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गुरु घासीदास जयंती: मुंगेली पहुंचे सीएम भूपेश बघेल, कार्यक्रम में हुए शामिल

गुरु घासीदास जयंती पर शोभायात्रा नहीं निकाली जाएगी. कोविड गाइडलाइंस का पालन करते हुए सादगी से गुरु घासीदास जयंती मनाई जाएगी.

Guru Ghasidas Jayanti
गुरु घासीदास जयंती
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Published : Dec 18, 2020, 10:43 AM IST

Updated : Dec 18, 2020, 1:47 PM IST

रायपुर: मुख्यमंत्री भूपेश बघेल मुंगेली पहुंच गए हैं. सीएम अमरटापू धाम में गुरु घासदास जयंती कार्यक्रम में शामिल हुए. यहां से ग्राम बंधवा के लालपुर धाम में आयोजित कार्यक्रम में शिरकत करेंगे. वे दोपहर 3 बजे दुर्ग जिले के सेक्टर 6 भिलाई के लिए प्रस्थान कर यहां सतनाम सदन में आयोजित कार्यक्रम में शामिल होंगे. भिलाई से कुम्हारी बस्ती के लिए प्रस्थान कर यहां भी जयंती कार्यक्रम में शिरकत करेंगे. शाम 6 बजे सीएम रायपुर के लिए रवाना होंगे. राजधानी के न्यू राजेंद्र नगर स्थित गुरू घासीदास कॉलोनी में जयंती कार्यक्रम में शामिल होंगे.

आज सतनाम पंथ के संस्थापक गुरु घासीदास जयंती है. इस मौके पर गिरौदपुरी धाम में मेले का आयोजन किया जा रहा है. गिरौदपुरी धाम विशेषकर यहां बने जैतखाम के लिए जाना जाता है. जिसे देखने दूर-दूर से श्रद्धालु यहां पहुंचते हैं. गिरौदपुरी का आध्यात्म और इतिहास से बहुत गहरा नाता रहा है. यहां देश-विदेश से पर्यटक आध्यात्मिक ज्ञान की खोज में आते हैं. बाबा गुरु घासीदास ने साधारण किसान परिवार में जन्म लिया था. इनके पिता का नाम मंहगू, माता का नाम अमरौतिन और पत्नी का नाम सफुरा था. जैतखाम के ठीक बगल में आज भी उनके बैठने का स्थान स्थापित है. ऐसा भी कहा जाता है कि आत्मज्ञान की प्राप्ति के लिए उन्होंने औराधरा वृक्ष के नीचे तपस्या की थी, जो अब तपोभूमि के नाम से प्रचलित है.

पढ़ें-गुरु घासीदास जयंती: कुतुब मीनार से भी ऊंचा है बलौदाबाजार का जैतखाम, जानिए खास बातें

टूट गई 26 साल पुरानी परंपरा

राजधानी रायपुर में कोरोना संक्रमण की वजह से 26 साल पुरानी परंपरा टूट गई. इस बार गुरु घासीदास जयंती पर शोभायात्रा नहीं निकाली जाएगी. कोविड गाइडलाइंस का पालन करते हुए सादगी से गुरु घासीदास जयंती मनाई जाएगी. कोरोना संक्रमण की वजह से कई त्योहार और आयोजन इस साल फीके रह गए हैं. जिला प्रशासन की तय गाइडलाइन के तहत ही गुरु घासीदास जयंती राजधानी में मनाई जाएगी. मास्क और सोशल डिस्टेंसिंग का पालन जरूरी होगा. कार्यक्रमों के दौरान संक्रमण ना फैले, इसकी भी व्यवस्था करनी होगी.

रायपुर: मुख्यमंत्री भूपेश बघेल मुंगेली पहुंच गए हैं. सीएम अमरटापू धाम में गुरु घासदास जयंती कार्यक्रम में शामिल हुए. यहां से ग्राम बंधवा के लालपुर धाम में आयोजित कार्यक्रम में शिरकत करेंगे. वे दोपहर 3 बजे दुर्ग जिले के सेक्टर 6 भिलाई के लिए प्रस्थान कर यहां सतनाम सदन में आयोजित कार्यक्रम में शामिल होंगे. भिलाई से कुम्हारी बस्ती के लिए प्रस्थान कर यहां भी जयंती कार्यक्रम में शिरकत करेंगे. शाम 6 बजे सीएम रायपुर के लिए रवाना होंगे. राजधानी के न्यू राजेंद्र नगर स्थित गुरू घासीदास कॉलोनी में जयंती कार्यक्रम में शामिल होंगे.

आज सतनाम पंथ के संस्थापक गुरु घासीदास जयंती है. इस मौके पर गिरौदपुरी धाम में मेले का आयोजन किया जा रहा है. गिरौदपुरी धाम विशेषकर यहां बने जैतखाम के लिए जाना जाता है. जिसे देखने दूर-दूर से श्रद्धालु यहां पहुंचते हैं. गिरौदपुरी का आध्यात्म और इतिहास से बहुत गहरा नाता रहा है. यहां देश-विदेश से पर्यटक आध्यात्मिक ज्ञान की खोज में आते हैं. बाबा गुरु घासीदास ने साधारण किसान परिवार में जन्म लिया था. इनके पिता का नाम मंहगू, माता का नाम अमरौतिन और पत्नी का नाम सफुरा था. जैतखाम के ठीक बगल में आज भी उनके बैठने का स्थान स्थापित है. ऐसा भी कहा जाता है कि आत्मज्ञान की प्राप्ति के लिए उन्होंने औराधरा वृक्ष के नीचे तपस्या की थी, जो अब तपोभूमि के नाम से प्रचलित है.

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टूट गई 26 साल पुरानी परंपरा

राजधानी रायपुर में कोरोना संक्रमण की वजह से 26 साल पुरानी परंपरा टूट गई. इस बार गुरु घासीदास जयंती पर शोभायात्रा नहीं निकाली जाएगी. कोविड गाइडलाइंस का पालन करते हुए सादगी से गुरु घासीदास जयंती मनाई जाएगी. कोरोना संक्रमण की वजह से कई त्योहार और आयोजन इस साल फीके रह गए हैं. जिला प्रशासन की तय गाइडलाइन के तहत ही गुरु घासीदास जयंती राजधानी में मनाई जाएगी. मास्क और सोशल डिस्टेंसिंग का पालन जरूरी होगा. कार्यक्रमों के दौरान संक्रमण ना फैले, इसकी भी व्यवस्था करनी होगी.

Last Updated : Dec 18, 2020, 1:47 PM IST
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