आज शनिवार है. आज का दिन शनिदेव को समर्पित होता है. इसी के साथ आज का दिन बहुत ही खास है क्योंकि आज ललिता सप्तमी (Lalita Saptami celebration) है. बता दें कि ललिता सप्तमी हर साल भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की सप्तमी तिथि को मनाई जाती है. यह राधा अष्टमी से एक दिन पहले होती है. देवी ललिता राधा रानी की खास सहेली थीं. यह मथुरा की एक गोपी थीं. इनका मथुरा स्थित ब्रज में मंदिर भी है. धार्मिक मान्यता के अनुसार, ललिता देवी (Lalita Devi)भगवान श्रीकृष्ण (Lord Krishna) की सबसे प्रिय गोपी में से एक थीं. मान्यता है कि इस दिन भगवान श्रीकृष्ण और राधा के साथ ललिता देवी की पूजा करने से विशेष लाभ प्राप्त होता है. इसके अलावा ललिता देवी की पूजा करने से श्रीकृष्ण और राधारानी का भी विशेष आशीर्वाद प्राप्त होता है. साल 2022 में ललिता सप्तमी 03 सितंबर, शनिवार यानी आज है.
किसलिए मनाई जाती है ललिता सप्तमी : ललिता सप्तमी प्रेम के लिए होती है. यह भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की सप्तमी तिथि देवी ललिता को समर्पित है. ललिता सप्तमी प्रेम के महत्व को बताने वाला पर्व है. इस दिन देवी ललिता की विधि-विधान से पूजा की जाती है. मान्यता है कि ऐसा करने से भगवान श्रीकृष्ण और राधा रानी का आशीर्वाद प्राप्त होता है. इस दिन ललिता देवी के आशीर्वाद से संतान प्राप्ति के योग बनते हैं. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, इस व्रत को पहली बार भगवान श्रीकृष्ण द्वारा महत्व बताने पर रखा गया था।
कौन हैं देवी ललिता : देवी ललिता राधा रानी की खास सखियों में से एक थीं. उन्हें राधा रानी की विश्वास पात्र सखी माना जाता था. देवी ललिता और राधा रानी भगवान श्रीकृष्ण को बेहद प्रेम करती थीं. इन्हें ललिता सखी के नाम से भी जाना जाता है. ललिता देवी राधा रानी का पूरा ख्याल रखती थीं. पौराणिक कथाओं के अनुसार, ललिता देवी हर कला में निपुण थीं और राधा रानी के साथ खेला करती थीं. वे राधा रानी के साथ नौका विहार भी करती थीं. इनका संबंध मधुरा के ऊंचागांव से था. ललिता देवी को प्रेम की बहुत ही गहरी समझ थी, इसीलिए वे राधा- कृष्ण के सबसे करीब थीं.
क्या है ललिता सप्तमी का महत्व : ललिता सप्तमी का पर्व (Lalita Saptami 2022) मथुरा में धूमधाम से मनाया जाता है. यह प्रेम के महत्व को बताने वाला पर्व है. माना जाता है कि इस दिन जो भी ललिता देवी की पूजा करता है उन्हें राधारानी और भगवान श्रीकृष्ण की विशेष कृपा प्राप्त होती है. साथ ही जीवन के तमाम संकटों से छुटकारा मिल जाता है.