रायपुर : प्रदेश में 2 अगस्त से स्कूल, कॉलेज खोले जाएंगे. इसकी घोषणा कर दी गई है. इसके तहत सिर्फ 10वीं और 12वीं की कक्षाएं संचालित की जाएगी. ऑफलाइन कक्षाएं शुरू करने के लिए स्कूल शिक्षा विभाग और उच्च शिक्षा विभाग ने गाइडलाइन जारी की है. जिसके तहत ग्रामीण इलाकों में पहली से पांचवी क्लास और आठवीं कक्षा की पढ़ाई के संबंध में ग्राम पंचायत और पालक समिति की अनुशंसा जरूरी होगी. जबकि शहरी क्षेत्रों में वार्ड पार्षद और स्कूल की पालक समिति अनुशंसा करेगी.
स्कूल के लिए जारी गाइडलाइन
इस तरह के प्रतिवेदन के बाद भी पहली से पांचवी कक्षा और आठवीं कक्षा में पढ़ाई 2 अगस्त से शुरू हो पाएगी. जिन जिलों में कोरोना पॉजिटिविटी दर 1 फीसदी से कम है वहां स्कूल खोलने की शुरुआत हो सकती है. अगर पढ़ाई के दौरान कोई छात्र या छात्रा बीमार होते हैं तो उन्हें क्लास अटेंड करने की अनुमति नहीं दी जाएगी. बीमारी की सूरत में विद्यार्थियों के लिए उपस्थिति अनिवार्य नहीं की गई है. कैबिनेट की बैठक में फैसले के बाद स्कूल शिक्षा विभाग ने यह निर्देश जारी किया है.
स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा जारी किए गए दिशा निर्देश में कहा गया है कि विद्यार्थियों को कक्षा में 1 दिन के अंतर पर बुलाया जाए. प्रतिदिन केवल आधे संख्या में ही विद्यार्थी बुलाए जाए. ऑनलाइन कक्षाएं यथावत संचालित की जाती रहेगी. किसी भी विद्यार्थी के लिए उपस्थिति अनिवार्य नहीं होगी. केंद्र सरकार तथा राज्य सरकार की तरफ से जारी बचाव और निर्देश का पालन किया जाए. सभी शिक्षा संस्थानों के समस्त क्लासेस की साफ-सफाई ठीक प्रकार से की जाए.
स्कूल खोलने के मामले में सरकार ने झाड़ा पल्ला, जनप्रतिनिधियों और पालकों पर छोड़ी जवाबदारी!
कॉलेजों के लिए जारी गाइडलाइन
प्रदेश के सभी विश्वविद्यालय और महाविद्यालयों में 2 अगस्त से शिक्षण कार्य शुरू हो जाएगा. पोस्ट पोस्ट ग्रेजुएट कक्षाएं 2 अगस्त से और अंडर ग्रेजुएट कक्षाएं 15 अगस्त के बाद संचालित की जाएगी. 50 फीसदी छात्रों के साथ कक्षा शुरू की जाएगी. विद्यार्थियों के लिए उपस्थिति अनिवार्य नहीं की गई है. ऑनलाइन कक्षाएं पहले की तरह ही संचालित होते रहेगी. कैबिनेट के निर्णय के बाद उच्च शिक्षा विभाग ने इस संबंध में निर्देश जारी किया है.
कैबिनेट में लिया गया था फैसला
19 जुलाई को मानसून सत्र से पहले भूपेश कैबिनेट की अहम बैठक आयोजित की गई थी. बैठक के दौरान प्रदेश में 2 अगस्त से स्कूल-कॉलेज खोलने के संबंध में फैसला लिया गया था. फैसले में इस बात का जिक्र किया गया है कि स्कूल खोलने से पहले वहां की ग्राम पंचायत ओर पार्षदों सहित पालकों से सहमति लेना अनिवार्य है. जनप्रतिनिधियों और पालकों की सहमति के बाद ही स्कूल खोले जा सकेंगे.