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छत्तीसगढ़ की इस योजना ने महिलाओं का रखा मान - Treatment through Dai Didi Clinic

छत्तीसगढ़ में महिलाओं के इलाज के लिए सरकार ने दाई-दीदी क्लीनिक योजना का शुभारंभ (dai didi clinic in chhattisgarh ) किया. इस योजना में शहरों के स्लम बस्तियों में रहने वाली महिलाओं का इलाज नि:शुल्क किया जाता है.

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छत्तीसगढ़ की इस योजना ने महिलाओं का रखा मान
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Published : Jul 2, 2022, 5:20 PM IST

रायपुर: छत्तीसगढ़ शासन के नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग द्वारा संचालित दाई-दीदी क्लीनिक योजना का अच्छा रिस्पॉन्स मिल रहा (dai didi clinic in chhattisgarh ) है. रायपुर, बिलासपुर और भिलाई नगर निगम क्षेत्रों की गरीब स्लम बस्तियों में रहने वाली महिलाओं एवं बच्चियों का इलाज अब उनके घर के पास हो रहा है. गरीब स्लम क्षेत्र में रहने वाली मेहनत मजदूरी करने वाली महिलाएं कई कारणों से अपना इलाज नहीं करा पाती हैं. ऐसी महिलाओं का इलाज उनके घर के पास ही दाई-दीदी क्लिनिक से हो रहा है. दाई-दीदी क्लिनिक योजना के तहत अब तक करीब एक हजार 405 कैम्प लगाएं गए. जहां पर एक लाख 4 हजार 485 से अधिक महिलाओं का इलाज किया गया (Free treatment of poor women through Dai Didi Clinic) है. मोबाइल मेडिकल यूनिट में 18 हजार 781 महिलाओं का लैब टेस्ट किया गया और 98 हजार 890 महिलाओं को निःशुल्क दवाईयां दी गई.

क्यों लाई गई योजना : गौरतलब है कि प्रदेश के नगरीय निकायों के स्लम क्षेत्रों में निवासरत लोगों में स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता का अभाव होने के कारण कई प्रकार की मौसमी एवं अन्य बीमारियां फैलने की आशंका रहती है. इन बस्तियों में निवासरत लोगों और उनके आश्रित वृद्धजनों, बच्चों को अस्पताल ले जाने एवं इलाज कराने में कई बार अस्पताल में लंबी लाईन होने के कारण, मजदूर उस दिन कार्य पर नहीं जा पाते है, जिससे उन्हें आर्थिक नुकसान भी होता है. मोबाइल मेडिकल यूनिट के माध्यम से लोगों को सुबह-शाम घर पहुंच स्वास्थ्य सुविधा सहजता से उपलब्ध हो रही है.

कैसी है ये सुविधा : मोबाइल मेडिकल यूनिट में अत्याधुनिक जांच की मशीनें भी लगी हुई है. इन मशीनों से बीपी, शुगर, खून जांच, पेशाब की जांच मौके पर ही की जा रही है. सर्दी, बुखार की दवाईयों के साथ-साथ बीपी शुगर जैसे बीमारियों की नियमित जांच के साथ दवाइयां भी मुफ्त में दी जा रही है. इलाज की पूरी प्रक्रिया को ऑनलाइन भी किया गया है. मॉनिटरिंग हेतु सी.सी.टी.वी. तथा स्वास्थ्य संबंधी जानकारियों के प्रचार-प्रसार के लिए टीवी, प्रोजेक्टर और मुनादी हेतु साउण्ड सिस्टम भी लगाए गए है.

कब हुई थी योजना की शुरुआत : पूर्व प्रधानमंत्री स्व श्रीमती इंदिरा गांधी जी की जयंती के दिन 19 नवम्बर 2021 को प्रदेश की महिलाओं के लिए शुरू की गई देश में अपने आप में अनूठी दाई दीदी क्लीनिक का भी बहुत अच्छा रिस्पांस मिल रहा है. दाई-दीदी क्लीनिक की सबसे महत्वपूर्ण बात यह कि इसमें महिला चिकित्सकों के माध्यम से ही महिलाओं को निःशुल्क उपचार मिल रहा है. अभी तक पांच हजार से अधिक महिलाओं ने दाई दीदी क्लीनिक के माध्यम से स्वास्थ्य लाभ (Treatment through Dai Didi Clinic) प्राप्त किया है.

क्या है दाईदीदी क्लीनिक : दाई-दीदी क्लीनिक देश में अपनी तरह का पहला क्लीनिक है, जिसमें केवल महिलाओं का इलाज किया जा रहा है. वर्तमान में इसे रायपुर, दुर्ग-भिलाई और बिलासपुर निगम क्षेत्र में मुख्यमंत्री शहरी स्लम स्वास्थ्य योजना के अंतर्गत पायलेट प्रोजेक्ट के रूप में शुरू किया गया है और आगे इसका विस्तार किया जाएगा. संकोच के कारण महिलाएं अपनी बीमारी को खुलकर नहीं बता पाती हैं. इस कारण उनकी बीमारी का सही उपचार नहीं हो पाता. अब दाई-दीदी क्लीनिक में महिला चिकित्सक और महिला स्टाफ होने से वे निःसंकोच अपना समुचित इलाज करा रहीं हैं. इसमें महिलाओं को निःशुल्क इलाज की सुविधा मिल रही है. उन्हें अस्पतालों में जाने की जरूरत नहीं पड़ती.

रायपुर: छत्तीसगढ़ शासन के नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग द्वारा संचालित दाई-दीदी क्लीनिक योजना का अच्छा रिस्पॉन्स मिल रहा (dai didi clinic in chhattisgarh ) है. रायपुर, बिलासपुर और भिलाई नगर निगम क्षेत्रों की गरीब स्लम बस्तियों में रहने वाली महिलाओं एवं बच्चियों का इलाज अब उनके घर के पास हो रहा है. गरीब स्लम क्षेत्र में रहने वाली मेहनत मजदूरी करने वाली महिलाएं कई कारणों से अपना इलाज नहीं करा पाती हैं. ऐसी महिलाओं का इलाज उनके घर के पास ही दाई-दीदी क्लिनिक से हो रहा है. दाई-दीदी क्लिनिक योजना के तहत अब तक करीब एक हजार 405 कैम्प लगाएं गए. जहां पर एक लाख 4 हजार 485 से अधिक महिलाओं का इलाज किया गया (Free treatment of poor women through Dai Didi Clinic) है. मोबाइल मेडिकल यूनिट में 18 हजार 781 महिलाओं का लैब टेस्ट किया गया और 98 हजार 890 महिलाओं को निःशुल्क दवाईयां दी गई.

क्यों लाई गई योजना : गौरतलब है कि प्रदेश के नगरीय निकायों के स्लम क्षेत्रों में निवासरत लोगों में स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता का अभाव होने के कारण कई प्रकार की मौसमी एवं अन्य बीमारियां फैलने की आशंका रहती है. इन बस्तियों में निवासरत लोगों और उनके आश्रित वृद्धजनों, बच्चों को अस्पताल ले जाने एवं इलाज कराने में कई बार अस्पताल में लंबी लाईन होने के कारण, मजदूर उस दिन कार्य पर नहीं जा पाते है, जिससे उन्हें आर्थिक नुकसान भी होता है. मोबाइल मेडिकल यूनिट के माध्यम से लोगों को सुबह-शाम घर पहुंच स्वास्थ्य सुविधा सहजता से उपलब्ध हो रही है.

कैसी है ये सुविधा : मोबाइल मेडिकल यूनिट में अत्याधुनिक जांच की मशीनें भी लगी हुई है. इन मशीनों से बीपी, शुगर, खून जांच, पेशाब की जांच मौके पर ही की जा रही है. सर्दी, बुखार की दवाईयों के साथ-साथ बीपी शुगर जैसे बीमारियों की नियमित जांच के साथ दवाइयां भी मुफ्त में दी जा रही है. इलाज की पूरी प्रक्रिया को ऑनलाइन भी किया गया है. मॉनिटरिंग हेतु सी.सी.टी.वी. तथा स्वास्थ्य संबंधी जानकारियों के प्रचार-प्रसार के लिए टीवी, प्रोजेक्टर और मुनादी हेतु साउण्ड सिस्टम भी लगाए गए है.

कब हुई थी योजना की शुरुआत : पूर्व प्रधानमंत्री स्व श्रीमती इंदिरा गांधी जी की जयंती के दिन 19 नवम्बर 2021 को प्रदेश की महिलाओं के लिए शुरू की गई देश में अपने आप में अनूठी दाई दीदी क्लीनिक का भी बहुत अच्छा रिस्पांस मिल रहा है. दाई-दीदी क्लीनिक की सबसे महत्वपूर्ण बात यह कि इसमें महिला चिकित्सकों के माध्यम से ही महिलाओं को निःशुल्क उपचार मिल रहा है. अभी तक पांच हजार से अधिक महिलाओं ने दाई दीदी क्लीनिक के माध्यम से स्वास्थ्य लाभ (Treatment through Dai Didi Clinic) प्राप्त किया है.

क्या है दाईदीदी क्लीनिक : दाई-दीदी क्लीनिक देश में अपनी तरह का पहला क्लीनिक है, जिसमें केवल महिलाओं का इलाज किया जा रहा है. वर्तमान में इसे रायपुर, दुर्ग-भिलाई और बिलासपुर निगम क्षेत्र में मुख्यमंत्री शहरी स्लम स्वास्थ्य योजना के अंतर्गत पायलेट प्रोजेक्ट के रूप में शुरू किया गया है और आगे इसका विस्तार किया जाएगा. संकोच के कारण महिलाएं अपनी बीमारी को खुलकर नहीं बता पाती हैं. इस कारण उनकी बीमारी का सही उपचार नहीं हो पाता. अब दाई-दीदी क्लीनिक में महिला चिकित्सक और महिला स्टाफ होने से वे निःसंकोच अपना समुचित इलाज करा रहीं हैं. इसमें महिलाओं को निःशुल्क इलाज की सुविधा मिल रही है. उन्हें अस्पतालों में जाने की जरूरत नहीं पड़ती.

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