रायपुर: पेगासस मामले में राजनीति गरमाई हुई है. प्रदेश कांग्रेस ने बुधवार को पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह (Former CM Raman Singh) पर बड़े आरोप लगाए. आज पार्टी नेता राज्यपाल से मिलकर राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन सौंपेंगे. इसी बीच रमन सिंह ने सीएम भूपेश बघेल और पीसीसी चीफ मोहन मरकाम (PCC Chief Mohan Markam) के आरोपों का करारा जवाब दिया है. उन्होंने कहा कि 2017 की प्रेस कॉन्फ्रेन्स 2021 में करने जैसी घटना सिर्फ छत्तीसगढ़ में हो सकती है. पूरी जानकारी न हो तो प्रेस वार्ता नहीं लेनी चाहिए.
पूर्व सीएम रमन ने कहा कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और उनके प्रदेश अध्यक्ष को सपना आता है कि 2017 में पेगासस का मामला हुआ होगा. दिल्ली से सोनिया गांधी के दरबार से जब फोन आता है, तो दोनों प्रेस कॉन्फ्रेन्स के लिए निकल पड़ते हैं. आपकी सरकार है, आपकी पुलिस है. पूरी जानकारी न हो तो प्रेस वार्ता नहीं लेनी चाहिए. इस तरह के आरोप तर्कहीन, बेबुनियाद और झूठे हैं. इस तरह टैप करना कांग्रेस की संस्कृति और परंपरा रही है. भाजपा का केंद्र और छत्तीसगढ़ में इस तरह की घटना में कोई हाथ नहीं है.
बृजमोहन ने मांगे सबूत
इसस पहले भी पूर्व सीएम कह चुके हैं कि 4 साल तक कहां थे ? 4 साल बाद अखबार पढ़ कर होश आया है कि पेगासस जैसा मामला छत्तीसगढ़ में हुआ होगा. पूर्व कैबिनेट मंत्री बृजमोहन अग्रवाल भी कह चुके हैं कि अगर कांग्रेस के पास सबूत है, तो उपलब्ध कराएं.
सीएम बघेल के आरोप
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल (cm bhupesh baghel) ने कहा था कि जानकारी मिली थी कि पेगासस बनाने वाली कंपनी से जुड़े लोग 2017 में छत्तीसगढ़ आए थे और यहां कुछ लोगों से संपर्क किया था. इसके लिए हमने जांच समिति गठित की है. लेकिन पेगासस के लोग किससे मिले, क्या बात हुई और क्या डील हुई इसकी जानकारी नहीं मिल पाई है. डॉक्टर रमन सिंह बताएं कि कौन आया था और किससे डील हुई थी ? देश को ये जानने का हक है कि कितने की डील हुई थी और कितने दिनों तक जासूसी हुई थी ?
मरकाम ने क्या कहा ?
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम (Congress state president Mohan Markam) ने भी पूर्व सीएम रमन सिंह पर जमकर हमला बोला था. उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ में पेगासस कंपनी के लोग 2017 में आए थे. तत्कालीन रमन सरकार और पुलिस के साथ उनकी चर्चा हुई थी. इसकी जानकारी एक अखबार के माध्यम से सामने आई. इस आधार पर प्रदेश सरकार के द्वारा नवंबर 2019 में एक समिति गठित की गई थी. समिति ने इस मामले में जांच की. समिति ने जांच में पाया कि पेगासस के साथ हुई बैठक की जानकारी से जुड़े दस्तावेज जला दिए गए हैं.