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Pitru Paksha 2021: प्रतिपदा पर किसका होता है श्राद्ध, जानिये कैसे किया जाता है तर्पण - तर्पण

पितृ पक्ष (pitru paksh) यानी कि पितरों को समर्पित पक्ष. इन 15 दिनों में पितरों की पूजा (pitaro ki puja)होती है. जिस तिथि को व्यक्ति की मृत्यु (death of person) होती है. उस तिथि (date)तो मृत व्यक्ति के नाम की पूजा की जाती है. ब्राह्मणों को भोजन कराया जाता है. फिर पितृ के नाम का तर्पण (Tarpan)किया जाता है. इसके साथ ही मृत व्यक्ति के नाम का दान दिया जाता है.

what happens on pratipada
क्या होता है प्रतिपदा
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Published : Sep 20, 2021, 3:07 PM IST

Updated : Sep 21, 2021, 8:36 AM IST

रायपुर: आश्विन मास के कृष्ण पक्ष की प्रतिपदा से लेकर अमावस्या तक पूरे 16 दिनों तक पूर्वजों का तर्पण किया जाता है. ऐसा माना जाता है कि पितृ पक्ष में पूर्वज किसी न किसी रूप में परिजनों के आसपास मंडराते रहते हैं. अत: इन तिथियों पर उनका श्राद्ध कर्म करना आवश्यक माना जाता है. जिस भी व्यक्ति की मृत्यु प्रतिपदा तिथि (शुक्ल पक्ष/ कृष्ण पक्ष) के दिन होती है उनका श्राद्ध इसी दिन किया जाता है. इस तिथि पर नाना-नानी के परिवार में कोई श्राद्ध करने वाला न हो और मृत्यु की तिथि ज्ञात न हो, तो उनका श्राद्ध प्रतिपदा को ही किया जाता है.

पितृ पक्ष (pitru paksh) यानी कि पितरों को समर्पित पक्ष. इन 15 दिनों में पितरों की पूजा (pitaro ki puja)होती है. जिस तिथि को व्यक्ति की मृत्यु (death of person)होती है. उस तिथि (date)तो मृत व्यक्ति के नाम की पूजा की जाती है. ब्राह्मणों को भोजन कराया जाता है. पितृ के नाम का तर्पण (Tarpan)किया जाता है. इसके साथ ही मृत व्यक्ति के नाम का दान दिया जाता है.

Pitru Paksha 2021 : जानिए पितरों के पूजन की खास विधि और तिथियां

ये है पितृपक्ष की सभी तिथियां

20 सितंबर पूर्णिमा श्राद्ध

21 सितंबर प्रतिपदा श्राद्ध

22 सितंबर द्वितीया श्राद्ध

23 सितंबर तृतीया श्राद्ध

24 सितंबर तृतीया श्राद्ध

25 सितंबर पंचमी श्राद्ध

26/27 सितंबर षष्ठी श्राद्ध

28 सितंबर सप्तमी श्राद्ध

29 सितंबर अष्टमी श्राद्ध

30 सितंबर नवमी श्राद्ध

01 अक्टूबर दशमी श्राद्ध

02 अक्टूबर एकादशी श्राद्ध

03 अक्टूबर द्वादशी श्राद्ध

04 अक्टूबर त्रयोदशी श्राद्ध

05 अक्टूबर चतुर्दशी श्राद्ध

06अक्टूबर अमावस्या श्राद्ध

रायपुर: आश्विन मास के कृष्ण पक्ष की प्रतिपदा से लेकर अमावस्या तक पूरे 16 दिनों तक पूर्वजों का तर्पण किया जाता है. ऐसा माना जाता है कि पितृ पक्ष में पूर्वज किसी न किसी रूप में परिजनों के आसपास मंडराते रहते हैं. अत: इन तिथियों पर उनका श्राद्ध कर्म करना आवश्यक माना जाता है. जिस भी व्यक्ति की मृत्यु प्रतिपदा तिथि (शुक्ल पक्ष/ कृष्ण पक्ष) के दिन होती है उनका श्राद्ध इसी दिन किया जाता है. इस तिथि पर नाना-नानी के परिवार में कोई श्राद्ध करने वाला न हो और मृत्यु की तिथि ज्ञात न हो, तो उनका श्राद्ध प्रतिपदा को ही किया जाता है.

पितृ पक्ष (pitru paksh) यानी कि पितरों को समर्पित पक्ष. इन 15 दिनों में पितरों की पूजा (pitaro ki puja)होती है. जिस तिथि को व्यक्ति की मृत्यु (death of person)होती है. उस तिथि (date)तो मृत व्यक्ति के नाम की पूजा की जाती है. ब्राह्मणों को भोजन कराया जाता है. पितृ के नाम का तर्पण (Tarpan)किया जाता है. इसके साथ ही मृत व्यक्ति के नाम का दान दिया जाता है.

Pitru Paksha 2021 : जानिए पितरों के पूजन की खास विधि और तिथियां

ये है पितृपक्ष की सभी तिथियां

20 सितंबर पूर्णिमा श्राद्ध

21 सितंबर प्रतिपदा श्राद्ध

22 सितंबर द्वितीया श्राद्ध

23 सितंबर तृतीया श्राद्ध

24 सितंबर तृतीया श्राद्ध

25 सितंबर पंचमी श्राद्ध

26/27 सितंबर षष्ठी श्राद्ध

28 सितंबर सप्तमी श्राद्ध

29 सितंबर अष्टमी श्राद्ध

30 सितंबर नवमी श्राद्ध

01 अक्टूबर दशमी श्राद्ध

02 अक्टूबर एकादशी श्राद्ध

03 अक्टूबर द्वादशी श्राद्ध

04 अक्टूबर त्रयोदशी श्राद्ध

05 अक्टूबर चतुर्दशी श्राद्ध

06अक्टूबर अमावस्या श्राद्ध

Last Updated : Sep 21, 2021, 8:36 AM IST
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