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Raipur Police Special Team: नारकोटिक्स सेल, नशा तस्करों की खंगाल रहा कुंडली - Formation of Narcotics Cell in Chhattisgarh

Raipur Police Special Team Formed for Narcotics Cell: नारकोटिक्स सेल के लिए रायपुर पुलिस की स्पेशल टीम बनाई गई है. जानिए इस टीम में कौन-कौन है.

Raipur Police Special Team Formed for Narcotics Cell
नारकोटिक्स सेल के लिए रायपुर पुलिस की स्पेशल टीम
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Published : Feb 21, 2022, 2:29 PM IST

Updated : Feb 21, 2022, 7:16 PM IST

रायपुर: प्रदेश में लगातार बढ़ते क्राइम और नशे के कारोबार को रोकने के लिए छत्तीसगढ़ में पहली बार नारकोटिक्स सेल का गठन (Formation of Narcotics Cell in Chhattisgarh ) किया गया है. इसके लिए रायपुर पुलिस की एक स्पेशल टीम (Raipur Police Special Team) भी बनाई गई है. सीएसपी विश्व दीपक त्रिपाठी, इंस्पेक्टर गिरीश तिवारी, इंस्पेक्टर अश्वनी राठौर, साइबर सेल से महेंद्र राजपूत, सरफराज चिश्ती, प्रमोद बेहरार, आशीष राजपूत और राजकुमार देवांगन शामिल है. पिछले महीनेभर से राजधानी में लगातार चाकूबाजी की घटनाएं बढ़ते जा रही है. जिसका प्रमुख कारण नशे का आदी होना बताया गया है.

नारकोटिक्स सेल के लिए रायपुर पुलिस की स्पेशल टीम

इटेलिजेंट बेस्ट ऑपरेशन पर रहेगा फोकस

रायपुर एसएसपी प्रशांत अग्रवाल ने बताया कि 'राजधानी रायपुर में नारकोटिक्स सेल का गठन किया गया है. जो कि इंटेलिजेंट बेस्ड ऑपरेशन को अंजाम देगा. नारकोटिक्स सेल की टीम नशे से जुड़े लोग, चाहे वह नशे का सामान बेचने वाले हो या खरीदने वाले, उनके बारे में जानकारी जुटाना, उनका सप्लाई चेन के बारे में तफ्तीश करेगी. इसका पूरा डाटा जुटाने का काम नारकोटिक्स सेल करेगी'.

जरूरत पड़ने पर दूसरे राज्यों में भी देगी दबिश

अलग-अलग राज्यों से छत्तीसगढ़ में नशे के सामान की तस्करी की जा रही है. अब तक ज्यादातर मामलों में तस्करों को पकड़ने के बाद भी मामले लंबित हो जाया करते थे. लेकिन अब नारकोटिक्स सेल बन जाने से ऐसे मामलों पर पुलिस का विशेष ध्यान होगा और दूसरे राज्यों में भी स्पेशल ऑपरेशन चलाकर तस्करों को गिरफ्तार किया जाएगा.

कट्टे के साथ फोटोशूट कर दहशत फैलाने की थी तैयारी, रायपुर पुलिस ने ऐसे पकड़ा

छत्तीसगढ़ में इन राज्यों से आता है नशे का सामान

चरस : बंगाल, झारखंड और पंजाब से आता है. ज्यादातर चरस तस्कर ट्रक और ट्रेन में छिपाकर छत्तीसगढ़ लाते हैं.

ड्रग्स : ड्रग्स की तस्करी मूलतः गोवा और महाराष्ट्र की जाती है.

गांजा : गांजा ओडिशा और हिमाचल से बस्तर और महासमुंद होते हुए रायपुर आता है.

अफीम : अफीम की तस्करी पश्चिम बंगाल और असम से की जाती है.


राजधानी के हर गली मोहल्ले में नशे का तगड़ा नेटवर्क फैला हुआ है. इसे तोड़ने के लिए नारकोटिक्स सेल अब तस्करों की कुंडली तैयार कर रही है. ये बात सामने आ रही है कि फिलहाल टीम ने 254 तस्करों को चिन्हांकित किया है. आंकड़ों की बात की जाए तो साल 2021 में राजधानी की पुलिस ने शहर के 32 थानों में तस्करों के खिलाफ 184 केस दर्ज किए थे और उनसे 2.11 करोड़ की नशीली दवा और ड्रग्स जब्त किया था. वहीं पुलिस ने कई तस्करों को गिरफ्तार किया लेकिन कई तस्कर फरार होने में भी सफल रहे. पुलिस उनकी तलाश कर रही है. साल 2022 के जनवरी और फरवरी माह में राजधानी के 9 थानों में 14 केस दर्ज किए गए.

रायपुर: प्रदेश में लगातार बढ़ते क्राइम और नशे के कारोबार को रोकने के लिए छत्तीसगढ़ में पहली बार नारकोटिक्स सेल का गठन (Formation of Narcotics Cell in Chhattisgarh ) किया गया है. इसके लिए रायपुर पुलिस की एक स्पेशल टीम (Raipur Police Special Team) भी बनाई गई है. सीएसपी विश्व दीपक त्रिपाठी, इंस्पेक्टर गिरीश तिवारी, इंस्पेक्टर अश्वनी राठौर, साइबर सेल से महेंद्र राजपूत, सरफराज चिश्ती, प्रमोद बेहरार, आशीष राजपूत और राजकुमार देवांगन शामिल है. पिछले महीनेभर से राजधानी में लगातार चाकूबाजी की घटनाएं बढ़ते जा रही है. जिसका प्रमुख कारण नशे का आदी होना बताया गया है.

नारकोटिक्स सेल के लिए रायपुर पुलिस की स्पेशल टीम

इटेलिजेंट बेस्ट ऑपरेशन पर रहेगा फोकस

रायपुर एसएसपी प्रशांत अग्रवाल ने बताया कि 'राजधानी रायपुर में नारकोटिक्स सेल का गठन किया गया है. जो कि इंटेलिजेंट बेस्ड ऑपरेशन को अंजाम देगा. नारकोटिक्स सेल की टीम नशे से जुड़े लोग, चाहे वह नशे का सामान बेचने वाले हो या खरीदने वाले, उनके बारे में जानकारी जुटाना, उनका सप्लाई चेन के बारे में तफ्तीश करेगी. इसका पूरा डाटा जुटाने का काम नारकोटिक्स सेल करेगी'.

जरूरत पड़ने पर दूसरे राज्यों में भी देगी दबिश

अलग-अलग राज्यों से छत्तीसगढ़ में नशे के सामान की तस्करी की जा रही है. अब तक ज्यादातर मामलों में तस्करों को पकड़ने के बाद भी मामले लंबित हो जाया करते थे. लेकिन अब नारकोटिक्स सेल बन जाने से ऐसे मामलों पर पुलिस का विशेष ध्यान होगा और दूसरे राज्यों में भी स्पेशल ऑपरेशन चलाकर तस्करों को गिरफ्तार किया जाएगा.

कट्टे के साथ फोटोशूट कर दहशत फैलाने की थी तैयारी, रायपुर पुलिस ने ऐसे पकड़ा

छत्तीसगढ़ में इन राज्यों से आता है नशे का सामान

चरस : बंगाल, झारखंड और पंजाब से आता है. ज्यादातर चरस तस्कर ट्रक और ट्रेन में छिपाकर छत्तीसगढ़ लाते हैं.

ड्रग्स : ड्रग्स की तस्करी मूलतः गोवा और महाराष्ट्र की जाती है.

गांजा : गांजा ओडिशा और हिमाचल से बस्तर और महासमुंद होते हुए रायपुर आता है.

अफीम : अफीम की तस्करी पश्चिम बंगाल और असम से की जाती है.


राजधानी के हर गली मोहल्ले में नशे का तगड़ा नेटवर्क फैला हुआ है. इसे तोड़ने के लिए नारकोटिक्स सेल अब तस्करों की कुंडली तैयार कर रही है. ये बात सामने आ रही है कि फिलहाल टीम ने 254 तस्करों को चिन्हांकित किया है. आंकड़ों की बात की जाए तो साल 2021 में राजधानी की पुलिस ने शहर के 32 थानों में तस्करों के खिलाफ 184 केस दर्ज किए थे और उनसे 2.11 करोड़ की नशीली दवा और ड्रग्स जब्त किया था. वहीं पुलिस ने कई तस्करों को गिरफ्तार किया लेकिन कई तस्कर फरार होने में भी सफल रहे. पुलिस उनकी तलाश कर रही है. साल 2022 के जनवरी और फरवरी माह में राजधानी के 9 थानों में 14 केस दर्ज किए गए.

Last Updated : Feb 21, 2022, 7:16 PM IST
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