रायपुर: लॉकडाउन के बाद कई तरह के उद्योगों और व्यापार को छूट दी गई है. शराब दुकान भी खोल दिए गए हैं. निर्धारित समय के लिए बाजार भी खोले जा रहे हैं, लेकिन प्रशासन ने अबतक धार्मिक स्थलों को खोलने की अनुमति नहीं दी है. इसे लेकर लोगों में नाराजगी है. पंडित और पुजारियों के साथ ही समाजसेवी भी मंदिर खोलने की मांग (demand to open temple) कर रहे हैं. उनका कहना है कि शराब दुकान (liquor store open) खोल दी गई हैं, वहां सोशल डिस्टेंसिंग का पालन भी नहीं किया जा रहा है.
अप्रैल महीने में बढ़ते कोरोना संक्रमण को देखते हुए अलग-अलग तारीखों में लॉकडाउन लगाया गया. कोरोना संक्रमण की रफ्तार कम होने के बाद धीरे-धीरे निर्धारित समय सीमा में बाजार खोलने की अनुमति दी गई. कुछ दिन पहले शासन ने शराब दुकानों को खोलने के संबंध में भी आदेश जारी कर दिया. अबतक धार्मिक स्थलों में ताला लटका हुआ है. जिसके कारण भक्तों को भगवान के दर्शन नहीं हो पा रहे हैं. प्रदेश के सभी धार्मिक स्थल गुरुद्वारा, मंदिर, मस्जिद और चर्च में ताले लगे हुए हैं.
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धार्मिक स्थलों को खोलने की नहीं मिली अनुमति
समाजसेवी का कहना है सरकार को धार्मिक स्थलों को भी जल्द से जल्द खोलने की अनुमति देनी चाहिए. शराब दुकानों को खोलने की अनुमति मिलने के बाद क्या वहां पर कोरोना संक्रमण का खतरा नहीं है? उन्होंने कहा कि शराब दुकानों में सोशल डिस्टेंसिंग के नियमों की धज्जियां उड़ रही है. धार्मिक स्थलों को कोरोना गाइडलाइन के तहत खोलने की अनुमति प्रशासन को देनी चाहिए.