भिलाई : भिलाई नगर निगम उपचुनाव को लेकर राजनीति गर्म हो गई है.जिस वार्ड क्रमांक 35 में उपचुनाव होना था,उस पर चुनाव कराने से हाईकोर्ट ने रोक लगा दी है. इस वार्ड के पार्षद मोहम्मद सलमान शारदापारा को संभागायुक्त ने जाति प्रमाण पत्र में फर्जीवाड़ा के आरोप के कारण 6 मई 2024 को हटा दिया गया था. इस आदेश के खिलाफ मोहम्मद सलमान ने राज्य सचिव के सामने गुहार लगाई थी.लेकिन राज्य सचिव ने भी मोहम्मद सलमान के आवेदन को निरस्त कर दिया. इसके बाद मोहम्मद सलमान ने हाईकोर्ट में रिट याचिका फाइल की.
हाईकोर्ट ने पार्षद की याचिका स्वीकार की : पार्षद की याचिका को स्वीकार करते हुए हाईकोर्ट ने 28 जनवरी 2025 को संभागायुक्त और राज्य सचिव के पुराने आदेशों के प्रभाव और संचालन पर रोक लगा दी. इस रोक के कारण जिस पार्षद को बर्खास्त किया गया था,वो स्वत: ही अपने पद पर बहाल हो गया.
उपचुनाव पर लगी रोक, चुनाव स्थगित करने की मांग : हाईकोर्ट के आदेश से पहले राज्य निर्वाचन आयोग को ये सूचना दी गई कि वार्ड क्रमांक 35 पार्षद विहीन है.इसलिए इस वार्ड को निकाय चुनाव के साथ ही अधिसूचित करके चुनाव कराया जाए. 20 जनवरी को जब राज्य निर्वाचन आयोग ने चुनाव की घोषणा की तो इस वार्ड में भी उपचुनाव 11 फरवरी को निर्धारित किया गया.लेकिन अब हाईकोर्ट के आदेश के बाद पार्षद ने 11 फरवरी को होने वाले चुनाव को स्थगित करने की मांग जिला निर्वाचन अधिकारी से की है.
वार्ड क्रमांक 35 में प्रत्याशियों का हो चुका था ऐलान : आपको बता दें कि उपचुनाव के लिए वार्ड क्रमांक 35 के लिए पार्षद प्रत्याशी का ऐलान हो चुका था.जिसमें कांग्रेस ने मनोज सिन्हा और बीजेपी की ओर से चंदन यादव के नाम की घोषणा हुई थी.वहीं नामांकन वापसी के आखिरी दिन मनोज सिन्हा ने नाटकीय तरीके से अपना नामांकन वापस ले लिया था और बीजेपी में शामिल हो गए थे.जिसके कारण चंदन यादव के निर्विरोध चुनाव जीतने का ऐलान हुआ था.लेकिन अब निर्वाचन आयोग ने हाईकोर्ट के आदेश के बाद निर्वाचन प्रक्रिया पर रोक लगाते हुए,किसी के भी नाम की घोषणा नहीं किए जाने की बात कही है.
क्यों पद से हटाए गए थे सलमान : भिलाई नगर निगम के नेता प्रतिपक्ष भोजराज सिन्हा और वार्ड 35 के छाया पार्षद चंदन यादव ने पार्षद सलमान के खिलाफ शिकायत दर्ज कराया था. शिकायत के मुताबिक साल 2021 में नगर निगम भिलाई का चुनाव आयोजित किया गया था. उसमें इंजीनियर सलमान ने फर्जी और कूटरचित दस्तावेज पेश करके पार्षद पद के लिए चुनाव लड़ा था. इन्हीं फर्जी दस्तावेजों के आधार पर उसने अन्य पिछड़ा वर्ग आरक्षित वार्ड से चुनाव जीता है. निर्वाचन के दौरान पार्षद सलमान ने अन्य पिछड़ा वर्ग जाति प्रमाण पत्र जिला निर्वाचन आयोग में जमा किया था. जिसका क्रमांक 363/ब-221/2015-16 है. ये प्रमाण पत्र 15 जून 2016 में बना था. जब एसडीएम दुर्ग के कार्यालय से इस जाति प्रमाण पत्र की सत्यापित प्रति सूचना के अधिकार के तहत मांगी गई तो इस क्रमांक का जाति प्रमाण पत्र किसी नोमिता देशमुख के नाम पर जारी होने का खुलासा हुआ. जिसके बाद सलमान को पद से हटाने के लिए शिकायत हुई.
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