रायपुर: छत्तीसगढ़ में खुदकुशी के मामले साल दर साल बढ़ते जा रहे हैं. राजधानी रायपुर में मौत को गले लगाने वालों में सर्वाधिक युवा वर्ग शामिल हैं. ETV भारत ने जब खुदकुशी के मामलों की पड़ताल की तो ज्यादातर युवा प्रेम प्रसंग में जान गंवा रहे हैं. रायपुर जिले में पिछले तीन साल में 2600 से अधिक लोगों ने खुदकुशी की है. हैरान करने वाली बात यह है कि इनमें सर्वाधिक लड़के शामिल हैं. जिनकी संख्या करीब 1900 से अधिक है. Suicide in love affair in Chhattisgarh
प्यार में मिला धोखा तो मौत को लगा ली गले: राजधानी रायपुर में खुदकुशी के मामलों ने अचानक छलांग लगा दी है. इनमें सर्वाधिक संख्या लड़कों की है. पुलिस विभाग से मिले आंकड़ों के मुताबिक रायपुर में 2019 से मई 2022 तक 2600 लोगों ने खुदकुशी की है. इनमें 1900 लड़के शामिल हैं. इसमें 1300 से अधिक युवकों ने फांसी लगाकर मौत को गले लगाया है. ETV भारत की पड़ताल में सामने आया कि फांसी लगाने वालों में से ज्यादातर युवक अविवाहित हैं और प्यार में धोखा खाएं हैं. लड़कियों की बात की जाए तो करीब 700 लड़कियों ने खुदकुशी करके अपनी जान दे दी है. suicide in love affair
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20 से 30 साल के लड़के-लड़कियां शामिल: खुदकुशी करने वालों की संख्या हर साल बढ़ते जा रही है. जिले में सर्वाधिक आत्महत्या करने वालों में 20 से 30 आयु वर्ग के युवक-युवतियां शामिल हैं. इनमें अधिकांश लोग मामूली या छोटी-छोटी बातों को लेकर जान दे रहे हैं. इसके अलावा प्रताड़ना के केसेस में भी लोग आत्महत्या की घटना को अंजाम दे रहे हैं. पिछले तीन सालों में 140 युवती व महिलाओं ने आत्मदाह किया है. जिसमें 55 फीसदी महिलाएं शामिल हैं, जो प्रताड़ना या घरेलू विवाद में खुदकुशी की है.
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साल | लड़का | लड़की |
2019 | 521 | 190 |
2020 | 560 | 200 |
2021 | 545 | 180 |
2022 मई तक | 265 | 135 |
क्या कहते हैं मनोवैज्ञानिक: मनोवैज्ञानिक डॉक्टर अजित वरवंडकर ने बताया कि आज के युवाओं में आत्महत्या की प्रवृत्ति देखी जा रही, जो बेहद दुखद है. मैंने महसूस किया है कि तीन वजह से युवा आत्महत्या कर रहे हैं. इसमें प्रेम प्रसंग, परीक्षा में फेल हो जाना और पैसों की वजह से युवा वर्ग आत्मघाती कदम उठा रहे हैं. आज के युवाओं में हिम्मत कम हो गई है. हौसला बहुत जल्दी छोड़ दे रहे हैं. इसकी वजह से आत्मघाती निर्णय की ओर अग्रसर हो रहे हैं. इसे सुधार करने के लिए बच्चे के युवा होते उन्हें उत्साह पूर्ण माहौल मिलना चाहिए. पेरेंट्स को अपने बच्चों से वार्तालाप करनी चाहिए. उन्हें अपने मन की बात कहने का अवसर देना चाहिए. उनकी मन की बातों को सुनना चाहिए. ऐसे बहुत से लोग हैं जिन्होंने असफलता को हराकर विजय घोषित करने में सफलता पाई है. उनके बारे में बताना चाहिए.