रायपुर : शेयर मार्केट में ऑनलाइन निवेश के नाम पर ठगी करने वाले कंपनी के डायरेक्टर को राज्य साइबर पुलिस ने कर्नाटक के बेंगलुरु से गिरफ्तार किया है. इस आरोपी ने एक फर्जी ट्रेडिंग कंपनी अकाउंट खोलकर छत्तीसगढ़ के व्यक्ति से 87 लाख की ठगी की थी. आरोपी ने पीड़ित को भरोसा दिलाया था कि वो ट्रेडिंग के जरिए उसे ज्यादा मुनाफा दिलाएगा. पीड़ित ठग के झांसे में आ गया. इसके बाद उसने 87 लाख रुपए ट्रेडिंग कंपनी में डाल दिए. पैसे मिलते ही ना तो आरोपी ने फोन उठाया और ना ही जिस अकाउंट में पैसे डाले गए थे वो एक्टिव दिख रहा था.
कैसे की थी ठगी : आरोपियों ने व्हाट्सएप के माध्यम से स्वयं को सिंगापुर की एक फाइनेंशियल कंपनी दिखाया. इस कंपनी की एक शाखा भारत में होने की बात कही गई. ठग ने पीड़ित को इंडिया की ब्रांच का आर्थिक विश्लेषक बताया. प्रार्थी से दोस्ती की और ट्रेंडिंग अकाउंट लिंक भेजकर लिंक में रजिस्टर्ड होकर इन्वेस्टमेंट करने पर म्यूच्यूअल फंड से ज्यादा वापस करने की बात (fraud in the name of investment in share market)कही.म्यूच्यूअल फंड से ज्यादा पैसा मिलने का लालच पीड़ित को ठगों के और करीब ले गया. इसके बाद ठगों के मुताबिक पीड़ित ने अपने पैसे इनवेस्ट कर दिए.
कैसे हुई शिकायत: रायगढ़ के पेशे से डॉक्टर इस ठगी के शिकार हुए थे. जिन्होंने सिर्फ एक लिंक पर भरोसा करके अपने 86 लाख रुपए गवां दिए. इस बात का पता जब डॉक्टर को लगा तो उन्होंने थाने में इसकी शिकायत की. राज्य साइबर पुलिस थाने में मामला दर्ज होने के बाद डीजीपी अशोक जुनेजा और एडीजी तकनीकी सेवा प्रदीप गुप्ता के निर्देश पर राज्य साइबर पुलिस ने छानबीन शुरु की. प्राप्त साक्ष्यों के आधार पर टीम को दूसरे राज्य महाराष्ट्र और कर्नाटक आरोपी की तलाश में भेजा गया था.
कहां छिपा था आरोपी : पुलिस ने खाता नंबरों और मोबाइल के आधार पर आरोपी का लोकेशन ट्रैस किया. कर्नाटक में लोकेशन मिलने पर पुलिस की टीम ने वहां के बेंगलुरु शहर में दबिश दी. जहां से मोहसिन को गिरफ्तार किया गया. जिसके बाद बुधवार को राज्य साइबर पुलिस की टीम शेयर मार्केट में निवेश के नाम पर ठगी करने वाले आरोपी एन मोहसीन को ट्रांजिट रिमांड में रायपुर लेकर आई .
किसने दिया ठगी में साथ : ठगी के इस मामले में विदेशी नागरिकों की भी संलिप्तता भी पाई गई है. पुलिस ने जांच में यह पाया कि क्रिएटिव टेक्नोलॉजी कंपनी के साथ ही आरोपी अन्य कई कंपनी ठगी करने के नाम से खोलकर रखा हुआ था. पूछताछ में आरोपी एन मोहसीन ने पुलिस को बताया कि उसने अपने अन्य साथियों के साथ मिलकर क्रिएटिव टेक्नोलॉजी और दूसरी कंपनियों को विदेशी नागरिक के साथ मिलकर रजिस्टर्ड करवाया था. राज्य साइबर पुलिस टीम बेंगलुरु से ट्रांजिट रिमांड पर लेकर रायपुर आई है. ठगी के मामले में विदेशी नागरिकों की मिलीभगत भी सामने आई है. जिसके बारे साइबर पुलिस पकड़े गए आरोपी से पूछताछ कर रही है.
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कैसे होगी पैसों की रिकवरी : इस मामले में साइबर पुलिस ने 96 लाख रुपए ब्लॉक करवा दिए हैं. साइबर पुलिस को मिले दस्तावेज के आधार पर आरोपी ने अलग-अलग तारीख में अलग-अलग खाता नंबरों पर पैसा ट्रांसफर कराया था .उन खातों की भी जानकारी पुलिस ले रही है. आरोपी के खाते में 96 लाख रुपए हैं. जिसे साइबर पुलिस ने ब्लॉक करवा दिए हैं.