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तीन नवगठित जिलों का शुभारंभ करेंगे सीएम भूपेश बघेल

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Published : Aug 31, 2022, 2:49 PM IST

सीएम भूपेश बघेल तीन नए जिलों का शुभारंभ करने जा रहे हैं. जिसकी तैयारियां पूरी कर ली गई है.2 और 3 सितंबर को कार्यक्रम रखे गए हैं.

तीन नवगठित जिलों का शुभारंभ करेंगे सीएम भूपेश बघेल
तीन नवगठित जिलों का शुभारंभ करेंगे सीएम भूपेश बघेल

रायपुर : छतीसगढ़ में 2 और 3 सितम्बर को सीएम भूपेश बघेल (CM bhupesh baghel) 03 नवगठित जिलों का शुभारंभ करेगे.जिनमें मोहला-मानपुर-अम्बागढ़ चौकी, सारंगढ़-बिलाईगढ़ और खैरागढ़-छुईखदान-गंडई शामिल है. निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार मुख्यमंत्री बघेल 2 सितम्बर को दोपहर 1 बजे मोहला के मिनी स्टेडियम में आयोजित कार्यक्रम में छत्तीसगढ़ के नवगठित 28वां जिला ‘मोहला-मानपुर-अम्बागढ़ चौकी’ का शुभारंभ करेंगे. कार्यक्रम की अध्यक्षता खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति मंत्री अमरजीत भगत करेंगे. इसी तरह 3 सितम्बर को सुबह 11 बजे सारंगढ़ के खेलभाठा मैदान में आयोजित कार्यक्रम में छत्तीसगढ़ के नवगठित 30वां जिला ‘सारंगढ़-बिलाईगढ़’ का शुभारंभ करेंगे. यहां कार्यक्रम के अध्यक्षता स्कूल शिक्षा तथा आदिम जाति कल्याण मंत्री डॉ. प्रेमसाय सिंह टेकाम करेंगे. 3 सितम्बर को ही दोपहर 1 बजे खैरागढ़ के राजा फतेह सिंह खेल मैदान में आयोजित कार्यक्रम में छत्तीसगढ़ के नवगठित 31वां जिला ‘खैरागढ़-छुईखदान-गंडई’का शुभारंभ सीएम भूपेश के हाथों होगा. यहां कार्यक्रम की अध्यक्षता खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति मंत्री अमरजीत भगत करेंगे. नवगठित जिलों के शुभारंभ के अवसर पर मंत्रीगण सहित सांसद तथा विधायकगण और स्थानीय जनप्रतिनिधि भी मौजूद रहेंगे .

मोहला मानपुर में होगा विकास : गौरतलब है कि मोहला-मानपुर-चौकी जिला अब राजनांदगांव जिले से अलग होकर एक नये प्रशासनिक इकाई के रूप में उभरेगा. मोहला-मानपुर-चौकी क्षेत्र लंबे समय तक नक्सल गतिविधियों से प्रभावित रहा (Mohla Manpur Ambagarh chauki became district ) है. नया जिला बन जाने से शासन-प्रशासन इन क्षेत्रों में और निकट तक पहुंचेगा और विकास कार्यों की गति बढ़ेगी. शासन के प्रयासों से इन क्षेत्रों में विकास कार्यों को प्राथमिकता देते हुए स्वास्थ्य, शिक्षा, खाद्यान्न, रोड कनेक्टिविटी के लिए विशेष कार्य किए जा रहे हैं. नया जिला बन जाने से इन क्षेत्रों की तस्वीर बदलेगी. मानपुर प्राकृतिक वन संपदा से परिपूर्ण है. यहां के सघन वनों में लघुवनोपज प्रचुर मात्रा में है. मोहला-मानपुर क्षेत्र जनजातीय बाहुल्य क्षेत्र है. मोहला-मानपुर-चौकी जिला एक नये नक्शे के साथ आकार लेगा. नवीन जिला की भौगोलिक सीमाएं उत्तर में जिला राजनांदगांव के तहसील छुरिया, दक्षिण में तहसील दुर्गकोंदल, पखांजुर जिला कांकेर, पूर्व में तहसील डौंडी, डौंडी लोहारा जिला बालोद एवं पश्चित में महाराष्ट्र की सीमा से लगी हुई है. प्रस्तावित नवीन जिला मोहला-मानपुर-चौकी दुर्ग संभाग के अंतर्गत होगा. जहां जिले का नाम मोहला-मानपुर-चौकी होगा.

खैरागढ़ छुईखदान और गंडई मिलाकर बना जिला : इसी तरह प्रस्तावित खैरागढ़-छुईखदान-गण्डई नवीन जिला अब राजनांदगांव जिले से अलग होकर एक नए प्रशासनिक इकाई का स्वरूप लेगा. मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की घोषणा के बाद नए जिले निर्माण के गठन के लिए राजपत्र में अधिसूचना प्रकाशित हो गई है. खैरागढ़-छुईखदान-गण्डई जिला लंबे समय तक नक्सल प्रभावित रहा है. प्रशासनिक विकेन्द्रीकरण होने से शासन-प्रशासन इन क्षेत्रों में जनसामान्य के और निकट पहुंचेगा .नए जिले को आकार देने का आगाज हो चुका ( CM bhupesh baghel in chhattisgarh) है. मुख्यमंत्री के निर्देश के बाद जिला प्रशासन द्वारा जहां जालबांधा को उप तहसील का दर्जा दिया गया. वहीं साल्हेवारा को तहसील का दर्जा देने के लिए राजपत्र में अधिसूचना जारी की गई है. जिससे जनसामान्य में उत्साह एवं हर्ष व्याप्त है. आने वाले समय में आम जनता को इसका प्रत्यक्ष लाभ मिलेगा और इन क्षेत्रों में परिवर्तन होंगे और तीव्र गति से विकास होगा. नया जिला बनने से जनआकांक्षाओं को अभिव्यक्ति मिली है और नई उम्मीद और नई संभावना के रास्ते खुले हैं.

प्राकृतिक संसाधनों से भरा है खैरागढ़ : खैरागढ़-छुईखदान-गण्डई जिला खनिज संसाधनों के मामले में भी समृद्ध है, जिससे औद्योगिक विकास को गति मिलेगी. खैरागढ़ क्षेत्र में चूना पत्थर गौण खनिज उपलब्ध है. वहीं इसके साथ ही क्वार्टजाईट, सिलिका सेण्ड, ईट मिट्टी जैसे खनिज उपलब्ध हैं.वहीं छुईखदान क्षेत्र में मुख्य खनिज चूना पत्थर उपलब्ध है. साधारण पत्थर एवं लौह खनिज अयस्क मिलने की संभावना है. शासन द्वारा 220 करोड़ 7 लाख 19 हजार रूपए की लागत से निर्माणाधीन सिद्धबाबा जलाशय लघु सिंचाई परियोजना से इस क्षेत्र की तस्वीर बदलेगी.लमती नदी में बनने वाले इस परियोजना से 34 ग्राम लाभान्वित होंगे. वहीं 1 हजार 840 हेक्टेयर की भूमि की सिंचाई की जा सकेगी. कृषि क्षेत्र में विकास के अवसर बढ़ेंगे. वहीं सुरही जलाशय लघु सिंचाई परियोजना अंतर्गत वेस्ट वियर की ऊंचाई बढ़ाने तथा नहर का विस्तार का जीर्णाद्धार, लाइनिंग कार्य के साथ नहर विस्तार किया जा रहा है. जिससे सिंचाई के रकबा में 120 हेक्टेयर की बढ़ोत्तरी होगी. पिपरिया जलाशय मध्यम सिंचाई परियोजना से 91 ग्राम लाभान्वित हो रहे हैं. 6 हजार 240 हेक्टेयर रकबा में सिंचाई हो रही है. नया जिला गढने की दिशा में तेजी से कदम बढ़ाये जा रहे हैं और आने वाले वर्षों में इसके सुखद परिणाम मिलेंगे.

रायपुर : छतीसगढ़ में 2 और 3 सितम्बर को सीएम भूपेश बघेल (CM bhupesh baghel) 03 नवगठित जिलों का शुभारंभ करेगे.जिनमें मोहला-मानपुर-अम्बागढ़ चौकी, सारंगढ़-बिलाईगढ़ और खैरागढ़-छुईखदान-गंडई शामिल है. निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार मुख्यमंत्री बघेल 2 सितम्बर को दोपहर 1 बजे मोहला के मिनी स्टेडियम में आयोजित कार्यक्रम में छत्तीसगढ़ के नवगठित 28वां जिला ‘मोहला-मानपुर-अम्बागढ़ चौकी’ का शुभारंभ करेंगे. कार्यक्रम की अध्यक्षता खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति मंत्री अमरजीत भगत करेंगे. इसी तरह 3 सितम्बर को सुबह 11 बजे सारंगढ़ के खेलभाठा मैदान में आयोजित कार्यक्रम में छत्तीसगढ़ के नवगठित 30वां जिला ‘सारंगढ़-बिलाईगढ़’ का शुभारंभ करेंगे. यहां कार्यक्रम के अध्यक्षता स्कूल शिक्षा तथा आदिम जाति कल्याण मंत्री डॉ. प्रेमसाय सिंह टेकाम करेंगे. 3 सितम्बर को ही दोपहर 1 बजे खैरागढ़ के राजा फतेह सिंह खेल मैदान में आयोजित कार्यक्रम में छत्तीसगढ़ के नवगठित 31वां जिला ‘खैरागढ़-छुईखदान-गंडई’का शुभारंभ सीएम भूपेश के हाथों होगा. यहां कार्यक्रम की अध्यक्षता खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति मंत्री अमरजीत भगत करेंगे. नवगठित जिलों के शुभारंभ के अवसर पर मंत्रीगण सहित सांसद तथा विधायकगण और स्थानीय जनप्रतिनिधि भी मौजूद रहेंगे .

मोहला मानपुर में होगा विकास : गौरतलब है कि मोहला-मानपुर-चौकी जिला अब राजनांदगांव जिले से अलग होकर एक नये प्रशासनिक इकाई के रूप में उभरेगा. मोहला-मानपुर-चौकी क्षेत्र लंबे समय तक नक्सल गतिविधियों से प्रभावित रहा (Mohla Manpur Ambagarh chauki became district ) है. नया जिला बन जाने से शासन-प्रशासन इन क्षेत्रों में और निकट तक पहुंचेगा और विकास कार्यों की गति बढ़ेगी. शासन के प्रयासों से इन क्षेत्रों में विकास कार्यों को प्राथमिकता देते हुए स्वास्थ्य, शिक्षा, खाद्यान्न, रोड कनेक्टिविटी के लिए विशेष कार्य किए जा रहे हैं. नया जिला बन जाने से इन क्षेत्रों की तस्वीर बदलेगी. मानपुर प्राकृतिक वन संपदा से परिपूर्ण है. यहां के सघन वनों में लघुवनोपज प्रचुर मात्रा में है. मोहला-मानपुर क्षेत्र जनजातीय बाहुल्य क्षेत्र है. मोहला-मानपुर-चौकी जिला एक नये नक्शे के साथ आकार लेगा. नवीन जिला की भौगोलिक सीमाएं उत्तर में जिला राजनांदगांव के तहसील छुरिया, दक्षिण में तहसील दुर्गकोंदल, पखांजुर जिला कांकेर, पूर्व में तहसील डौंडी, डौंडी लोहारा जिला बालोद एवं पश्चित में महाराष्ट्र की सीमा से लगी हुई है. प्रस्तावित नवीन जिला मोहला-मानपुर-चौकी दुर्ग संभाग के अंतर्गत होगा. जहां जिले का नाम मोहला-मानपुर-चौकी होगा.

खैरागढ़ छुईखदान और गंडई मिलाकर बना जिला : इसी तरह प्रस्तावित खैरागढ़-छुईखदान-गण्डई नवीन जिला अब राजनांदगांव जिले से अलग होकर एक नए प्रशासनिक इकाई का स्वरूप लेगा. मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की घोषणा के बाद नए जिले निर्माण के गठन के लिए राजपत्र में अधिसूचना प्रकाशित हो गई है. खैरागढ़-छुईखदान-गण्डई जिला लंबे समय तक नक्सल प्रभावित रहा है. प्रशासनिक विकेन्द्रीकरण होने से शासन-प्रशासन इन क्षेत्रों में जनसामान्य के और निकट पहुंचेगा .नए जिले को आकार देने का आगाज हो चुका ( CM bhupesh baghel in chhattisgarh) है. मुख्यमंत्री के निर्देश के बाद जिला प्रशासन द्वारा जहां जालबांधा को उप तहसील का दर्जा दिया गया. वहीं साल्हेवारा को तहसील का दर्जा देने के लिए राजपत्र में अधिसूचना जारी की गई है. जिससे जनसामान्य में उत्साह एवं हर्ष व्याप्त है. आने वाले समय में आम जनता को इसका प्रत्यक्ष लाभ मिलेगा और इन क्षेत्रों में परिवर्तन होंगे और तीव्र गति से विकास होगा. नया जिला बनने से जनआकांक्षाओं को अभिव्यक्ति मिली है और नई उम्मीद और नई संभावना के रास्ते खुले हैं.

प्राकृतिक संसाधनों से भरा है खैरागढ़ : खैरागढ़-छुईखदान-गण्डई जिला खनिज संसाधनों के मामले में भी समृद्ध है, जिससे औद्योगिक विकास को गति मिलेगी. खैरागढ़ क्षेत्र में चूना पत्थर गौण खनिज उपलब्ध है. वहीं इसके साथ ही क्वार्टजाईट, सिलिका सेण्ड, ईट मिट्टी जैसे खनिज उपलब्ध हैं.वहीं छुईखदान क्षेत्र में मुख्य खनिज चूना पत्थर उपलब्ध है. साधारण पत्थर एवं लौह खनिज अयस्क मिलने की संभावना है. शासन द्वारा 220 करोड़ 7 लाख 19 हजार रूपए की लागत से निर्माणाधीन सिद्धबाबा जलाशय लघु सिंचाई परियोजना से इस क्षेत्र की तस्वीर बदलेगी.लमती नदी में बनने वाले इस परियोजना से 34 ग्राम लाभान्वित होंगे. वहीं 1 हजार 840 हेक्टेयर की भूमि की सिंचाई की जा सकेगी. कृषि क्षेत्र में विकास के अवसर बढ़ेंगे. वहीं सुरही जलाशय लघु सिंचाई परियोजना अंतर्गत वेस्ट वियर की ऊंचाई बढ़ाने तथा नहर का विस्तार का जीर्णाद्धार, लाइनिंग कार्य के साथ नहर विस्तार किया जा रहा है. जिससे सिंचाई के रकबा में 120 हेक्टेयर की बढ़ोत्तरी होगी. पिपरिया जलाशय मध्यम सिंचाई परियोजना से 91 ग्राम लाभान्वित हो रहे हैं. 6 हजार 240 हेक्टेयर रकबा में सिंचाई हो रही है. नया जिला गढने की दिशा में तेजी से कदम बढ़ाये जा रहे हैं और आने वाले वर्षों में इसके सुखद परिणाम मिलेंगे.

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