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क्यों रिम्स की मनमानी से खराब होने वाला है छात्रों का भविष्य ?

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Published : Jun 14, 2022, 1:29 PM IST

रायपुर रिम्स मेडिकल कॉलेज के छात्र इन दिनों काफी परेशान है. वजह है कॉलेज प्रबंधन का वो रवैय्या जिससे छात्रों का भविष्य चौपट हो सकता (Students upset due to arbitrariness of raipur RIMS) है.

क्यों रिम्स की मनमानी से खराब होने वाला है छात्रों का भविष्य

रायपुर : रिम्स मेडिकल कालेज रायपुर इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेस(Raipur Institute of Medical Science) ने आधा दर्जन छात्रों का इंटर्नशिप पूरा होने के बाद भी उन्हें सर्टिफिकेट नहीं दिया है. इस कारण छात्रों का भविष्य खतरे में लटका हुआ है . छात्रों का आरोप है कि कॉलेज प्रबंधन उनसे दुश्मनी निकालने के लिए इंटर्नशिप पूरी करने के बावजूद भी उनका इंटर्नशिप सर्टिफिकेट नहीं दिया (RIMS did not issue internship certificate)है. इस मामले की शिकायत मेडिकल से जुड़े सभी संगठनों में की गई है.शिकायत के बाद छत्तीसगढ़ मेडिकल काउंसिल ने रिम्स प्रबंधन को 8 जून के पत्र लिखकर 48 घंटे के अंदर स्टूडेंट के इंटर्नशिप सर्टिफिकेट जारी करने के निर्देश दिए थे. लेकिन रिम्स प्रबंधन ने छत्तीसगढ़ मेडिकल काउंसिल के पत्र की व्यवस्था की है जिसके बाद छात्रों को अपने भविष्य की चिंता सता रही है.


क्या है पूरा मामला : रिम्स मेडिकल कॉलेज में पढ़ाई के दौरान छात्रों ने स्टायफंड को लेकर शिकायत की थी . छात्रों ने प्राइवेट मेडिकल कालेज और गवर्नमेंट मेडिकल कालेज में समान स्टायफंड मिलने की बात कही.जिसके लिए छात्रों ने हाईकोर्ट में अपील की. जिसके कारण अब प्रबंधन छात्रों पर दबाव बना रहा(RIMS accused of taking revenge on students) है. इसी वजह से इंटर्नशिप पूरा होने के बाद उन्हें सर्टिफिकेट नहीं दिया जा रहा है. जिसकी शिकायत मेडिकल काउंसिल में हुई थी. लेकिन जब काउंसिल ने बैठक बुलाई तो इस बैठक में प्रबंधन की ओर से कोई नहीं आया. जिसके बाद मेडिकल काउंसिल ने 48 घंटे के अंदर इंटर्नशिप सर्टिफिकेट देने का आदेश जारी किया था.लेकिन अभी तक आदेश जारी नही किया गया है.


क्या होगी दिक्कत : छात्रों ने बताया कि ''हमारे बैच में सभी लोगों का सर्टिफिकेट दे दिया गया है लेकिन 6 स्टूडेंट है उन्हें अभी तक सर्टिफिकेट नहीं दिया गया हैं. अगर उन्हें सर्टिफिकेट नहीं मिलेगा तो उनका भविष्य बर्बाद हो जाएगा. क्योंकि बिना सर्टिफिकेट हमें डिग्री नहीं मिलेगी, डिग्री नहीं मिलेगी तो हम स्थायी पंजीयन भी नहीं करा सकते है. बिना पंजीयन के एमबीबीएस की पढ़ाई की किसी भी तरह की कोई वैल्यू नहीं रह जाएगी.''

क्या है प्रबंधन का जवाब : वहीं इस मामले को लेकर जूनियर डॉक्टर एसोसिएशन (Junior Doctor Association) ने इसे कॉलेज प्रबंधन की मनमानी बताया है. वहीं रिम्स कॉलेज के डीन डॉ गंभीर सिंह का कहना है यह पूरा मामला स्टूडेंट के अटेंडेंस जुड़ा हुआ है. इंटर्नशिप में स्टूडेंट के अटेंडेंस कुछ कम हैं. जिसे स्टूडेंट्स को पूरा करने का आग्रह प्रबंधन की ओर से किया गया है, लेकिन स्टूडेंट्स इस बात को नहीं मान रहे हैं. जिसके कारण उनका इंटर्नशिप सर्टिफिकेट रुका है.

एक बार फिर मेडिकल काउंसिल ने बुलाया : छत्तीसगढ़ मेडिकल काउंसिल रायपुर (Chhattisgarh Medical Council Raipur) ने एक बार फिर सामान्य सभा में उपस्थित होने के लिए स्टूडेंट और रिम्स के डीन को बुलाया है. यह सामान्य सभा पुराना संचनालय स्वास्थ्य सेवाएं पुराना नर्सेज हॉस्टल डीकेएस भवन परिसर में रखी गई है.

ये भी पढ़ें- मेडिकल के छात्रों ने अटेंडेंस को लेकर किया DME दफ्तर का घेराव

किन स्टूडेंट्स का रोका गया सर्टिफिकेट: रायपुर इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेस एमबीबीएस की पढ़ाई कर इंटर्नशिप पूरी करने वाले डॉ प्रोजित कुमार, डॉक्टर आयुष स्वर्णकार, डॉ अवनीश कुमार सिंह, डॉ अभिषेक राय , डॉ असीम चंद्र सिंह ठाकुर, डॉ राहुल कुमार का सर्टिफिकेट रोका गया है.

रायपुर : रिम्स मेडिकल कालेज रायपुर इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेस(Raipur Institute of Medical Science) ने आधा दर्जन छात्रों का इंटर्नशिप पूरा होने के बाद भी उन्हें सर्टिफिकेट नहीं दिया है. इस कारण छात्रों का भविष्य खतरे में लटका हुआ है . छात्रों का आरोप है कि कॉलेज प्रबंधन उनसे दुश्मनी निकालने के लिए इंटर्नशिप पूरी करने के बावजूद भी उनका इंटर्नशिप सर्टिफिकेट नहीं दिया (RIMS did not issue internship certificate)है. इस मामले की शिकायत मेडिकल से जुड़े सभी संगठनों में की गई है.शिकायत के बाद छत्तीसगढ़ मेडिकल काउंसिल ने रिम्स प्रबंधन को 8 जून के पत्र लिखकर 48 घंटे के अंदर स्टूडेंट के इंटर्नशिप सर्टिफिकेट जारी करने के निर्देश दिए थे. लेकिन रिम्स प्रबंधन ने छत्तीसगढ़ मेडिकल काउंसिल के पत्र की व्यवस्था की है जिसके बाद छात्रों को अपने भविष्य की चिंता सता रही है.


क्या है पूरा मामला : रिम्स मेडिकल कॉलेज में पढ़ाई के दौरान छात्रों ने स्टायफंड को लेकर शिकायत की थी . छात्रों ने प्राइवेट मेडिकल कालेज और गवर्नमेंट मेडिकल कालेज में समान स्टायफंड मिलने की बात कही.जिसके लिए छात्रों ने हाईकोर्ट में अपील की. जिसके कारण अब प्रबंधन छात्रों पर दबाव बना रहा(RIMS accused of taking revenge on students) है. इसी वजह से इंटर्नशिप पूरा होने के बाद उन्हें सर्टिफिकेट नहीं दिया जा रहा है. जिसकी शिकायत मेडिकल काउंसिल में हुई थी. लेकिन जब काउंसिल ने बैठक बुलाई तो इस बैठक में प्रबंधन की ओर से कोई नहीं आया. जिसके बाद मेडिकल काउंसिल ने 48 घंटे के अंदर इंटर्नशिप सर्टिफिकेट देने का आदेश जारी किया था.लेकिन अभी तक आदेश जारी नही किया गया है.


क्या होगी दिक्कत : छात्रों ने बताया कि ''हमारे बैच में सभी लोगों का सर्टिफिकेट दे दिया गया है लेकिन 6 स्टूडेंट है उन्हें अभी तक सर्टिफिकेट नहीं दिया गया हैं. अगर उन्हें सर्टिफिकेट नहीं मिलेगा तो उनका भविष्य बर्बाद हो जाएगा. क्योंकि बिना सर्टिफिकेट हमें डिग्री नहीं मिलेगी, डिग्री नहीं मिलेगी तो हम स्थायी पंजीयन भी नहीं करा सकते है. बिना पंजीयन के एमबीबीएस की पढ़ाई की किसी भी तरह की कोई वैल्यू नहीं रह जाएगी.''

क्या है प्रबंधन का जवाब : वहीं इस मामले को लेकर जूनियर डॉक्टर एसोसिएशन (Junior Doctor Association) ने इसे कॉलेज प्रबंधन की मनमानी बताया है. वहीं रिम्स कॉलेज के डीन डॉ गंभीर सिंह का कहना है यह पूरा मामला स्टूडेंट के अटेंडेंस जुड़ा हुआ है. इंटर्नशिप में स्टूडेंट के अटेंडेंस कुछ कम हैं. जिसे स्टूडेंट्स को पूरा करने का आग्रह प्रबंधन की ओर से किया गया है, लेकिन स्टूडेंट्स इस बात को नहीं मान रहे हैं. जिसके कारण उनका इंटर्नशिप सर्टिफिकेट रुका है.

एक बार फिर मेडिकल काउंसिल ने बुलाया : छत्तीसगढ़ मेडिकल काउंसिल रायपुर (Chhattisgarh Medical Council Raipur) ने एक बार फिर सामान्य सभा में उपस्थित होने के लिए स्टूडेंट और रिम्स के डीन को बुलाया है. यह सामान्य सभा पुराना संचनालय स्वास्थ्य सेवाएं पुराना नर्सेज हॉस्टल डीकेएस भवन परिसर में रखी गई है.

ये भी पढ़ें- मेडिकल के छात्रों ने अटेंडेंस को लेकर किया DME दफ्तर का घेराव

किन स्टूडेंट्स का रोका गया सर्टिफिकेट: रायपुर इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेस एमबीबीएस की पढ़ाई कर इंटर्नशिप पूरी करने वाले डॉ प्रोजित कुमार, डॉक्टर आयुष स्वर्णकार, डॉ अवनीश कुमार सिंह, डॉ अभिषेक राय , डॉ असीम चंद्र सिंह ठाकुर, डॉ राहुल कुमार का सर्टिफिकेट रोका गया है.

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