रायपुर: छत्तीसगढ़ के चंपारण में भाजपा महिला मोर्चा की तीन दिवसीय प्रशिक्षण शिविर का आयोजन किया गया है. तीन दिवसीय प्रशिक्षण शिविर में पार्टी के मूलभूत रीति , रणनीति , नियम विचार पर चर्चा की गई. वहीं प्रशिक्षण शिविर में महिला मोर्चा के कार्यों को गतिशीलता देने की रणनीति बनाई गई.
सरोज पाण्डेय ने कार्यक्रम में की शिरकत : इस प्रशिक्षण शिविर में राज्यसभा सांसद सरोज पाण्डेय (Rajya Sabha MP Saroj Pandey) ने कहा " प्रदेश की कांग्रेस सरकार ने महिलाओं को छला है. प्रदेश की कांग्रेस सरकार ने महिलाओं की आत्मसम्मान को हमेशा ठेस पहुंचाया है. शराबबंदी के नाम पर सत्ता में आने के बाद भी कांग्रेस ने शराबबंदी की दिशा में कुछ नहीं किया जिसके कारण प्रदेश के हर इलाके में अपराध की घटनाएं आम हो चुकी है. यहां से हम मातृशक्ति एक संकल्प के साथ लौटेंगे और प्रदेश की कांग्रेस सरकार को करारा जवाब देंगे. मिशन 2023 में हम सबकी भूमिका महत्वपूर्ण है. मातृशक्ति ने जब चाहा है तब परिवर्तन के कारण बने (Saroj Pandey attacked Bhupesh Sarkar in Raipur) हैं. "
मातृशक्ति के आगे मुगल भी हुए परास्त : महिला मोर्चा राष्ट्रीय उपाध्यक्ष रेखा गुप्ता (Mahila Morcha National VP Rekha Gupta) ने कहा " आज महिलाएं राष्ट्र निर्माण में भी अपना महत्वपूर्ण योगदान दे रही हैं. महिला सशक्तिकरण के लिए केंद्र सरकार कई महत्वपूर्ण योजनाएं चला रही है. मातृशक्ति हमेशा सामाजिक कुरीतियों के खिलाफ लड़ती रही है यही कारण है कि हम सब परिवर्तन के प्रतीक बने है. रानी लक्ष्मीबाई, अवंती बाई, अहिल्याबाई होलकर, रानी दुर्गावती, मनु गार्गी सहित कई मातृशक्तियों ने राष्ट्र के नव निर्माण में जो योगदान दिया है उसे भुलाया नहीं जा सकता है. "
शिक्षित महिला कई परिवारों को शिक्षित करती है : बिलासपुर उच्च न्यायालय की अधिवक्ता दीपाली पांडे ने कहा " हर युग में मातृशक्ति की अपना महत्व रहा है. मातृशक्ति के बिना किसी समाज की परिकल्पना नहीं कर सकते है. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी(Prime Minister Narendra Modi) के नेतृत्व में मातृशक्ति को उनके अधिकारों को दिलाने महत्वपूर्ण कार्य हो रहे हैं. हमें अपने कार्य कुशलता को और विकसित कर समाज, परिवार निर्माण की दिशा में अनुकरणीय कार्य करना होगा. आत्मनिर्भर राष्ट्र बनाने के लिए हम सबका पूर्ण सहयोग है.इस अभियान में मातृशक्ति को जोड़ने से अभियान की गति और अधिक विस्तारित हो गई है.हम सबके लिए सौभाग्य की बात है कि इस वर्ष 34 मातृशक्तियों को पद्म पुरस्कार अलग-अलग क्षेत्रों में अनुकरणीय कार्य के लिए मिला हैं. हम सपनों को नए आयाम के साथ गढ़ने की दिशा में एक जुटता से जुटे हुए हैं."