रायपुर: देश में युवतियों और बच्चियों के साथ बढ़ते दुष्कर्म के मामले को देखते हुए भारत सरकार ने रानी लक्ष्मीबाई सेल्फ डिफेंस योजना (Rani Laxmi Bai Self Defense Scheme in chhattisgarh ) की शुरुआत की है. इस योजना के तहत देशभर के सभी राज्यों में स्कूली बच्चों को सेल्फ डिफेंस की ट्रेनिंग दी जा रही है ताकि युवतियां व बच्चियां खुद की सुरक्षा कर सकें. लेकिन छत्तीसगढ़ में इस योजना पर करोड़ों के भ्रष्टाचार का आरोप लगा है.
राज्य सरकार पर यह आरोप पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह ने लगाया है. उन्होंने कहा कि उनके पास सेल्फ डिफेंस एसोसिएशन के पदाधिकारी पहुंचे थे. उन्होंने कुछ दस्तावेज भी दिखाए हैं. जिसमें बिना निविदा के दूसरे राज्य के संघ को फंड दे दिया गया. रमन सिंह ने आशंका जताई है कि इसमें बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार हुआ है. विधानसभा में इस मुद्दे को उठाने की बात पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह ने कही है.
केंद्र ने साढ़े सात करोड़ राशि दी, लेकिन फंड दूसरे राज्य के संघ को
पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह ने बताया कि उनके बंगले में बड़ी संख्या में छत्तीसगढ़ के सेल्फ डिफेंस संघ के पदाधिकारी और खिलाड़ी पहुंचे थे. हर साल संघ को इस योजना के तहत फंड मिलता था. लेकिन इस बार राज्य सरकार ने हरियाणा के संघ को फंड दे दिया है.
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सेल्फ डिफेंस एसोसिएशन अध्यक्ष वरुण पांडे (Varun Pandey President of Self Defense Association) ने बताया कि 'भारत सरकार की इस महत्वकांक्षी योजना के माध्यम से छत्तीसगढ़ को साढ़े सात करोड़ की राशि आवंटित की गई है. यह पैसे राज्य के माध्यम से संघों को दिया जाता था. छत्तीसगढ़ में पहले से ही 15 से 20 संघ रजिस्टर्ड हैं. जिन्हें फंड दिया जा रहा था. उसके बाद यह पैसे जिलों के संघ को मिलता था. जिसके माध्यम से स्कूलों में ट्रेनिंग देने वाले ट्रेनरों को 5 हजार रुपये दिया जाता था, लेकिन जब से दूसरे राज्य के संघ को फंड मिला है. उसके बाद से 12 सौ रुपए महीना ट्रेनरों को दिया जा रहा है.