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रायपुर में अब अपराधियों की खैर नहीं, एसीसीयू का गठन, जानिए कैसे करेगी काम ? - Raipur criminal case

रायपुर में अब नए तरह के अपराधों और साइबर क्राइम पर नकेल कसने की तैयारी शुरु हो गई है.इसके लिए पुलिस ने विशेष टीम बनाई है.

Now the criminals are not well in Raipur
रायपुर में अब अपराधियों की खैर नहीं
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Published : Mar 13, 2022, 6:38 PM IST

रायपुर : छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में अपराध और साइबर क्राइम पर नियंत्रण करने के लिए एंटी क्राइम और साइबर यूनिट का गठन किया गया है. इसमें 4 विंग साइबर यूनिट, मोबाइल डाटा बेस यूनिट, नारकोटिक्स यूनिट और प्रॉपर्टी ऑफेंस एंड हीनियस ऑफेंस काम करेगी. एंटी क्राइम और साइबर यूनिट का प्रभारी अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक अभिषेक माहेश्वरी को बनाया गया है. रायपुर पुलिस के बनाए गए इस नए एसीसीयू का मुख्य उद्देश्य पुलिसिंग को और मजबूत बनाते हुए अपराधियों को पकड़ने के साथ ही अपराध पर अंकुश लगाना होगा. आईए जानते हैं कैसे काम करेगी ACCU ?

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सायबर यूनिट: इस विंग के तहत साइबर यूनिट में कुल 15 अधिकारी कर्मचारी काम करेंगे. जिनका कार्य थानों को अपराधों में सीडीआर, लोकेशन, मोबाइल डाटा बेस संबंधी जानकारी देना और थानों में दर्ज अपराधों के मामलों में सहयोग करना रहेगा।

नारकोटिक्स यूनिट: यह 6 सदस्यीय अधिकारी कर्मचारी की यूनिट है. जिनका मुख्य कार्य प्रतिबंधित नशीली टेबलेट या सिरप की अवैध रूप से खरीदी बिक्री, मादक पदार्थ गांजा ,अन्य मादक पदार्थों की रोकथाम सहित अन्य राज्य और जिलों से आने वाले मादक पदार्थों की तस्करी के विरुद्ध प्रभावी कार्रवाई करना होगा.

मोबाइल डाटाबेस यूनिट: इस यूनिट में कुल 9 अधिकारी कर्मचारी कार्य करेंगे. जिनका कार्य तरीका वारदात के आधार पर संगठित या बाहरी गिरोह को चिन्हांकित कर आरोपियों को पकड़ना होगा.साथ ही आरोपियों की संपूर्ण विस्तृत जानकारी प्राप्त कर टीम आरोपियों का डाटाबेस तैयार करेगी.

प्रॉपर्टी ऑफेंस एंड हीनियस ऑफेंस: इस यूनिट में 33 अधिकारी कर्मचारी कार्य करेंगे. जिनका मुख्य कार्य संपत्ति संबंधी अपराध चोरी, नकबजनी, लूट, डकैती और शरीर संबंधी अपराध जैसे हत्या, हत्या का प्रयास और चाकूबाजी की घटनाओं को रोकना होगा.साथ ही दूसरे तरह के अपराधों पर अंकुश लगाना और आरोपियों को पकड़ना होगा।

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अफसरों से लेकर जवानों तक 100 की तैनाती
पुलिस विभाग के अधिकारियों के मुताबिक नए एंटी क्राइम एंड साइबर यूनिट में साइबर सेल को मर्ज कर दिया जाएगा. इस यूनिट में करीब 80 से 100 पुलिस जवान और अफसरों की तैनाती की जाएगी. जो साइबर सेल में काम कर रहे हैं. उन्हें एंटी क्राइम यूनिट में मर्ज कर दिया जाएगा. रायपुर में हर महीने साइबर से संबंधित 20 से 30 क्राइम, प्रॉपर्टी से संबंधित 15 से 20 केस होते हैं. साइबर सेल इसकी जांच करती है. गांजा से नशीली टेबलेट तक तस्करी रोकने की जिम्मेदारी भी साइबर सेल की है. ऐसे में अब एंटी क्राइम एंड साइबर यूनिट बनाने के बाद बदमाशों को दबोचने में आसानी होगी।

रायपुर एसएसपी ने दी पूरी जानकारी
रायपुर एसएसपी प्रशांत अग्रवाल ने टेलीफोनिक बातचीत में बताया कि "हमने एंटी क्राइम एंड सायबर यूनिट का गठन किया है. इसमें चार सेल होंगे. सभी को अलग-अलग काम दिया गया है. नए एसीसीयू का गठन गृह विभाग से मिले आदेश के बाद किया गया है, ताकि अपराधियों पर नकेल कसी जा सके. इसमें अधिकारियों और जवानों की तैनाती भी कर दी गई है. इसका नेतृत्व अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक अभिषेक माहेश्वरी करेंगे. जल्द ही इस यूनिट के माध्यम से अपराध पर लगाम कसने में मदद मिलेगी।"

रायपुर : छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में अपराध और साइबर क्राइम पर नियंत्रण करने के लिए एंटी क्राइम और साइबर यूनिट का गठन किया गया है. इसमें 4 विंग साइबर यूनिट, मोबाइल डाटा बेस यूनिट, नारकोटिक्स यूनिट और प्रॉपर्टी ऑफेंस एंड हीनियस ऑफेंस काम करेगी. एंटी क्राइम और साइबर यूनिट का प्रभारी अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक अभिषेक माहेश्वरी को बनाया गया है. रायपुर पुलिस के बनाए गए इस नए एसीसीयू का मुख्य उद्देश्य पुलिसिंग को और मजबूत बनाते हुए अपराधियों को पकड़ने के साथ ही अपराध पर अंकुश लगाना होगा. आईए जानते हैं कैसे काम करेगी ACCU ?

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सायबर यूनिट: इस विंग के तहत साइबर यूनिट में कुल 15 अधिकारी कर्मचारी काम करेंगे. जिनका कार्य थानों को अपराधों में सीडीआर, लोकेशन, मोबाइल डाटा बेस संबंधी जानकारी देना और थानों में दर्ज अपराधों के मामलों में सहयोग करना रहेगा।

नारकोटिक्स यूनिट: यह 6 सदस्यीय अधिकारी कर्मचारी की यूनिट है. जिनका मुख्य कार्य प्रतिबंधित नशीली टेबलेट या सिरप की अवैध रूप से खरीदी बिक्री, मादक पदार्थ गांजा ,अन्य मादक पदार्थों की रोकथाम सहित अन्य राज्य और जिलों से आने वाले मादक पदार्थों की तस्करी के विरुद्ध प्रभावी कार्रवाई करना होगा.

मोबाइल डाटाबेस यूनिट: इस यूनिट में कुल 9 अधिकारी कर्मचारी कार्य करेंगे. जिनका कार्य तरीका वारदात के आधार पर संगठित या बाहरी गिरोह को चिन्हांकित कर आरोपियों को पकड़ना होगा.साथ ही आरोपियों की संपूर्ण विस्तृत जानकारी प्राप्त कर टीम आरोपियों का डाटाबेस तैयार करेगी.

प्रॉपर्टी ऑफेंस एंड हीनियस ऑफेंस: इस यूनिट में 33 अधिकारी कर्मचारी कार्य करेंगे. जिनका मुख्य कार्य संपत्ति संबंधी अपराध चोरी, नकबजनी, लूट, डकैती और शरीर संबंधी अपराध जैसे हत्या, हत्या का प्रयास और चाकूबाजी की घटनाओं को रोकना होगा.साथ ही दूसरे तरह के अपराधों पर अंकुश लगाना और आरोपियों को पकड़ना होगा।

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अफसरों से लेकर जवानों तक 100 की तैनाती
पुलिस विभाग के अधिकारियों के मुताबिक नए एंटी क्राइम एंड साइबर यूनिट में साइबर सेल को मर्ज कर दिया जाएगा. इस यूनिट में करीब 80 से 100 पुलिस जवान और अफसरों की तैनाती की जाएगी. जो साइबर सेल में काम कर रहे हैं. उन्हें एंटी क्राइम यूनिट में मर्ज कर दिया जाएगा. रायपुर में हर महीने साइबर से संबंधित 20 से 30 क्राइम, प्रॉपर्टी से संबंधित 15 से 20 केस होते हैं. साइबर सेल इसकी जांच करती है. गांजा से नशीली टेबलेट तक तस्करी रोकने की जिम्मेदारी भी साइबर सेल की है. ऐसे में अब एंटी क्राइम एंड साइबर यूनिट बनाने के बाद बदमाशों को दबोचने में आसानी होगी।

रायपुर एसएसपी ने दी पूरी जानकारी
रायपुर एसएसपी प्रशांत अग्रवाल ने टेलीफोनिक बातचीत में बताया कि "हमने एंटी क्राइम एंड सायबर यूनिट का गठन किया है. इसमें चार सेल होंगे. सभी को अलग-अलग काम दिया गया है. नए एसीसीयू का गठन गृह विभाग से मिले आदेश के बाद किया गया है, ताकि अपराधियों पर नकेल कसी जा सके. इसमें अधिकारियों और जवानों की तैनाती भी कर दी गई है. इसका नेतृत्व अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक अभिषेक माहेश्वरी करेंगे. जल्द ही इस यूनिट के माध्यम से अपराध पर लगाम कसने में मदद मिलेगी।"

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