रायपुर : छत्तीसगढ़ अंशकालीन स्कूल सफाई कर्मचारी कल्याण संघ के बैनर तले सफाईकर्मी अपनी 1 सूत्रीय मांग को लेकर 7 मार्च से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर बैठे हुए (Unique performance of scavengers in Raipur) हैं. इस दौरान स्कूलों में काम करने वाले सफाई कर्मचारी सरकार को जगाने के लिए तरह-तरह के प्रदर्शन कर चुके हैं. गुरुवार को प्रदेश के स्कूलों में काम करने वाले सफाईकर्मियों ने धरना स्थल और उसके आसपास झाड़ू लगाकर साफ सफाई करके सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया. ताकि सरकार इनकी मांगों को जल्द से जल्द पूरा करें । आगामी 3 जुलाई को सफाई कर्मी मुख्यमंत्री निवास का घेराव करेंगे .
सफाईकर्मियों का अनोखा प्रदर्शन, हाथों में झाड़ू लेकर जताया विरोध सीएम हाउस घेरने की चेतावनी : छत्तीसगढ़ स्कूल सफाई कर्मचारी कल्याण संघ (Chhattisgarh School Safai Karamcharis Welfare Association) के प्रदेश उपाध्यक्ष धनीराम टांडिया ने बताया कि " प्रदेश भर के स्कूलों में काम करने वाले सफाई कर्मी अपनी 1 सूत्रीय मांग अंशकालीन से पूर्णकालीन करने की मांग को लेकर पिछले 134 दिनों से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर हैं. आज प्रदर्शन स्थल पर सफाई कर्मियों ने प्रदर्शन स्थल और उसके आसपास सफाई करके अपना विरोध जताया अगले चरण में 1 जुलाई को सफाईकर्मी दंडवत स्थिति में लेट कर सिद्धि विनायक भगवान की पूजा-अर्चना करेंगे. 2 जुलाई को भीख मांग कर सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया जाएगा और आखिर में 3 जुलाई को सफाई कर्मी मुख्यमंत्री निवास का घेराव करेंगे."
कब से हड़ताल पर है कर्मचारी : बूढ़ा तालाब धरना स्थल पर 7 मार्च से धरने पर बैठे स्कूलों में काम करने वाले सफाई कर्मचारियों का कहना (School Safai Karamcharis Association picketing in Raipur) है कि "उनके द्वारा सरकार को जगाने के लिए अलग अलग तरह का प्रदर्शन कर रहे हैं. 18 जून को मुंडन का कार्यक्रम आयोजित किया गया. इस मुंडन कार्यक्रम से सरकार को यह संदेश देना चाहते हैं कि एक जीवित और एक मरे हुए व्यक्ति में कितना अंतर है. सरकार हमारी मांग को पूरा नहीं कर रही है. ऐसे में हम मरे हुए के समान है.''
क्यों हो रहा है प्रदर्शन : स्कूल सफाई कर्मचारी संघ के लोगों ने बताया '' आज प्रदर्शन करते हुए 134 दिन हो गए हैं. लेकिन सरकार बात नहीं सुन रही है.14 जून को हवन जाप का कार्यक्रम रखा गया था, 15 जून को शोभायात्रा निकाली गई थी, 16 जून को 43 हज़ार स्कूल सफाई कर्मियों ने सामूहिक इस्तीफा दिया था, 17 जून को जल सत्याग्रह और 18 जून को मुंडन कार्यक्रम आयोजित किया गया था.
कितना है मानदेय : छत्तीसगढ़ स्कूल सफाई कर्मचारी संघ का कहना है कि "साल 2011 से छत्तीसगढ़ के सभी स्कूलों में 43301 स्कूल सफाई कर्मचारी काम करते आ रहे हैं. वर्तमान में सरकार 2300 प्रतिमाह मानदेय दे रही है. आज के समय में इतने मानदेय में परिवार का भरण-पोषण कर पाना संभव नहीं है. 2018 में कांग्रेस ने अपने चुनाव घोषणापत्र में वादा किया था कि कर्मचारियों को अंशकालीन से पूर्णकालीन नियमित किया जाएगा । सत्ता में आने के बाद विधायक और मंत्री से मुलाकात कर नियमितीकरण की मांग की गई थी. बजट सत्र 2022 में इसे पूरा करने का आश्वासन दिया गया था लेकिन आज तक मांगों को पूरा नहीं किया गया है. जब तक मांगें पूरी नहीं होंगी, तब तक आंदोलन जारी रहेगा.''
कब तक चलेगा आंदोलन : छत्तीसगढ़ स्कूल सफाई कर्मचारी कल्याण संघ के उपाध्यक्ष धनीराम टांडिया ने बताया " कर्मचारी स्कूल में दिन भर काम करते हैं.लेकिन हमें सिर्फ 2300 रुपए मासिक मानदेय दिया जाता है. संघ की मांग है कि अंशकालीन से पूर्ण कालीन करते हुए उन्हें नियमित किया जाए . जिस तरह सत्ता में आने से पहले वादा किया गया था. सरकार अपना वादा निभाए जब तक मांगें पूरी नहीं होती, यह आंदोलन जारी रहेगा.''