रायपुर : बलरामपुर जिले के रामानुजगंज से कांग्रेस विधायक बृहस्पति सिंह अपने ही घर में घिरे हुए नजर आ रहे हैं. सरगुजा संभाग से सिंहदेव समर्थकों के निशाने पर आ गए हैं. यहां तक उनके खुद के जिले के कांग्रेस नेताओं ने उन पर मौका परस्त होने और सिंहदेव के खिलाफ झुठा बयान देने का आरोप लगा दिया है. साथ ही स्थानीय संगठन के पदाधिकारियों ने बृहस्पति सिंह के खिलाफ कार्रवाई तक की मांग कर दी है. वहीं कांग्रेस पार्टी ने भी उन्हें कारण बताओ नोटिस जारी कर दिया है.
सरगुजा संभाग में बृहस्पति के खिलाफ हुए कांग्रेसी !
बृहस्पति सिंह द्वारा स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव के खिलाफ खुलकर बयान देने और उन पर हत्या की कोशिश करने जैसे गंभीर आरोप लगाए जाने के बाद अंबिकापुर से बलरामपुर तक स्थानीय कांग्रेस कार्यकर्ताओं और नेताओं ने बृहस्पति सिंह के खिलाफ मोर्च खओल दिया है उन पर तत्काल अनुशासनात्मक कार्रवाई की मांग की जा रही है उनके गृह जिले बलरामपुर तक में उनके खिलाफ यूथ कांग्रेस ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की, पार्टी के जिला अध्यक्ष ने पहले ही विधायक पद से इस्तीफा दे देने की मांग की है.
इधर कांग्रेस के प्रदेश प्रभारी पीएल पुनिया ने कहा है कि हम टीएस सिंहदेव की भावना को समझते हैं इसके मद्देनजर विधायक बृहस्पति सिंह को कारण बताओ नोटिस जारी कर दिया गया है. साथ ही उन्होंने भरोसा जताया है कि कल पूरा मामला शांत हो जाएगा, हाालंकि क्या सरकार इस मामले में कोई बयान जारी करेगी इस पर उन्होंने कहा कि इस पर सरकार तमाम विधायकों की राय पर फैसला लेगी.
सियासी खींचतान के बीच बृहस्पति विवाद पर बोले टीएस सिंहदेव, अभी भविष्य के गर्भ में छिपा है मामला
इस विवाद में आज क्या क्या हुआ -
विधानसभा में प्रश्नकाल के बाद सिंहदेव-बृहस्पति सिंह विवाद पर गृहमंत्री ताम्रध्वज साहू ने बयान दिया. उनके बयान के बाद टीएस सिंहदेव ने कहा कि वे इंसान हैं और उनकी सहनशीलता की सीमा है ये कहते हुए उन्होंने सदन से बहिर्गमन कर दिया. इसके बाद मुख्यमंत्री ने अपने कक्ष में मंत्रियों की बैठक बुलाई इसी दौरान टीएस सिंहदेव से फोन पर संपर्क किया गया, और दिल्ली से पीएल पुनिया ने फोन कर सिंहदेव को विधानसभा जाने और मुख्यमंत्री से बातचीत करने के लिए कहा. सिंहदेव दोबारा विधानसभा पहुंचते हैं और एकबार फिर मुख्यमंत्री के कक्ष में बैठक का दौर शुरू होता है. सभी मंत्रियों और मुख्यमंत्री के साथ करीब ढाई घंटे के मंथन के बाद सिंहदेव का बयान आता है कि मामला भविष्य के गर्त में है. इधर सीएम हाउस में एक बार बैठक का दौर चल पड़ा है. वहीं कुछ नेता और विधायक सिंहदेव से मिलने उनके आवास पर भी पहुंच रहे हैं.
कांग्रेस में अंदरूनी कलह कोई नई बात नहीं है हाल ही में पंजाब, राजस्थान में ये खुलकर देखने को मिला है. माना जाता है कि राष्ट्रीय स्तर पर कमजोर साख के बवजूद कांग्रेस छत्तीसगढ़ में काफी मजबूत स्थिति में है, लेकिन जिस तरह यहां पार्टी के एक बड़े नेता के खिलाफ बयानबाजी हुई और सरकार की ओर से भी इसे पटक्षेप करने के लिए कोई खास कदम नहीं उठाए गए और आज ये विवाद बढ़ता नजर आ रहा है. कुछ लोग इसे ढाई साल वाले फॉर्मुले के साथ भी जोड़कर देख रहे हैं.