रायपुर: पिछले 3 महीने से रेलवे ट्रैक का दोहरीकरण का काम होने से ज्यादातर ट्रेनें कैंसिल हो गईं थीं. बसों और फ्लाइट में लोगों की भीड़ ज्यादा थी. ट्रेन कैंसिल होने का फायदा बस संचालक उठा रहे थे और बस का किराया भी काफी ज्यादा बढ़ दिया था. अब त्योहारी सीजन को देखते हुए वापस ट्रेनें बहाल हो गईं हैं. बसों का किराया भी अब कम (Bus fare reduced due to the restoration of the train) हो गया है. relief before diwali
ट्रेनें रद्द होने से बढ़ा लोड अब कम: ट्रैवल एजेंट चमन सोनी ने बताया "पहले ट्रेनें कैंसिल होने की वजह से यात्रियों का लोड बसों में ज्यादा बढ़ गया था. इस वजह से बसों का किराया भी बढ़ा दिया गया था. बसें फुल चल रहीं थीं. लंबी दूरी की बसें जैसे रायपुर से हैदराबाद, पुणे , विशाखापट्टनम , इलाहाबाद , सूरत जाने वाली बसों में किराया 300 से 400 रुपए तक बढ़ा था. अब यात्रियों का दबाव कम होने से बसों का किराया नॉर्मल हो गया है.''
यात्रियों का लोड कम होते ही बस किराया घटा: ट्रैवल एजेंट देवराज ने बताया "छत्तीसगढ़ से ज्यादातर बसें झारखंड जाती हैं. छत्तीसगढ़ झारखंड लगा होने की वजह से किराया ज्यादा नहीं बढ़ता है. रायपुर से अंबिकापुर तक का किराया 500-550 ही हर सीजन में रहता है. त्योहारी सीजन में अक्सर लंबी दूरी की बसों में किराया बढ़ता है. पिछले हफ्ते पुणे, हैदराबाद, सूरत, अहमदाबाद जैसी लंबी दूरी की बसों में किराया बढ़ा था. लेकिन अब किराया कम हो गया है.''
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मजबूरी में बस का सफर: बस यात्री अजमेर ने बताया " ट्रेनें कैंसिल होती है और बसों में भीड़ भाड़ बढ़ती है तो यात्रियों को परेशानी तो होती ही है. लगातार महंगाई बढ़ती जा रही है. इसी वजह से बसों का किराया भी काफी ज्यादा बढ़ गया है. मुझे अंबिकापुर जाना था. मैं ज्यादा बस में यात्रा नहीं करता हूं. कुछ लोगों से मैंने पूछा तो बस का किराया 650 बताया लेकिन मेरे से 700 लिया गया है. बस में यात्रा कर रहे हैं तो परेशानी तो होगी ही.''
ट्रेनें लेट चलने से यात्रियों को हो रही परेशानी: ट्रेन यात्री ने बताया "त्योहारी सीजन में ट्रेनें तो अब पूरी चल रही है, लेकिन ट्रेनें लेट होने से यात्रियों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. ट्रेनों में काफी ज्यादा भीड़ भाड़ है. लोगों को असुविधा हो रही है लेकिन त्यौहार का समय है. त्यौहार मनाने हम घर जा रहे हैं तो परेशानी का सामना करना ही पड़ेगा.''