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भुवनेश्वर के नंदनकानन चिड़ियाघर में छत्तीसगढ़ के पर्यटकों की पिटाई

ओडिशा में भुवनेश्वर के नंदनकानन जूलॉजिकल पार्क में छत्तीसगढ़ के पर्यटकों की पिटाई का मामला सामने आया है. पर्यटकों ने जू स्टाफ और स्थानीय लोगों पर मारपीट का आरोप लगाया है. नंदनकानन पुलिस मामले की जांच कर रही है.

Tourists from Chhattisgarh thrashed at Nandankanan zoo
नंदनकानन चिड़ियाघर में छत्तीसगढ़ के पर्यटकों की पिटाई
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Published : May 23, 2022, 10:47 AM IST

Updated : May 23, 2022, 11:52 AM IST

रायपुर\भुवनेश्वर: ओडिशा की राजधानी भुवनेश्वर घूमने गए छत्तीसगढ़ के पर्यटकों पर हमले का एक वीडियो सामने आया है. इस वीडियो में छत्तीसगढ़ से घूमने गए पर्यटकों को कुछ लोग मिलकर पीट रहे हैं. बताया जा रहा है कि पिटाई करने वाले कोई और नहीं बल्कि नंदनकानन जूलॉजिकल पार्क का स्टाफ है. जिन्होंने स्थानीय लोगों के साथ मिलकर 25 से ज्यादा पर्यटकों के साथ मारपीट की. जिसमें 5 लोगों को गंभीर चोटें आई हैं. पूरी घटना रविवार दोपहर की बताई जा रही है. पर्यटकों ने मारपीट की शिकायत नंदनकानन पुलिस में की. शिकायत के आधार पर पुलिस ने कुछ हमलावरों को हिरासत में लिया. आगे की पूछताछ की जा रही है.

नंदनकानन चिड़ियाघर में छत्तीसगढ़ के पर्यटकों की पिटाई

भुवनेश्वर के नंदनकानन चिड़ियाघर में पर्यटकों की पिटाई: छत्तीसगढ़ के पर्यटकों ने आरोप लगाया कि "उन्होंने चिड़ियाघर की सभी सफारी में जाने के लिए टिकट खरीद लिए थे, लेकिन तीन घंटे के इंतजार के बाद भी उन्हें गाड़ी नहीं दी गई. पर्यटकों ने जब देरी के खिलाफ आवाज उठाई तो चिड़ियाघर के कर्मचारियों ने कथित तौर पर उनके साथ मारपीट की. तनाव बढ़ने पर चिड़ियाघर के कर्मचारियों ने लगभग 50 स्थानीय लोगों को बुलाया, जिन्होंने पर्यटकों की पिटाई की. काउंटर के पास लगे बेरिकेड्स को उखाड़कर उनको पीटा गया". फिलहाल पर्यटकों की शिकायत पर नंदनकानन पुलिस आगे की कार्रवाई कर रही है.

राजनांदगांव का ढाबा क्यों बन गया कुरुक्षेत्र, आखिर क्यों बुलानी पड़ी फोर्स ?

नंदनकानन जूलॉजिकल पार्क ओडिशा के भुवनेश्वर में 437 हेक्टेयर का चिड़ियाघर और वनस्पति उद्यान है. 1960 में इसे स्थापित किया गया था. 1979 में जनता के लिए खोला गया. 2009 में वर्ल्ड एसोसिएशन ऑफ जू और एक्वेरियम में शामिल होने वाला भारत का पहला चिड़ियाघर बन गया. नंदनकानन की खास बात है कि इसे जंगल के अंदर स्थापित किया गया है. यह पूरी तरह से प्राकृतिक वातावरण में स्थापित जूलॉजिकल पार्क है.

नंदनकानन जूलॉजिकल गार्डन की विशेषताएं

  • सफेद बाघ और मेलेनिस्टिक टाइगर की ब्रीडिंग वाला दुनिया का पहला चिड़ियाघर.
  • दुनिया में भारतीय पांगोलिन का एकमात्र संरक्षित प्रजनन केंद्र.
  • वर्ष 1980 में विश्व में पहली बार नंदनकानन जूलॉजिकल पार्क में घड़ियालों का संरक्षित प्रजनन कराया गया.
  • यह भारत का पहला चिड़ियाघर है, जहां लुप्तप्राय रटेल का संरक्षित प्रजनन हुआ.
  • भारत का एकमात्र जूलॉजिकल पार्क है, जो वाजा (World Association of Zoos and Aquarium - WAZA) का संस्थागत सदस्य बना.

रायपुर\भुवनेश्वर: ओडिशा की राजधानी भुवनेश्वर घूमने गए छत्तीसगढ़ के पर्यटकों पर हमले का एक वीडियो सामने आया है. इस वीडियो में छत्तीसगढ़ से घूमने गए पर्यटकों को कुछ लोग मिलकर पीट रहे हैं. बताया जा रहा है कि पिटाई करने वाले कोई और नहीं बल्कि नंदनकानन जूलॉजिकल पार्क का स्टाफ है. जिन्होंने स्थानीय लोगों के साथ मिलकर 25 से ज्यादा पर्यटकों के साथ मारपीट की. जिसमें 5 लोगों को गंभीर चोटें आई हैं. पूरी घटना रविवार दोपहर की बताई जा रही है. पर्यटकों ने मारपीट की शिकायत नंदनकानन पुलिस में की. शिकायत के आधार पर पुलिस ने कुछ हमलावरों को हिरासत में लिया. आगे की पूछताछ की जा रही है.

नंदनकानन चिड़ियाघर में छत्तीसगढ़ के पर्यटकों की पिटाई

भुवनेश्वर के नंदनकानन चिड़ियाघर में पर्यटकों की पिटाई: छत्तीसगढ़ के पर्यटकों ने आरोप लगाया कि "उन्होंने चिड़ियाघर की सभी सफारी में जाने के लिए टिकट खरीद लिए थे, लेकिन तीन घंटे के इंतजार के बाद भी उन्हें गाड़ी नहीं दी गई. पर्यटकों ने जब देरी के खिलाफ आवाज उठाई तो चिड़ियाघर के कर्मचारियों ने कथित तौर पर उनके साथ मारपीट की. तनाव बढ़ने पर चिड़ियाघर के कर्मचारियों ने लगभग 50 स्थानीय लोगों को बुलाया, जिन्होंने पर्यटकों की पिटाई की. काउंटर के पास लगे बेरिकेड्स को उखाड़कर उनको पीटा गया". फिलहाल पर्यटकों की शिकायत पर नंदनकानन पुलिस आगे की कार्रवाई कर रही है.

राजनांदगांव का ढाबा क्यों बन गया कुरुक्षेत्र, आखिर क्यों बुलानी पड़ी फोर्स ?

नंदनकानन जूलॉजिकल पार्क ओडिशा के भुवनेश्वर में 437 हेक्टेयर का चिड़ियाघर और वनस्पति उद्यान है. 1960 में इसे स्थापित किया गया था. 1979 में जनता के लिए खोला गया. 2009 में वर्ल्ड एसोसिएशन ऑफ जू और एक्वेरियम में शामिल होने वाला भारत का पहला चिड़ियाघर बन गया. नंदनकानन की खास बात है कि इसे जंगल के अंदर स्थापित किया गया है. यह पूरी तरह से प्राकृतिक वातावरण में स्थापित जूलॉजिकल पार्क है.

नंदनकानन जूलॉजिकल गार्डन की विशेषताएं

  • सफेद बाघ और मेलेनिस्टिक टाइगर की ब्रीडिंग वाला दुनिया का पहला चिड़ियाघर.
  • दुनिया में भारतीय पांगोलिन का एकमात्र संरक्षित प्रजनन केंद्र.
  • वर्ष 1980 में विश्व में पहली बार नंदनकानन जूलॉजिकल पार्क में घड़ियालों का संरक्षित प्रजनन कराया गया.
  • यह भारत का पहला चिड़ियाघर है, जहां लुप्तप्राय रटेल का संरक्षित प्रजनन हुआ.
  • भारत का एकमात्र जूलॉजिकल पार्क है, जो वाजा (World Association of Zoos and Aquarium - WAZA) का संस्थागत सदस्य बना.
Last Updated : May 23, 2022, 11:52 AM IST
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