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रायपुर में प्रेरक संघ का हल्लाबोल, रोजगार देने की मांग - धरना प्रदर्शन में भाजपा नेता गौरीशंकर श्रीवास

Prerak Sangh Protest in Raipur रायपुर में छत्तीसगढ़ संघर्षशील प्रेरक पंचायत कल्याण संघ के बैनर तले प्रदेश भर के प्रेरकों ने एक दिवसीय प्रदर्शन किया. प्रेरकों ने भूपेश सरकार को अपना वादा याद दिलाया और रोजगार देने की मांग की. प्रेरकों के प्रदर्शन को भाजपा ने भी अपना समर्थन दिया.

Prerak Sangh Protest in Raipur
रायपुर में छत्तीसगढ़ संघर्षशील प्रेरक पंचायत कल्याण संघ का प्रदर्शन
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Published : Oct 11, 2022, 5:31 PM IST

Updated : Oct 11, 2022, 6:46 PM IST

रायपुर: राजधानी के बूढ़ातालाब में मंगलवार को प्रदेश स्तर पर प्रेरक संघ ने एक दिवसीय प्रदर्शन किया. इस प्रदर्शन में पुरुषों के अलावा काफी संख्या में महिलाएं भी दूसरे जिलों से पहुंचीं. दरअसल 31 मार्च 2018 को सभी प्रेरकों को छत्तीसगढ़ सरकार ने निकाल दिया था. लिहाजा रोजगार देने की मांग को लेकर प्रेरकों ने प्रदर्शन किया. प्रेरक संघ का कहना है कि चुनाव के पहले कांग्रेस सरकार ने वादा किया था कि सरकार बनते ही उन्हें रोजगार दिया जाएगा, लेकिन सरकार बने 4 साल बीतने को है. लेकिन अब तक प्रेरकों को रोजगार नहीं मिल पाया. Prerak Sangh Protest in Raipur

रायपुर में छत्तीसगढ़ संघर्षशील प्रेरक पंचायत कल्याण संघ का प्रदर्शन

भाजपा ने रोजगार के आंकड़े पर उठाए सवाल: प्रेरक संघ के धरना प्रदर्शन में भाजपा नेता गौरीशंकर श्रीवास भी अपना समर्थन देने पहुंचे. भाजपा नेता गौरीशंकर श्रीवास ने कहा कि "सरकार ने रोजगार देने के जो आंकड़े प्रस्तुत किए हैं, वह आंकड़ा झूठा और गलत है. युवाओं के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है. भाजपा आने वाले समय में मंत्री विधायकों के निवास का घेराव करेगी.'' गौरीशंकर श्रीवास ने सरकार से पूछा है कि आखिर रोजगार उपलब्ध कराने के ये आंकड़े सरकार को कौन से ग्रह से प्राप्त हुए हैं.

यह भी पढ़ें: ED raid in chhattisgarh : ED छापे को लेकर सीएम भूपेश का बयान, बीजेपी नहीं लड़ पा रही सीधी लड़ाई

Prerak Sangh Protest in Raipur
प्रदर्शन में पुरुषों के अलावा काफी संख्या में महिलाएं भी हुईं शामिल

प्रेरकों को कब काम से निकाला गया: छत्तीसगढ़ प्रेरक संघ के अध्यक्ष संदीप द्विवेदी का कहना है कि "साल 2009 से 2012 तक प्रेरकों की भर्ती लिखित परीक्षा के माध्यम से हुई थी. एक तरह से मिनी पीएससी के रूप में परीक्षा पास करने के बाद इन्हें प्रेरक के रूप में रखा गया था. लेकिन 31 मार्च 2018 को प्रदेश भर के सभी प्रेरकों को निकाल दिया गया. जिसके बाद से प्रेरक अब बेरोजगार हो गए हैं. प्रेरक प्रौढ़ शिक्षा देने का काम करते थे और मानदेय के रूप में हर महीने इन प्रेरकों को महज 2000 रुपए महीना ही वेतन के रूप में मिलता था. छत्तीसगढ़ में रोजगार देने के जो आंकड़े प्रस्तुत किए गए हैं, उसे प्रेरक संघ के अध्यक्ष ने युवाओं के साथ खिलवाड़ और धोखा बताया है."

रायपुर: राजधानी के बूढ़ातालाब में मंगलवार को प्रदेश स्तर पर प्रेरक संघ ने एक दिवसीय प्रदर्शन किया. इस प्रदर्शन में पुरुषों के अलावा काफी संख्या में महिलाएं भी दूसरे जिलों से पहुंचीं. दरअसल 31 मार्च 2018 को सभी प्रेरकों को छत्तीसगढ़ सरकार ने निकाल दिया था. लिहाजा रोजगार देने की मांग को लेकर प्रेरकों ने प्रदर्शन किया. प्रेरक संघ का कहना है कि चुनाव के पहले कांग्रेस सरकार ने वादा किया था कि सरकार बनते ही उन्हें रोजगार दिया जाएगा, लेकिन सरकार बने 4 साल बीतने को है. लेकिन अब तक प्रेरकों को रोजगार नहीं मिल पाया. Prerak Sangh Protest in Raipur

रायपुर में छत्तीसगढ़ संघर्षशील प्रेरक पंचायत कल्याण संघ का प्रदर्शन

भाजपा ने रोजगार के आंकड़े पर उठाए सवाल: प्रेरक संघ के धरना प्रदर्शन में भाजपा नेता गौरीशंकर श्रीवास भी अपना समर्थन देने पहुंचे. भाजपा नेता गौरीशंकर श्रीवास ने कहा कि "सरकार ने रोजगार देने के जो आंकड़े प्रस्तुत किए हैं, वह आंकड़ा झूठा और गलत है. युवाओं के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है. भाजपा आने वाले समय में मंत्री विधायकों के निवास का घेराव करेगी.'' गौरीशंकर श्रीवास ने सरकार से पूछा है कि आखिर रोजगार उपलब्ध कराने के ये आंकड़े सरकार को कौन से ग्रह से प्राप्त हुए हैं.

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Prerak Sangh Protest in Raipur
प्रदर्शन में पुरुषों के अलावा काफी संख्या में महिलाएं भी हुईं शामिल

प्रेरकों को कब काम से निकाला गया: छत्तीसगढ़ प्रेरक संघ के अध्यक्ष संदीप द्विवेदी का कहना है कि "साल 2009 से 2012 तक प्रेरकों की भर्ती लिखित परीक्षा के माध्यम से हुई थी. एक तरह से मिनी पीएससी के रूप में परीक्षा पास करने के बाद इन्हें प्रेरक के रूप में रखा गया था. लेकिन 31 मार्च 2018 को प्रदेश भर के सभी प्रेरकों को निकाल दिया गया. जिसके बाद से प्रेरक अब बेरोजगार हो गए हैं. प्रेरक प्रौढ़ शिक्षा देने का काम करते थे और मानदेय के रूप में हर महीने इन प्रेरकों को महज 2000 रुपए महीना ही वेतन के रूप में मिलता था. छत्तीसगढ़ में रोजगार देने के जो आंकड़े प्रस्तुत किए गए हैं, उसे प्रेरक संघ के अध्यक्ष ने युवाओं के साथ खिलवाड़ और धोखा बताया है."

Last Updated : Oct 11, 2022, 6:46 PM IST
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