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Single Use Plastics Ban from july: छत्तीसगढ़ में सिंगल यूज प्लास्टिक का सालभर में होता है 200 करोड़ का कारोबार

Single use plastic ban from July: अनुमान के मुताबिक छत्तीसगढ़ में सिंगल यूज प्लास्टिक के कारोबार से प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से हजारों लोग जुड़े हुए हैं. इनका कहना है कि कोरोना के बाद किसी तरह उबरने का मौका मिला लेकिन जुलाई से सिंगल यूज प्लास्टिक पर बैन लगाने से वे एक बार फिर सड़क पर आ जाएंगे.

Single use plastic ban from July
छत्तीसगढ़ में सिंगल यूज प्लास्टिक बैन करने का विरोध
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Published : Jun 23, 2022, 9:51 PM IST

Updated : Jun 23, 2022, 10:55 PM IST

रायपुर: 1 जुलाई से सिंगल यूज प्लास्टिक पर पूरी तरह से बैन लग जाएगा. यानी जुलाई से आप सिंगल यूज प्लास्टिक का उपयोग नहीं कर पाएंगे. पर्यावरण की दिशा में ये एक बेहतर कदम है लेकिन इसका दूसरा पहलू ये है कि इससे जुड़े हजारों लोग बेरोजगार हो जाएंगे. आंकड़ों के मुताबिक छत्तीसगढ़ में 2000 लोगों की रोजी-रोटी प्रत्यक्ष रूप से प्रभावित होने के साथ हजारों लोग बेरोजगार हो जाएंगे. लिहाजा छोटे व्यापारियों, दुकानदारों और ट्रेडर्स का कहना है कि सरकार को पहले इसका विकल्प ढूंढना चाहिए. उसके बाद ही सिंगल यूज प्लास्टिक पर प्रतिबंध लगाना चाहिए. (Single use plastic ban from July )

छत्तीसगढ़ में सिंगल यूज प्लास्टिक बैन करने का विरोध

सिंगल यूज प्लास्टिक क्या है: पहले ये जान लीजिए कि सिंगल यूज प्लास्टिक क्या है. ऐसे प्लास्टिक प्रोडेक्ट जिनका एक बार इस्तेमाल करने के बाद दोबारा यूज नहीं होता है या इन्हें फेंक दिया जाता है. जैसे डिस्पोजल, प्लास्टिक, गिलास, प्लेट, चम्मच, कटोरी, चाय कप, कैरी बैग, फूड पैकेड करने में यूज किया गया प्लास्टिक, स्ट्रॉ, प्लास्टिक बैग्स है. सिंगल यूज प्लास्टिक आसानी से डिस्पोज नहीं होता है. साथ ही इन्हें रिसाइकिल भी नहीं किया जा सकता है. यहीं वजह है कि प्रदूषण को बढ़ने में सिंगल यूज प्लास्टिक की अहम भूमिका है. (what is single use plastic )

Single Use Plastics Ban
छत्तीसगढ़ में सिंगल यूज प्लास्टिक का काफी बड़ा कारोबार

छत्तीसगढ़ में सालभर में सिंगल यूज प्लास्टिक का 200 करोड़ का कारोबार: छत्तीसगढ़ चेंबर ऑफ कॉमर्स के कार्यकारी अध्यक्ष विक्रम सिंहदेव (Vikram Singhdeo working president of Chhattisgarh Chamber of Commerce) ने कहा कि "केंद्र सरकार 1 जुलाई से प्लास्टिक को बंद करने जा रही हैं. लेकिन इससे पहले सरकार को विकल्प ढूंढना होगा. कैट इसका विरोध कर रहा है. केंद्र या सरकार को प्लास्टिक बंद करने की जरूरत नहीं है. पूरे प्रदेश में लगभग प्लास्टिक बनाने के 90 कारखाने हैं. ये बंद होने से 2000 लोगों की रोजी रोटी प्रत्यक्ष रूप से प्रभावित होगी. साथ ही पूरे प्रदेश में 5000 ट्रेडर बेरोजगार हो जाएंगे. लगभग 3000 स्ट्रीट वेंडर सड़क पर आ जाएंगे. पूरे प्रदेश में एक महीने में लगभग 15 से 16 करोड़ रुपये का व्यापार होता है. बात अगर एक साल की करें तो लगभग 200 करोड़ रुपये का कारोबार प्रभावित होगा". (Oppose to ban single use plastic in Chhattisgarh)

Single Use Plastics Ban
छत्तीसगढ़ में सिंगल यूज प्लास्टिक को बैन करने का विरोध

जाने क्यों छत्तीसगढ़ में आ सकती है कोरोना की चौथी लहर?

बिना विकल्प के बैन करने से होगा नुकसान: सिंगल यूज प्लास्टिक पर प्रतिबंध को लेकर व्यापारी भी परेशान हैं. उनका कहना है कि पहले कोई विकल्प ढूंढा जाए उसके बाद ही सिंगल यूज प्लास्टिक पर प्रतिबंध लगाया जाए. गोल बाजार के व्यापारी कलीराम साहू ने कहा कि "इससे छोटे और लघु उद्योगों के साथ ही व्यापारियों को नुकसान होगा. इससे जुड़े हजारों लोगों का व्यापार भी छिन जाएगा. ऐसे में सरकार को चाहिए कि वह पहले कोई विकल्प तैयार करें उसके बाद इस पर प्रतिबंध लगाए या फिर सिंगल यूज प्लास्टिक को 1 जुलाई से बंद किए जाने का निर्णय वापस ले".

कागज का इस्तेमाल करना महंगा: गोल बाजार व्यापारी संघ के अध्यक्ष सतीश जैन (Gol Bazar Traders Association President Satish Jain) का कहना है कि "अभी सरकार इस निर्णय को फिलहाल स्थगित कर दें. क्योंकि कोरोना काल के बाद धीरे-धीरे व्यापार पटरी पर आया था. ऐसे में सिंगल यूज प्लास्टिक को बंद करना उचित नहीं है. यह सस्ती होने के साथ ही आसानी से मिल जाता है. भले ही इससे पर्यावरण प्रदूषण होता है लेकिन सिंगल यूज प्लास्टिक की बजाए अगर कागज का उपयोग करते हैं तो इसका दाम 25 प्रतिशत ज्यादा है. सरकार सिंगल यूज प्लास्टिक को बंद करने के पहले उसका विकल्प ढूंढे".

उद्योगों को होगा नुकसान: 1 जुलाई से सिंगल यूज प्लास्टिक को बंद किए जाने को लेकर कनफेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष और चेंबर ऑफ कॉमर्स के अध्यक्ष अमर परवानी (Amar Parwani President of Chamber of Commerce) का कहना है कि "देश में सिंगल यूज प्लास्टिक का 98% उपयोग बहुराष्ट्रीय कंपनियां, कॉरपोरेट निर्माता करते हैं. एकाएक सिंगल यूज प्लास्टिक का उपयोग बंद करने से बेरोजगारी बढ़ सकती है. बड़े पैमाने पर लोग सिंगल यूज प्लास्टिक का उपयोग करते हैं. पहले इसका विकल्प ढूंढा जाए. उसके बाद इस पर प्रतिबंध लगाया जाए. नहीं तो इससे उद्योगों को नुकसान होगा".

सिंगल यूज प्लास्टिक को बंद किए जाने के मामले में नगर निगम के अपर आयुक्त सुनील चंद्रवंशी ने बताया कि "भारत सरकार ने फरवरी 2022 में एक नोटिफिकेशन जारी किया था. जिसमें टाइमलाइन देते हुए पर्यावरण कंट्रोल बोर्ड को प्रचार प्रसार के लिए निर्देशित भी किया गया था. इसके लिए समय-समय पर सांकेतिक रूप से कार्यवाही भी की जा रही है. राज्य पर्यावरण कंट्रोल बोर्ड की तरफ से टीम गठित की जा रही है. इसके बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी.

रायपुर: 1 जुलाई से सिंगल यूज प्लास्टिक पर पूरी तरह से बैन लग जाएगा. यानी जुलाई से आप सिंगल यूज प्लास्टिक का उपयोग नहीं कर पाएंगे. पर्यावरण की दिशा में ये एक बेहतर कदम है लेकिन इसका दूसरा पहलू ये है कि इससे जुड़े हजारों लोग बेरोजगार हो जाएंगे. आंकड़ों के मुताबिक छत्तीसगढ़ में 2000 लोगों की रोजी-रोटी प्रत्यक्ष रूप से प्रभावित होने के साथ हजारों लोग बेरोजगार हो जाएंगे. लिहाजा छोटे व्यापारियों, दुकानदारों और ट्रेडर्स का कहना है कि सरकार को पहले इसका विकल्प ढूंढना चाहिए. उसके बाद ही सिंगल यूज प्लास्टिक पर प्रतिबंध लगाना चाहिए. (Single use plastic ban from July )

छत्तीसगढ़ में सिंगल यूज प्लास्टिक बैन करने का विरोध

सिंगल यूज प्लास्टिक क्या है: पहले ये जान लीजिए कि सिंगल यूज प्लास्टिक क्या है. ऐसे प्लास्टिक प्रोडेक्ट जिनका एक बार इस्तेमाल करने के बाद दोबारा यूज नहीं होता है या इन्हें फेंक दिया जाता है. जैसे डिस्पोजल, प्लास्टिक, गिलास, प्लेट, चम्मच, कटोरी, चाय कप, कैरी बैग, फूड पैकेड करने में यूज किया गया प्लास्टिक, स्ट्रॉ, प्लास्टिक बैग्स है. सिंगल यूज प्लास्टिक आसानी से डिस्पोज नहीं होता है. साथ ही इन्हें रिसाइकिल भी नहीं किया जा सकता है. यहीं वजह है कि प्रदूषण को बढ़ने में सिंगल यूज प्लास्टिक की अहम भूमिका है. (what is single use plastic )

Single Use Plastics Ban
छत्तीसगढ़ में सिंगल यूज प्लास्टिक का काफी बड़ा कारोबार

छत्तीसगढ़ में सालभर में सिंगल यूज प्लास्टिक का 200 करोड़ का कारोबार: छत्तीसगढ़ चेंबर ऑफ कॉमर्स के कार्यकारी अध्यक्ष विक्रम सिंहदेव (Vikram Singhdeo working president of Chhattisgarh Chamber of Commerce) ने कहा कि "केंद्र सरकार 1 जुलाई से प्लास्टिक को बंद करने जा रही हैं. लेकिन इससे पहले सरकार को विकल्प ढूंढना होगा. कैट इसका विरोध कर रहा है. केंद्र या सरकार को प्लास्टिक बंद करने की जरूरत नहीं है. पूरे प्रदेश में लगभग प्लास्टिक बनाने के 90 कारखाने हैं. ये बंद होने से 2000 लोगों की रोजी रोटी प्रत्यक्ष रूप से प्रभावित होगी. साथ ही पूरे प्रदेश में 5000 ट्रेडर बेरोजगार हो जाएंगे. लगभग 3000 स्ट्रीट वेंडर सड़क पर आ जाएंगे. पूरे प्रदेश में एक महीने में लगभग 15 से 16 करोड़ रुपये का व्यापार होता है. बात अगर एक साल की करें तो लगभग 200 करोड़ रुपये का कारोबार प्रभावित होगा". (Oppose to ban single use plastic in Chhattisgarh)

Single Use Plastics Ban
छत्तीसगढ़ में सिंगल यूज प्लास्टिक को बैन करने का विरोध

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बिना विकल्प के बैन करने से होगा नुकसान: सिंगल यूज प्लास्टिक पर प्रतिबंध को लेकर व्यापारी भी परेशान हैं. उनका कहना है कि पहले कोई विकल्प ढूंढा जाए उसके बाद ही सिंगल यूज प्लास्टिक पर प्रतिबंध लगाया जाए. गोल बाजार के व्यापारी कलीराम साहू ने कहा कि "इससे छोटे और लघु उद्योगों के साथ ही व्यापारियों को नुकसान होगा. इससे जुड़े हजारों लोगों का व्यापार भी छिन जाएगा. ऐसे में सरकार को चाहिए कि वह पहले कोई विकल्प तैयार करें उसके बाद इस पर प्रतिबंध लगाए या फिर सिंगल यूज प्लास्टिक को 1 जुलाई से बंद किए जाने का निर्णय वापस ले".

कागज का इस्तेमाल करना महंगा: गोल बाजार व्यापारी संघ के अध्यक्ष सतीश जैन (Gol Bazar Traders Association President Satish Jain) का कहना है कि "अभी सरकार इस निर्णय को फिलहाल स्थगित कर दें. क्योंकि कोरोना काल के बाद धीरे-धीरे व्यापार पटरी पर आया था. ऐसे में सिंगल यूज प्लास्टिक को बंद करना उचित नहीं है. यह सस्ती होने के साथ ही आसानी से मिल जाता है. भले ही इससे पर्यावरण प्रदूषण होता है लेकिन सिंगल यूज प्लास्टिक की बजाए अगर कागज का उपयोग करते हैं तो इसका दाम 25 प्रतिशत ज्यादा है. सरकार सिंगल यूज प्लास्टिक को बंद करने के पहले उसका विकल्प ढूंढे".

उद्योगों को होगा नुकसान: 1 जुलाई से सिंगल यूज प्लास्टिक को बंद किए जाने को लेकर कनफेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष और चेंबर ऑफ कॉमर्स के अध्यक्ष अमर परवानी (Amar Parwani President of Chamber of Commerce) का कहना है कि "देश में सिंगल यूज प्लास्टिक का 98% उपयोग बहुराष्ट्रीय कंपनियां, कॉरपोरेट निर्माता करते हैं. एकाएक सिंगल यूज प्लास्टिक का उपयोग बंद करने से बेरोजगारी बढ़ सकती है. बड़े पैमाने पर लोग सिंगल यूज प्लास्टिक का उपयोग करते हैं. पहले इसका विकल्प ढूंढा जाए. उसके बाद इस पर प्रतिबंध लगाया जाए. नहीं तो इससे उद्योगों को नुकसान होगा".

सिंगल यूज प्लास्टिक को बंद किए जाने के मामले में नगर निगम के अपर आयुक्त सुनील चंद्रवंशी ने बताया कि "भारत सरकार ने फरवरी 2022 में एक नोटिफिकेशन जारी किया था. जिसमें टाइमलाइन देते हुए पर्यावरण कंट्रोल बोर्ड को प्रचार प्रसार के लिए निर्देशित भी किया गया था. इसके लिए समय-समय पर सांकेतिक रूप से कार्यवाही भी की जा रही है. राज्य पर्यावरण कंट्रोल बोर्ड की तरफ से टीम गठित की जा रही है. इसके बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी.

Last Updated : Jun 23, 2022, 10:55 PM IST
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