बिलासपुर : प्रदेश में 3 सालों में की गई धान खरीदी को लेकर गड़बड़ी की आशंका जताते हुए पूर्व मंत्री अजय चंद्राकर (Former minister Ajay Chandrakar ) ने हाईकोर्ट में याचिका लगाई है. पूर्व मंत्री ने हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर कर धान खरीदी योजना के तहत सन 2018-19, 2019-20 और 2020-21 में हुई गड़बड़ी को चुनौती दी है. मामले की प्रारंभिक रूप में सुनवाई हुई थी. इस मामले में सुनवाई होने के बाद कोर्ट ने अगली सुनवाई 15 जून को निर्धारित की है.
क्यों लगाई गई है याचिका : छत्तीसगढ़ में भूपेश सरकार बनने के बाद हुई धान खरीदी में गड़बड़ी की आशंका जाहिर की जा रही है. धान खरीदी में गड़बड़ी की बात कहते हुए भाजपा के पूर्व मंत्री अजय चंद्राकर ने हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया है. पूर्व मंत्री अजय चंद्राकर ने कोर्ट में एक जनहित याचिका के माध्यम से कहा कि ''सरकार की उदासीनता और गलत कार्यप्रणाली के कारण पब्लिक मनी के 1198 करोड़ रुपए का नुकसान (Petition regarding purchase of paddy in Bilaspur High Court ) हुआ है.''
धान खरीदी को लेकर क्या हैं आरोप : अजय चंद्राकर ने साथ ही बताया है कि '' शासन की धान खरीदी योजना में गलत नीतियों के कारण खरीदे गए धान के लिए नियम नहीं होने और समय पर उठाव नहीं होने के कारण धान में नमी की कमी हुई. नमी की कमी होने की वजह से धान को सूखा घोषित करना पड़ा. मिलिंग सही समय पर नहीं होने के कारण भी ये नुकसान हुआ है.जबकि नियम के तहत धान की खरीदी रखरखाव और उठाव एक निर्धारित समय अवधि में होनी चाहिए, जो नहीं हो रही है. इससे पहले याचिकाकर्ता ने विधानसभा में भी सवाल पूछा था जिसका जवाब संबंधित विभाग के मंत्री ने दिया था. मामले में हाईकोर्ट में प्रारंभिक सुनवाई हुई थी और अब 15 जून को अगली सुनवाई होगी.