कोरबा : भारत सरकार महिला एवं बाल विकास विभाग (Women and Child Development Department) के अंतर्गत संपूर्ण भारत में 21 मार्च से 27 मार्च बालक-बालिका स्पर्धा का आयोजन किया जाएगा. खास बात यह है कि इस दौरान 6 वर्ष तक के समस्त बच्चों का वजन, ऊंचाई नापकर प्रतिस्पर्धा का आयोजन होगा. जिससे उन्हें स्वास्थ्य लाभ हो.आपको बता दें कि हाल ही में छत्तीसगढ़ से राज्यसभा सांसद रामविचार नेताम (Rajya Sabha MP Ramvichar Netam) ने राज्यसभा में सवाल पूछा था. जिसमें यह जानकारी निकलकर आई थी कि जनजातीय जिलों में छोटे बच्चों का स्वास्थ्य खराब है. पिछले 3 वर्षों में उनके मौत के आंकड़े भी चौंकाने वाले पाए गए थे.जिसके बाद महिला एवं बाल विकास विभाग ने छत्तीसगढ़ के हर जिले में अभियान चलाने की योजना तैयार की है.
आयोजन के लिए दिया गया प्रशिक्षण
इस संबंध में महिला एवं बाल विकास विभाग ने जिला स्तरीय एक दिवसीय प्रशिक्षण (District level one day training) का आयोजन किया.जिसमें 8 परियोजना अधिकारी और 82 पर्यवेक्षकों सहित अन्य संस्था-एजेंसियों से 5 लोगों ने हिस्सा लिया. इस प्रशिक्षण में संचालनालय रायपुर महिला एवं बाल विकास विभाग (Raipur Women and Child Development Department) ने समीक्षा की.इसके लिए कोरबा जिले के लिए नियुक्त किये गये नोडल अधिकारी एसके चौबे, संयुक्त संचालक ने मैदानी स्तर पर सूक्ष्म कार्य योजना पर तैयारियों का जायजा लिया. उन्होंने इस प्रतिस्पर्धा में 6 वर्ष तक के सभी बच्चों का वजन और उंचाई लेकर उसे कार्यकर्ता द्वारा पोषण ट्रेकर ऐप में एंट्री करने को कहा. प्रशिक्षण के बाद पर्यवेक्षकों के द्वारा सेक्टर स्तर पर प्रशिक्षण दिया जाएगा. जिसमें पोषण ट्रेकर ऐप में वजन ऊंचाई की प्रक्रिया को सिखाया जाएगा.
बच्चों को पोषण आहार देना जरूरी
स्वस्थ बालक बालिका स्पर्धा का आयोजन सामुदायिक भागीदारी, स्वस्थ्य बच्चे की पहचान और उसके प्रदर्शन पर आधारित है. इस प्रतिस्पर्धा का मकसद बच्चों के बीच स्वास्थ्य और पोषण को बढ़ावा देने के लिये माता-पिता के बीच प्रतिस्पर्धा की भावना पैदा कर जागरूकता लाना है. इस कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य 0 से 6 वर्ष आयु वर्ग के बच्चों के पोषण की स्थिति में सुधार, कुपोषित बच्चों के साथ-साथ स्वस्थ बच्चों पर अधिक ध्यान देना है. वर्तमान में 0 से 6 वर्ष की आयु के लगभग 57 प्रतिशत बच्चे आईसीडीएस योजना के तहत लाभ ले रहे हैं.
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कुपोषण जैसी गंभीर समस्या का किया जाएगा आकलन
कार्यक्रम अधिकारी नायक ने यह भी कहा कि आयोजन से शेष बच्चों को योजना के तहत पंजीकृत होने और योजना के तहत लाभ प्राप्त करने के लिए प्रेरित किया जायेगा. कार्यक्रम के माध्यम से बच्चों के नियमित विकास की निगरानी की महत्वपूर्ण भूमिका पर जोर देकर कुपोषण की समस्या का आकलन किया जायेगा. कार्यक्रम का उद्देश्य अधिकांश बच्चों के लिए ऊंचाई, वजन और उम्र के डेटाबेस को मजबूत करने में मदद हासिल करना है. जिससे प्रत्येक जिले में बौनापन, दुबलापन और कम वजन वाले बच्चों की पहचान हो सके.