ETV Bharat / city

Som Pradosh Vrat: 2021 सोम प्रदोष व्रत से कटेंगे सारे क्लेश, जानिए पूजन की संपूर्ण विधि

author img

By

Published : Oct 2, 2021, 9:48 PM IST

Updated : Oct 4, 2021, 8:06 AM IST

हिंदू पंचाग (Hindu calendar) के अनुसार हर महीने त्रयोदशी तिथि (Trayodashi date) पर प्रदोष व्रत (Pradosh Vrat) रखा जाता है. प्रदोष भगवान शिव (Lord Shiva) को समर्पित व्रत है. इस दिन को भगवान शंकर का विधि पूर्वक पूजा-अर्चना (Worship and all), उपासना (worship) से घर में सुख-समृद्धि (happiness and prosperity) और शांति की बारिश होती है.

Som Pradosh fast will cut all the troubles
सोम प्रदोष व्रत से कटेंगे सारे क्लेश

हैदराबाद/रायपुरः हिंदू पंचाग (Hindu calendar) के अनुसार हर महीने त्रयोदशी तिथि (Trayodashi date) पर प्रदोष व्रत (Pradosh Vrat) रखा जाता है. प्रदोष भगवान शिव (Lord Shiva) को समर्पित व्रत है. इस दिन को भगवान शंकर का विधि पूर्वक पूजा-अर्चना (Worship And All), उपासना (Worship) से घर में सुख-समृद्धि (Happiness And Prosperity) और शांति की बारिश होती है.

इस बार अश्विन महीने के कृष्ण पक्ष (Krishna Paksha) की त्रयोदशी तिथि 4 अक्टूबर को सोम प्रदोष व्रत (Som Pradosh Fast) होगा. इस व्रत के सोमवार को पड़ने की वजह से सोम प्रदोष (Soma Pradosh) कहा गया है. चूकि, सोमवार का दिन भगवान शिव (Lord Shiva) को ही समर्पित है. ऐसे में प्रदोष व्रत (Pradosh Vrat) सोमवार को पड़ने की वजह से इसका महत्व और अधिक बढ़ गया है. इस दिन भगवान शिव (Lord Shiva) के साथ-साथ पार्वती की पूजा-अर्चन भी किया जाएगा.

भगवान भोलेनाथ की बरसेगी महिमा

कहा गया है कि इस प्रदोष पर भगवान शिव की पूजन-अर्चन करने से भक्तों पर उनकी अपार कृपा होगी. भक्तों के जहां सभी कष्ट दूर होंगे, वहीं सभी मनोकामनाओं (All Wishes) की पूर्ति में भी भगवान भोलेनाथ की कृपा बरसेगी. इस दिन शिवलिंग आदि की पूजा करने से चंद्र ग्रह (Moon Planet) संबंधित दोष भी समाप्त होंगे. सोम प्रदोष पूजा (Som Pradosh Puja) का शुभ मुहूर्त 04 अक्टूबर को शाम 06 बज कर 04 मिनट से रात 08 बज कर 30 मिनट तक निर्धारित है.

प्रदोष व्रत की पूजा सूर्यास्त (Worship Sunset) होने से पौने घंटे पहले की जाएगी. हिंदू धर्म (Hindu Religion) में सोम प्रदोष व्रत की बड़ी मान्यता है. इस दिन सुबह उठ कर स्नान-ध्यान के बाद भगवान शिव के सामने दीपक जलाना चाहिए. इसके बाद प्रदोष व्रत का संकल्प लेना चाहिए. गाय का दूध, दही, घी, शहद और गंगाजल शिवलिंग का अभिषेक करें. शिवलिंग पर श्वेत चंदन लगा कर बेलपत्र, मदार, पुष्प, भांग के सहारे विधि पूर्वक पूजन करें.

हैदराबाद/रायपुरः हिंदू पंचाग (Hindu calendar) के अनुसार हर महीने त्रयोदशी तिथि (Trayodashi date) पर प्रदोष व्रत (Pradosh Vrat) रखा जाता है. प्रदोष भगवान शिव (Lord Shiva) को समर्पित व्रत है. इस दिन को भगवान शंकर का विधि पूर्वक पूजा-अर्चना (Worship And All), उपासना (Worship) से घर में सुख-समृद्धि (Happiness And Prosperity) और शांति की बारिश होती है.

इस बार अश्विन महीने के कृष्ण पक्ष (Krishna Paksha) की त्रयोदशी तिथि 4 अक्टूबर को सोम प्रदोष व्रत (Som Pradosh Fast) होगा. इस व्रत के सोमवार को पड़ने की वजह से सोम प्रदोष (Soma Pradosh) कहा गया है. चूकि, सोमवार का दिन भगवान शिव (Lord Shiva) को ही समर्पित है. ऐसे में प्रदोष व्रत (Pradosh Vrat) सोमवार को पड़ने की वजह से इसका महत्व और अधिक बढ़ गया है. इस दिन भगवान शिव (Lord Shiva) के साथ-साथ पार्वती की पूजा-अर्चन भी किया जाएगा.

भगवान भोलेनाथ की बरसेगी महिमा

कहा गया है कि इस प्रदोष पर भगवान शिव की पूजन-अर्चन करने से भक्तों पर उनकी अपार कृपा होगी. भक्तों के जहां सभी कष्ट दूर होंगे, वहीं सभी मनोकामनाओं (All Wishes) की पूर्ति में भी भगवान भोलेनाथ की कृपा बरसेगी. इस दिन शिवलिंग आदि की पूजा करने से चंद्र ग्रह (Moon Planet) संबंधित दोष भी समाप्त होंगे. सोम प्रदोष पूजा (Som Pradosh Puja) का शुभ मुहूर्त 04 अक्टूबर को शाम 06 बज कर 04 मिनट से रात 08 बज कर 30 मिनट तक निर्धारित है.

प्रदोष व्रत की पूजा सूर्यास्त (Worship Sunset) होने से पौने घंटे पहले की जाएगी. हिंदू धर्म (Hindu Religion) में सोम प्रदोष व्रत की बड़ी मान्यता है. इस दिन सुबह उठ कर स्नान-ध्यान के बाद भगवान शिव के सामने दीपक जलाना चाहिए. इसके बाद प्रदोष व्रत का संकल्प लेना चाहिए. गाय का दूध, दही, घी, शहद और गंगाजल शिवलिंग का अभिषेक करें. शिवलिंग पर श्वेत चंदन लगा कर बेलपत्र, मदार, पुष्प, भांग के सहारे विधि पूर्वक पूजन करें.

Last Updated : Oct 4, 2021, 8:06 AM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.