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रायपुर: बच्चों पर वायरल अटैक! ओपीडी में रोजाना आ रहे 70 से 80 मरीज

छत्तीसगढ़ में लगातार कोरोना संक्रमित मरीजों (corona infected patients) की संख्या कम हो रही है लेकिन अब वायरल फीवर (viral fever) ने लोगों की सेहत पर बुरा असह डाला है. रायपुर में युवाओं के साथ-साथ बच्चे भी तेजी से वायरल की चपेट में आ रहे हैं.

Viral is being seen more in children
बच्चों में ज्यादा देखने को मिल रहा वायरल
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Published : Sep 9, 2021, 9:24 PM IST

रायपुरः छत्तीसगढ़ में लगातार कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या कम होते हुए नजर आ रही है. लेकिन बार-बार मौसम में बदलाव (change in weather) की वजह से वायरल तेजी से फैल रहा है. युवाओं के साथ-साथ बच्चे भी तेजी से वायरल की गिरफ्त (children caught viral) में आ रहे हैं.

पहले वायरल में जो फीवर (fever), सर्दी (cold), खांसी (Cough) लोगों को हुआ करती थी वह अमूमन 3 से 5 दिन में ठीक हो जाती थी लेकिन अब यह वायरल लोगों को 8 से 10 दिन तक अपनी गिरफ्त में ले रहा है. वहीं, घरों में पहले बच्चों को वायरल हो रहा है जिसके बाद धीरे-धीरे पूरे परिवार में वायरल देखने को मिल रहा है. इस बारे में अकेडमी ऑफ पीडीऐट्रिक्स (Academy of Pediatrics) की अध्यक्ष डॉ रिमझिम श्रीवास्तव से बातचीत की.

रायपुर में बच्चों पर वायरल का अटैक

धीरे-धीरे पूरे परिवार में फैल रहा संक्रमण

अकेडमी ऑफ पीडीऐट्रिक्स की अध्यक्ष डॉ. रिमझिम श्रीवास्तव ने बताया कि इस बार जो वायरल देखने को मिल रहा है वह बच्चों में भी ज्यादा देखने को मिल रहा है. तेज बुखार के साथ-साथ सर्दी, खांसी, हाथ-पैर में दर्द बच्चों में देखने को मिल रहा है. यह भी देखने को मिला है कि एक बच्चा संक्रमित (child infected) होता है तो धीरे-धीरे पूरे परिवार में वह संक्रमण फैल रहा है और पहले जो वायरल देखने को मिलता था वह 3 से 5 दिनों में ठीक हो जाता था.

लेकिन इस साल जो वायरल हो रहा है उसको ठीक होने में 7 से 8 दिन का समय लग रहा है. वहीं, कोरोना का समय चल रहा है तो यह भी माना जा रहा है कोरोना का कोई नया वेरिएंट (new variant) होगा, जिससे इस तरह के वायरल देखने को मिल रहे हैं. हालांकि जब कोरोना की जांच की जा रही है तो रिपोर्ट नेगेटिव (report negative) आ रहा है. यह अनुमान लगाया जा रहा है कि यह वाइरस कोरोना की जांच (corona test) को फेल कर रहा है.

कोरबा में कोरोना संक्रमण से महिला की मौत

दवाइयों के 2 डोज के बीच 5 से 6 घंटे का अंतराल जरूरी

यह वायरल बहुत ज्यादा खतरनाक तो नहीं है. जिनको भी यह वायरल हो रहा है थोड़ा समय लग रहा है लेकिन वह ठीक तो हो ही जा रहे हैं. इस वायरल बीमारी की एग्जैक्ट दवाइयां अवेलेबल नहीं है क्योंकि एंटीबायोटिक जो रहती हैं वह बैक्टीरियल बीमारियों (bacterial diseases) के लिए कारगर होती हैं. वायरस बीमारियों के लिए नहीं. अगर किसी को ऐसा कोई वायरल है, वह बुखार के लिए सिर्फ पेरासिटामोल ही ले खास कर बच्चों में दवाइयां देख कर के देनी है और इस बात का ध्यान रखना भी बहुत जरूरी है कि दवाइयों के दो डोज़ के बीच में 5 से 6 घंटे का अंतराल होना चाहिए. सर्दी खांसी के लिए जो कफ सिरप आते हैं उसका इस्तेमाल किया जा सकता है.

ओपीडी में रोजाना आ रहे 70 से 80 मरीज

हॉस्पिटल में ओपीडी में आने वाले मरीजों की बात की जाए तो आमतौर पर मौसम चेंज होने पर वायरल के ज्यादा मरीज ओपीडी में देखने को मिलते हैं. रोजाना 70 से 80 वायरल के मरीज ओपीडी में देखने को मिल रहे हैं लेकिन इस बार काफी मात्रा में बच्चे ओपीडी में वायरल को लेकर दिखाने आ रहे हैं. ऐसे में बच्चों का ध्यान रखना बहुत जरूरी हो गया है.

रायपुरः छत्तीसगढ़ में लगातार कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या कम होते हुए नजर आ रही है. लेकिन बार-बार मौसम में बदलाव (change in weather) की वजह से वायरल तेजी से फैल रहा है. युवाओं के साथ-साथ बच्चे भी तेजी से वायरल की गिरफ्त (children caught viral) में आ रहे हैं.

पहले वायरल में जो फीवर (fever), सर्दी (cold), खांसी (Cough) लोगों को हुआ करती थी वह अमूमन 3 से 5 दिन में ठीक हो जाती थी लेकिन अब यह वायरल लोगों को 8 से 10 दिन तक अपनी गिरफ्त में ले रहा है. वहीं, घरों में पहले बच्चों को वायरल हो रहा है जिसके बाद धीरे-धीरे पूरे परिवार में वायरल देखने को मिल रहा है. इस बारे में अकेडमी ऑफ पीडीऐट्रिक्स (Academy of Pediatrics) की अध्यक्ष डॉ रिमझिम श्रीवास्तव से बातचीत की.

रायपुर में बच्चों पर वायरल का अटैक

धीरे-धीरे पूरे परिवार में फैल रहा संक्रमण

अकेडमी ऑफ पीडीऐट्रिक्स की अध्यक्ष डॉ. रिमझिम श्रीवास्तव ने बताया कि इस बार जो वायरल देखने को मिल रहा है वह बच्चों में भी ज्यादा देखने को मिल रहा है. तेज बुखार के साथ-साथ सर्दी, खांसी, हाथ-पैर में दर्द बच्चों में देखने को मिल रहा है. यह भी देखने को मिला है कि एक बच्चा संक्रमित (child infected) होता है तो धीरे-धीरे पूरे परिवार में वह संक्रमण फैल रहा है और पहले जो वायरल देखने को मिलता था वह 3 से 5 दिनों में ठीक हो जाता था.

लेकिन इस साल जो वायरल हो रहा है उसको ठीक होने में 7 से 8 दिन का समय लग रहा है. वहीं, कोरोना का समय चल रहा है तो यह भी माना जा रहा है कोरोना का कोई नया वेरिएंट (new variant) होगा, जिससे इस तरह के वायरल देखने को मिल रहे हैं. हालांकि जब कोरोना की जांच की जा रही है तो रिपोर्ट नेगेटिव (report negative) आ रहा है. यह अनुमान लगाया जा रहा है कि यह वाइरस कोरोना की जांच (corona test) को फेल कर रहा है.

कोरबा में कोरोना संक्रमण से महिला की मौत

दवाइयों के 2 डोज के बीच 5 से 6 घंटे का अंतराल जरूरी

यह वायरल बहुत ज्यादा खतरनाक तो नहीं है. जिनको भी यह वायरल हो रहा है थोड़ा समय लग रहा है लेकिन वह ठीक तो हो ही जा रहे हैं. इस वायरल बीमारी की एग्जैक्ट दवाइयां अवेलेबल नहीं है क्योंकि एंटीबायोटिक जो रहती हैं वह बैक्टीरियल बीमारियों (bacterial diseases) के लिए कारगर होती हैं. वायरस बीमारियों के लिए नहीं. अगर किसी को ऐसा कोई वायरल है, वह बुखार के लिए सिर्फ पेरासिटामोल ही ले खास कर बच्चों में दवाइयां देख कर के देनी है और इस बात का ध्यान रखना भी बहुत जरूरी है कि दवाइयों के दो डोज़ के बीच में 5 से 6 घंटे का अंतराल होना चाहिए. सर्दी खांसी के लिए जो कफ सिरप आते हैं उसका इस्तेमाल किया जा सकता है.

ओपीडी में रोजाना आ रहे 70 से 80 मरीज

हॉस्पिटल में ओपीडी में आने वाले मरीजों की बात की जाए तो आमतौर पर मौसम चेंज होने पर वायरल के ज्यादा मरीज ओपीडी में देखने को मिलते हैं. रोजाना 70 से 80 वायरल के मरीज ओपीडी में देखने को मिल रहे हैं लेकिन इस बार काफी मात्रा में बच्चे ओपीडी में वायरल को लेकर दिखाने आ रहे हैं. ऐसे में बच्चों का ध्यान रखना बहुत जरूरी हो गया है.

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