम्प्रदाय की प्रासंगिकता विषय पर विचार गोष्ठी आयोजन किया गया. जिसकी अध्यक्षता आचार्य एचएल ब्रोकर ने की प्रमुख प्रवक्ता श्रीमती नीति जैन, अध्येता मध्यस्थ दर्शन, और आचार्य ज्योतिप्रकाशानन्द अवधूत थे. आनन्दमार्गी भाई बहनों ने भी इस विचार गोष्ठी में हिस्सा लिया. सभी का यह मानना था कि मानव एक हैं और मानव का धर्म एक है. साम्प्रदायिक तत्वों ने लोगों के जीवन को व्यक्तिगत और सामाजिक जीवन को नर्क बना दिया है. रात में अवधूतिका आनन्द निश्छन्दा आचार्या ने आध्यात्मिक जीवन में सफलता के उपाय पर प्रवचन दिया. उन्होंने स्पष्ट किया कि सद्गुरु की शरण में बैठकर धर्म का पालन करने में ही मानव जीवन की सार्थकता है. उन्होंने कहा कि आनन्द मार्ग दर्शन पूरी तरह विवेक सम्मत और व्यवहारिक जीवन पद्धति है, इसलिए देश विदेश का युवा वर्ग पूरे मनोयोग से आनन्द मार्ग को अपनाता जा रहा है और अपने जीवन को आनन्दमय बना रहा है.




आचार्य अनिमेषानंद अवधूत ने जानकरी देते हुए बताया कि ''शुक्रवार दोपहर 3 से शाम 6 तक बाबा नाम केवलम कीर्तन के साथ भव्य शोभा यात्रा निकाली जाएगी जिसमें 500 से अधिक आनंदमार्गी भाग लेंगे. यह शोभायात्रा तेलीबांधा थाना से शुरू होकर शहीद भगतसिंह चौक- तेलीबांधा तालाब मरीन ड्राइव में समाप्त होगी.''Raipur latest news

रायपुर : इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ है, कि किसी दर्शन में मानव जीवन से सम्बन्धित इन तीनों दर्शनों का समावेश किया गया है. इसलिए आनन्द मार्ग आदर्श जीवन पद्धति है, उन्होंने सम्यक दर्शन जीवन से सम्बन्धित गौतम बुद्ध के सूत्रों के आधार पर आनन्द मार्गदर्शन की व्याख्या की. गौतम बुद्ध ने सफल जीवन के लिए अपने शिष्यों को आठ सूत्र दिए थे:- सम्यक दर्शन, सम्यक संकल्प, सम्यक वाक्, सम्यका आजीव, सम्यक व्यायाम, सम्यक स्मृति, सम्यक कर्मान्त और सम्यक समाधि.



आचार्य करुणानन्द अवधूत जी ने कहा कि '' दर्शन से सम्बन्धित सर्वाधिक गूढ़ प्रश्न है कि मैं कौन हूं? कहां से आया हूं? और मुझे कहां जाना है? इन प्रश्नों ने धार्मिक लोगों के साथ ही साथ वैज्ञानिकों को भी उलझन में डाल रखा है. आनन्द मार्गदर्शन स्पष्ट कहता है कि हम सभी परमपिता परमात्मा के वंशज हैं और उनके पास लौटने से ही हमें परम शांति मिलेगी, अन्यथा हम जन्म मरण के चक्कर में भटकते ही रहेंग. इसी उद्देश्य की पूर्ति के लिए प्रत्येक मनुष्य को पूरी निष्ठा से आध्यात्मिक साधना करनी ही चाहिए, जिससे कि उसके जीवन का लक्ष्य पूरा हो सके.''



समयक आजीव की व्याख्या करते हुए उन्होंने कहा कि '' जीविका का साधन पवित्र होना चाहिए, अन्यथा व्यक्ति को कभी शान्ति नहीं मिलेगी और वह पारिवारिक कलह से ग्रसित रहेगा. सम्यक वाक् के बारे में उन्होंने कहा कि हमें अपनी इंद्रियों पर पूर्व नियन्त्रण रखना चाहिए. जो मन में आया खा लिया और जब मन में आए खा लिया से काम नहीं चलेगा. हमें शाकाहारी और सात्विक भोजन करना चाहिए. तभी मन की पवित्रता बनी रहेगी, और आध्यात्मिक साधना भी अच्छी तरह होगी. सम्यक स्मृति का अर्थ है अपने अहंकार से दूर रह कर हमेशा सद्गुरु को याद करना होगा. क्योंकि अहंकार ही मनुष्य के पतन का कारण है. उन्होंने स्पष्ट कहा कि जिसको मैं की हवा लगी उसको न दवा लगी और न दुआ लगी.''


धर्म महासम्मेलन में द्वितीय सत्र में वर्तमान समय में धर्म और सम्प्रदाय की प्रासंगिकता विषय पर विचार गोष्ठी आयोजन किया गया. जिसकी अध्यक्षता आचार्य एचएल ब्रोकर ने की प्रमुख प्रवक्ता श्रीमती नीति जैन, अध्येता मध्यस्थ दर्शन, और आचार्य ज्योतिप्रकाशानन्द अवधूत थे. आनन्दमार्गी भाई बहनों ने भी इस विचार गोष्ठी में हिस्सा लिया. सभी का यह मानना था कि मानव एक हैं और मानव का धर्म एक है. साम्प्रदायिक तत्वों ने लोगों के जीवन को व्यक्तिगत और सामाजिक जीवन को नर्क बना दिया है. रात में अवधूतिका आनन्द निश्छन्दा आचार्या ने आध्यात्मिक जीवन में सफलता के उपाय पर प्रवचन दिया. उन्होंने स्पष्ट किया कि सद्गुरु की शरण में बैठकर धर्म का पालन करने में ही मानव जीवन की सार्थकता है. उन्होंने कहा कि आनन्द मार्ग दर्शन पूरी तरह विवेक सम्मत और व्यवहारिक जीवन पद्धति है, इसलिए देश विदेश का युवा वर्ग पूरे मनोयोग से आनन्द मार्ग को अपनाता जा रहा है और अपने जीवन को आनन्दमय बना रहा है.




आचार्य अनिमेषानंद अवधूत ने जानकरी देते हुए बताया कि ''शुक्रवार दोपहर 3 से शाम 6 तक बाबा नाम केवलम कीर्तन के साथ भव्य शोभा यात्रा निकाली जाएगी जिसमें 500 से अधिक आनंदमार्गी भाग लेंगे. यह शोभायात्रा तेलीबांधा थाना से शुरू होकर शहीद भगतसिंह चौक- तेलीबांधा तालाब मरीन ड्राइव में समाप्त होगी.''Raipur latest news

Last Updated : Oct 14, 2022, 2:19 PM IST
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